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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..05-03-2021*..🎋
✍🏻हमेशा बुरे में अच्छा ढूंढो तभी कोई बात बने अच्छे में बुराई ढूंढना ये तो दुनिया का रिवाज़ है।
💐 *Brahma Kumaris* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*🌷
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻कर्म करो तो फल मिलता है, आज नहीं तो कल मिलता है। जितना गहरा अधिक हो कुँआ, उतना मीठा जल मिलता है। जीवन के हर कठिन प्रश्न का, जीवन से ही हल मिलता है।
🌹 *σм ѕнαитι.*🌹
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♦️♦️♦️🙏 *ॐ शांति* 🙏
पुण्य का खाता *कम* होगा तो ज्ञान समझ में *नहीं* आयेगा, क्योंकि पाप अर्थात नकारात्मक और व्यर्थ चिन्तन की ऊर्जा *बुद्धि* को घेर लेती है। जिससे शुद्ध संकल्पों की अनुभूति तुरन्त नहीं आ सकती, परन्तु जैसे ही ज्ञान सुनते, पढ़ते व सुनाते जाएंगे... बुद्धि शुद्ध होती जायेगी और ज्ञान *चरित्र* में आना शुरू हो जायेगा।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
*🌹 ॐ शान्ति 🌹*
*🙏Thanks God & All🙏*
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*जिन्हें मांगते रहने की आदत है, वे हमेशा गरीब बने रहते हैं। जिन्हें दान करने और देते रहने की आदत है, वे अमीर और अमीर बनते जाते हैं..*
*Those who have a habit of asking, always remain poor. Those who have a habit of donating and giving, they become richer and richer..* _(4DQuotes)_
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*Health, Wealth, Happiness & Success is Our Godly Birthright*

देश को विश्व गुरू बनाने में जुटें ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी:
-ब्रहमाकुमारीज ने किया सामूहिक राजयोग
आज हर इंसान परेशान है। उसे नहीं पता कि शांति कैसे प्राप्त की जाती है। इसलिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से समय-समय पर सामूहिक राजयोग का आयोजन किया जाता है। ताकि राजयोगियों की किरणे इस प्रकृति में मिलकर लोगों को शांति प्रदान कर सकें। लोग राजयोग के प्रति आगे बढ रहे हैं। हर बार राजयोगियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत देश को विश्व गुरू बनाने का सपना ब्रह्माकुमारी संस्थान पूरा कर रहा है। यह संस्थान लोगों को राजयोग का मार्ग दिखा रहा है।
आज की इस भागदौड भरी जिंदगी में योग बहुत आवशयक हो चुका है और यह राजयोग तो मन को शांति प्रदान करता है। यदि मन स्वस्थ है तो शरीर भी स्वस्थ रहता है।
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👣 *फॉलो फादर -II* 👣
👑 *आज का स्वमान* 👑
👴*_𝟎𝟓 𝐌𝐀𝐑𝐂𝐇 𝟐𝟎𝟐𝟏_* 👴
🌞 *मैं भ्रकुटी की कुटिया में बैठ अन्तर्मुखता का रस लेने वाली सच्ची तपस्वीमूर्त आत्मा हूँ* 🌞
जो बच्चे अपने बोल पर कन्ट्रोल कर एनर्जी और समय जमा कर लेते हैं, उन्हें स्वत: अन्तर्मुखता के रस का अनुभव होता है। अन्तर्मुखता का रस और बोलचाल का रस - इसमें रात दिन का अन्तर है। अन्तर्मुखी सदा भ्रकुटी की कुटिया में तपस्वीमूर्त का अनुभव करता है। वो व्यर्थ संकल्पों से मन का मौन और व्यर्थ बोल से मुख का मौन रखता है इसलिए अन्तर्मुखता के रस की अलौकिक अनुभूति होती है।
🏡 *𝐌𝐀𝐃𝐇𝐔𝐁𝐀𝐍*🌳
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ॐ शांति
आपकी
दुविधा क्या है?
आपकी दुविधा यही है कि आपका
मन और ह्रदय कब कहाँ जुड़ जाते हैं
आपको स्वयं भी पता नही चलता।
अनजाने आप अपने भीतर कचरा भर लेते हैं
और फिर व्यर्थ दुखी होते हैं।
यह कचरा है संबंधों का ,अहंकार का ,
जो सर्वत्र दुर्गन्ध फैला रहा है।
अगर आपको जीवन में सुख चाहिए
आनंद चाहिये, नृत्य चाहिये तो
ध्यान से इस दुर्गुणों के कचरे को साफ करें।
ध्यान आपके दुर्गुणों को गुणों में बदल देता है।
और फिर धीरे धीरे दूरगुण भी
समाप्त हो जाते हैं और आप
गुणवान अवस्था को उपलब्ध होते हैं।
ओम शांति
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ओम शांति
*इस संसार में कोई भी ऐसा मनुष्य न हुआ होगा जिसके ऊपर सम्पूर्ण जीवनकाल में विपत्ति न आई हो | विपत्ति के समय मनुष्य अधीर हो जाता है और स्वयं को निरीह समझने लगता है , जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए | हमारे महापुरुषों ने बताया है कि विपत्ति के समय मनुष्य को धैर्य नहीं खोना चाहिए यही समय अपने धैर्य की परीक्षा का होता है | जो विपत्ति में धेर्य धारण करके विपत्ति का सामना करता है वह पहले की अपेक्षा और मजबूत होकर समाज में स्थापित होता है | और जो टूट जाता है वह फिर जीवन भर नही सम्हल पाता | अत: बड़ी से बड़ी विपत्ति में मनुष्य को दो कार्य अवश्य करना चाहिए | १- साहस , २- भगवान का आश्रय | जो भी इन दोनों का सहारा नहीं छोड़ता वह प्रत्येक विपत्ति के बाद और भी मजबूत होता रहता है | शायद इसीलिए कहा गया है :-- हारिये न हिम्मत , बिसारिये न बाबा |*
ॐ शांति
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