ब्रह्माकुमारीज संस्थान मण्डला के विश्व शांति भवन के सभाग्रह में विश्व हृदय दिवस का कार्यक्रम सम्पन्न - fastnewsharpal.com
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ब्रह्माकुमारीज संस्थान मण्डला के विश्व शांति भवन के सभाग्रह में विश्व हृदय दिवस का कार्यक्रम सम्पन्न

 ब्रह्माकुमारीज संस्थान मण्डला के विश्व शांति भवन के सभाग्रह में विश्व हृदय दिवस का कार्यक्रम सम्पन्न



मण्डला :-

 "आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर प्रोजेक्ट" के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में विश्व हृदय दिवस का कार्यक्रम बस स्टैंड के पीछे स्थित "विश्व शांति भवन" में आयोजित किया गया।





इस कार्यक्रम में मण्डला क्षैत्रीय संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी, राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी, आयुर्वेदिक   डॉक्टर भ्राता डॉ. हर्ष कर्मेहे, चाइल्ड स्पेशलिस्ट (एम. डी.)डॉ. श्याम सुंदर रौटेला, जनरल फिजिशियन एवं रेसिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. तुलसी सिंगौर एवं ब्रह्माकुमार भाई बहनों के साथ स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।


 सर्वप्रथम बीके ज्योति बहन ने मंचासीन अतिथियों का बैज लगाकर और गुलदस्ते देकर स्वागत किया।


ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी ने सभी मंचासीन अतिथियों का शब्दों से स्वागत किया और सभी को बताया कि दिल से जुड़े रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। 








डॉ. तुलसी सिंगौर ने सभी को हृदय को स्वस्थ रखने के लिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम और योग को शामिल करने के लिए कहा। 


डॉ. हर्ष कर्मेहे ने सभी को विश्व हृदय दिवस पर स्वस्थ रहने के लिए बताया कि  हमे  किसी भी प्रकार की चिंता नहीं करनी है। सभी को व्यसन से दूर रहना चाहिए और साथ ही सभी को संकल्प लेना चाहिए कि किसी भी प्रकार का नशा नही करना है। 


डॉ. श्याम रौटेला ने सभी को ह्रदयघात होने के कारण और उससे  बचने के उपाय बताये। साथ ही सभी को ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा बताया जाने वाला राजयोग करने की सलाह दी और कहा कि सभी को खाने में कम से कम तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। पोषक तत्वों से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें।


ब्रह्माकुमारी ममता दीदी ने बताया कि हृदय रोग से बचने के लिए जीवन शैली को बदलना होगा। तनाव, चिन्ता, उदासी और गुस्सा के कारण हृदय रोग होते हैं । हमारे दिल को स्वस्थ रखने के लिए सभी को सात्विक आहार लेना चाहिए साथ ही व्यायाम और योग करना चाहिए। योग के माध्यम से मन में शांति की अनुभूति होगी, जिससे सकारात्मक विचार आते हैं। मन स्वस्थ रहेगा तो हमारा दिल भी स्वस्थ रहेगा, इसके लिए  सभी को राजयोग का अभ्यास जरूर करना चाहिए।


इसके बाद सभी मुख्य अतिथियों को ईश्वरीय भेंट के साथ प्रसाद दिया गया। सभी ह्रदय से संबंधित जानकारी प्राप्त कर बहुत खुश हुए।

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