आज का चिंतन(सुविचार) - fastnewsharpal.com
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आज का चिंतन(सुविचार)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..11-03-2021*..🎋


✍🏻जिंदगी एक बार मिलती है बिल्कुल गलत है, दोस्तों सिर्फ मौत एक बार मिलती है, जिंदगी तो हर रोज मिलती है। बस जीना आना चाहिए।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥

✍🏻दुनिया का सबसे सुन्दर एहसास है अतीन्द्रिय सुख, जो सिर्फ प्रभु की याद से ही सम्भव है, जो इसे एक बार कर लेता है उसकी हर दुनियावी चाहत (तृष्णा) मिट जाती है।
🌹 *σм ѕнαитι.*🌹
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जैसे आत्मा और शरीर दोनों का साथ है, जब तक इस सृष्टि पर पार्ट है तब तक अलग नहीं हो सकते, ऐसे ही शिव और शक्ति दोनों का इतना ही गहरा सम्बन्ध है। जो सदा शिव मई शक्ति स्वरूप में स्थित होकर चलते हैं तो उनकी लगन में माया विघ्न डाल नहीं सकती। वे सदा साथीपन का और साक्षी स्टेज का अनुभव करते हैं। ऐसे अनुभव होता है जैसे कोई साकार में साथ हो।
सत्य नारायण कि कथा मे सत्य कौन और नारायण कौन यह बाते कही पर भी शायद आ न सके। सत्य परम आत्मा शिव को कहा जाता और नारायण भी उनकि सर्वोतम पहली साधारण मनुष्य के रुप अपने अगले जन्म मे थे। जिनके साधारण तन का आधार लिया उनको ब्रह्मा नाम दिया। ईसलिये उस कथा मे आता कि भगवान साधारण ब्राह्मण के वेश मे आये और पहेचान न पाये वैसे हम भी साधारण ब्रह्मा के तन मे आ चूके परम आत्मा को न पहचान पाये उनके ज्ञान प्रसाद का अनादर करे तो विध्न तो सदा के लिये कैसे टले? किये वायदे को उन्हे पहचाने बिना पूरा भी न कर सके।







💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*11 मार्च:-*_ धरती पर छाए काम क्रोध लोभ मोह अहंकार के असुरो का महाविनाश करने शिव का अवतरण ही महाशिवरात्रि कहलाती है।
        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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EGO ya  AHANKAR..


जब हमें किसी व्यक्ति या परिस्थिति से लगाव हो जाता है और हम यह चाहते है कि जैसा मैं सोचुंं वा कहुँ वैसा ही होना चाहिये .. एैसी स्थिति को अंहकार कहते है ।

   अहंकार को दूसरे शब्दोंमें अभिमान कहा जाता है । जहाँ अभिमान वहाँ अपमान है । इसका बहोत् अच्छा example है।

   रावण.... 

     रावण की पत्नि मंदोदरी और भाई विभिषण ने रावण को कहा कि श्री राम से क्षमा - प्रार्थना करें परंतु रावण ने कहा मैं माफ़ी नहीं मांगूँगा .. मुझे पता है कि मेरी मृत्यु श्रीराम जी के हाथों होगी और श्रीलंका का विनाश भी.. परंतु मैं क्षमा नहीं माँग शकता । क्यों कि मेरा ego hurt होता.. अभिमान को ठेस पहुँचता है। 

अंहकारी व्यक्ति क्रोधी होता है। आज  इंसान गन की बूलेट ख़त्म हो जाने के बाद भी सूट करता ही रहता है । एक विड़ीयो क्लीप में बताया गया .. 

 एक लेपर्ड ( चित्ता) एक बंदर को पकड़कर उसे मारकर बस खाने ही वाला था अचानक उस बंदर ने एक छोटेसे बच्चे को जन्म दिया । 

जब हम मार्केट जाते है तो ओफर होता है .. 1+1 ...

      हम तुरंत ख़रीद लेते है एक के साथ एक मुफ़्त होता है । उस लेपर्ड ने एैसा नहीं सोचा कि ये तो 1+1 ओफर है । एक बड़े बंदर के साथ छोटा बंदर मुफ़्त .. उल्टा उसने उस नन्ही सी जान पर ढे़र सारा प्यार लुटाया और उसकी धूप से एवं अन्य प्राणियों से रक्षा करी । 

जब एक लेपर्ड जैसा ख़ून-ख्वार प्राणी, क्रुअल एेनीमल .. अपनी नेचर को   change कर शकता है.. क्या हम मनुष्य नहीं चेंज कर शकते है ..? क्या हम ego को नहीं छोड़ सकते हैं ..? अंहकारी मनुष्य न स्वंय ख़ुश रहता ना दूसरों को ख़ुश रहने देता है।

    अहंकार से मुक्ति पाने की कुछ युक्तियाँ है .. । 

(1) शांति के गुण को अपने जीवन में धारण करना है।

(2) Acceptance  ..स्वीकार करना ।

मनुष्य जो है.. जैसा है.. उन्हें वैसे स्वीकार करना । 

(3) self realization अर्थात्

स्वयं की सत्य पहचान को जानें ।

(4) humility अथॅात्

नम्रता के कवच को हमें धारण करना चाहिये क्योंकि हम भगवान के बच्चे निमित्त है।यदि हम इन धारणाओं को अपनें जीवन में अपनाते है तो  बहोत् सहज ही निरहंकारी बन सकते है ।

           ऊँ शांति ।

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