एक देश, एक चुनाव से लोकतंत्र को नई दिशा,आचार संहिता की बाधाएं होंगी खत्म,प्रकाश सोनी ने गिनाए फायदे :स्पष्ट राय – यही है लोकतंत्र की मजबूती का रास्ता - fastnewsharpal.com
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एक देश, एक चुनाव से लोकतंत्र को नई दिशा,आचार संहिता की बाधाएं होंगी खत्म,प्रकाश सोनी ने गिनाए फायदे :स्पष्ट राय – यही है लोकतंत्र की मजबूती का रास्ता

 एक देश, एक चुनाव से लोकतंत्र को नई दिशा,आचार संहिता की बाधाएं होंगी खत्म,प्रकाश सोनी ने गिनाए फायदे :स्पष्ट राय – यही है लोकतंत्र की मजबूती का रास्ता




गरियाबंद

“एक देश, एक चुनाव” की अवधारणा न केवल लोकतंत्र को और अधिक मज़बूती प्रदान करेगी, बल्कि इससे देश की विकास यात्रा भी सुगम और निरंतर बनेगी। यह विचार गरियाबंद के प्रबुद्ध नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश सोनी ने व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अगर देशभर में एक साथ चुनाव कराए जाएं, तो इससे लोकतंत्र की गुणवत्ता और स्थायित्व दोनों में इज़ाफा होगा।

प्रकाश सोनी ने कहा कि वर्तमान में अलग-अलग समय पर चुनाव होने के कारण पूरे देश में बार-बार आचार संहिता लागू होती है, जिससे शासकीय योजनाओं और विकास कार्यों में बार-बार बाधा आती है। एक साथ चुनाव होने से यह समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी और प्रशासनिक स्थिरता बनी रहेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव कराने में बड़ी संख्या में शासकीय कर्मचारी, पुलिस बल, स्वास्थ्य कर्मी, शिक्षाकर्मी आदि की ड्यूटी लगाई जाती है, जिससे उनकी नियमित सेवाएं बाधित होती हैं। एक बार में सभी चुनाव निपटने से इन सेवाओं में स्थायित्व आएगा और व्यवस्था बेहतर होगी।

वित्तीय दृष्टिकोण से भी एक साथ चुनाव कराना देश के लिए लाभकारी साबित होगा। बार-बार चुनावों में खर्च होने वाली विशाल राशि को बचाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में लगाया जा सकता है। इससे सामाजिक समरसता और समृद्धि को गति मिलेगी।

प्रकाश सोनी ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहलू पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों और कामकाजी वर्ग को बार-बार छुट्टी लेकर अपने गृह नगर जाकर मतदान करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।

उन्होंने कहा“एक देश, एक चुनाव से लोकतंत्र और मजबूत होगा, चुनाव प्रणाली में स्थिरता आएगी, मतदाता जागरूकता बढ़ेगी और देश के संसाधनों का सही उपयोग संभव होगा। यह केवल चुनावी सुधार नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।”

प्रकाश सोनी ने सभी राजनैतिक दलों से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और इसे राष्ट्रहित के मुद्दे के रूप में देखें।

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