छत्तीसगढ़ी लेख
छत्तीसगढ़ी लेख-- "देवारी तिहार"
الأحد، 31 أكتوبر 2021
Edit
"देवारी तिहार"
देवारी मा बढ़गे काम।
कोनो नइ करे अराम।।
लीपे पोते खोर दुवार।
तभे मानथे ये त्यौहार।।
सबझन बिहना ले उठ जाय।
धुर्रा माटी ला झर्राय।।
घर ला सुग्घर के चमकाय।
माटी दीया रोज जलाय।।
लइका मन हा गावय गीत।
बाढ़य संगी सब के प्रीत।।
जम्मो एक जगा सकलाय।
छत्तीसगढ़ी गीत सुनाय।।
बाढ़य संगी सब के शान।
राखय सबझन पुरखा मान।।
संस्कृति ला सुग्घर अपनाव।
मिलजुल देवारी ल मनाव।।
रचनाकार
प्रिया देवांगन "प्रियू"
Previous article
Next article