आज का चिंतन(सुविचार) - fastnewsharpal.com
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आज का चिंतन(सुविचार)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..19-01-2021 

🙏🏻 🌹🌻🌹🌹🌹🥀🥀🌹 शुभ प्रभात🌹🌹🌹🌻🌹🌻🌹🌻

“🤴श्रेय मिले या ना मिले अपना श्रेष्ठ देना कभी बंद मत करना

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


*अगर "ऊपर वाले" के साथ आपके सम्बन्ध मजबूत हैं..!!**तो"धरती वाले" आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते है...!!*

*परमात्मा की तस्वीर लगाओ*

*“मन के "कक्ष" में"*

*फ़िर सारे फै़सले होंगें*“आपके "पक्ष" में"*

🌹 *σм ѕнαитι.*🌹

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🙏 *ॐ शांति* 🙏

परलोक सुधारने की व्यर्थ कोशिश छोड़ अगर इस लोक में रहते... मन, वचन और कर्म हम सुधार लें तो परलोक *स्वतः* ही सुधर जायेगा।

🌸 सुप्रभात... 

💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐

💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*19 जनवरी:-*_ हर मनुष्य अपने आप को भली भाति जानता है, उतना दूसरे नही इसलिए स्वयम के निर्णय दुसरो पर न डाले।
        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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👏🌹😊अनमोल मोती-
सारे धर्म तथा सर्व ज्ञान का मूल ही मानवता होता है, अतः जिसमें मानवता नही वह ज्ञानी नही
*ओम शांति, सुप्रभात*
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💥☝️परमपिता परमात्मा का दिव्य-रूप 💥


परमपिता परमात्मा का दिव्य-रूप एक ‘ज्योति बिन्दु’ के समान, दीये की लौ जैसा है | वह रूप अतिनिर्मल, स्वर्णमय लाल (Golden Red) और मन-मोहक है | उस दिव्य ज्योतिर्मय रूप को दिव्य-चक्षु द्वारा ही देखा जा सकता है और दिव्य-बुद्धि द्वारा ही अनुभव किया जा सकता है | परमपिता परमात्मा के उस ‘ज्योति-बिन्दु’ रूप की प्रतिमाएं भारत में ‘शिव-लिंग’ नाम से पूजी जाती है और उनके अवतरण की याद में ‘महा शिवरात्रि’ भी मनाई जाती है |


💥 निराकार’ का अर्थ 💥


लगभग सभी धर्मों के अनुयायी परमात्मा को ‘निराकार’ (Incorpeal) मानते है | परन्तु इस शब्द से वे यह अर्थ लेते है कि परमात्मा का कोई भी आकार (रूप) नहीं है | अब परमपिता परमात्मा शिव कहते है कि ऐसा मानना भूल है | वास्तव में ‘निराकार’ का अर्थ है कि परमपिता ‘साकार’ नहीं है, अर्थात न तो उनका मनुष्यों जैसा स्थूल-शारीरिक आकार है और न देवताओं-जैसा सूक्ष्म शारीरिक आकार है बल्कि उनका रूप अशरीरी है और ज्योति-बिन्दु के समान है | ‘बिन्दु’ को तो ‘निराकार’ ही कहेंगे | अत: यह एक आश्चर्य जनक बात है कि परमपिता परमात्मा है तो सूक्ष्मतिसूक्ष्म, एक ज्योति-कण है परन्तु आज लोग प्राय: कहते है कि वह कण-कण में है |


              ओम शांति

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