*मां के दूध से पहले पी पोलियो की दो बूंद* - fastnewsharpal.com
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*मां के दूध से पहले पी पोलियो की दो बूंद*

 *राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान का हुआ शुभारंभ*



*मां के दूध से पहले पी पोलियो की दो बूंद*


*दिव्यांग चाचा और पिता भी अपने बच्चों को लेकर पहुंचे बूथ*


 

रायपुर 

राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान का जिला स्तरीय शुभारंभ सिविल लाइन स्थित छत्तीसगढ़ क्लब में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती  डोमेश्वरी वर्मा के द्वारा बच्चों को दो बूंद पोलियो की खुराक पिलाकर किया गया ।



इस अवसर पर रायपुर जिला की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल, जिला टीकाकरण अधिकारी ,रायपुर डॉ.अनिल कुमार परसाई, डब्ल्यूएचओ के स्थानीय प्रतिनिधि डॉ.नितिन पाटिल, सहायक सांख्यिकी अधिकारी दिलीप बंजारे, मीडिया प्रभारी गजेंद्र डोंगरे , कार्यालय सहायक राज यदु  मौजूद थे।



   इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती श्रीमती  डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि पल्स पोलियो की दो बूंद खुराक हमें जीवन के शारीरिक संघर्ष में मजबूत बनाती है । पोलियो से होने वाली हानि को रोकती है । सभी माताएं अपने शिशुओं को पोलियो बूथ तक लेकर जाएं और उन्हे दो बूंद जिंदगी की पिलवाकर मजबूत बनाएं ।


   अभियान  की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान 31 जनवरी से 2 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। अभियान में जिले के 3.42 लाख से अधिक बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाया जाएगा।



     जिला टीकाकरण अधिकारी रायपुर डॉ.अनिल कुमार परसाई ने बताया कि अभियान के अंर्तगत शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक ‘’दो बूंद हर बार पोलियो पर जीत रहे बरकरार’’ मंत्र के साथ पिलाई जा रही है । इसके लिए 31 जनवरी को बूथ में एवं 1 तथा 2 फरवरी को घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चो को पोलियो की खुराक दी जाएगी ,ताकि कोई भी बच्चा खुराक पीने से वंचित न रहे पाए। जिले में 1,370 से अधिक बूथ बनाए गए है। प्रत्येक बूथपर 4 टीका कर्मी की व्यवस्था की गई कुल 5,480 टीकाकर्मियों का सहयोग रहा। इसी तरह 40 ट्रांजिट टीमें  का गठन किया गया था। 8 ट्रांजिट पर्यवेक्षकों की व्यवस्था की गई थी । 45 मोबाइल टीमों की व्यवस्था की गई थी जिसमें कुल 180 सदस्य मौजूद थे । 9 मोबाइल पर्यवेक्षकों की व्यवस्था कार्यक्रम को सफल बनाने में की गई थी।


डॉ. परसाई ने कहा “पल्स पोलियो अभियान को सफल करने के लियें महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी संचालित किया गया था। विशेष रुप में हाई रिस्क एरिया, रेल्वे बस्ती, घुमन्तु परिवार, ईंट भट्ठा, अर्बन स्लम आदि का चिन्हांकन एवं पल्स पोलियो के हितग्राही 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का चिन्हांकन किया गया  एवं सभी चिन्हांकित पोलियो बूथ पर पोलियों की खुराक निर्धारित समय पर पिलाई गई”।


     ग्राम चिचोली के 34 वर्षीय किशन साहू जो पोलियो के कारण दिव्यांग है , लेकिन उन्होंने अपनी 4 वर्षीय बेटी सारिका और 2 वर्षीय बेटे ज्ञानेश को दो बूंद जिंदगी की पिलाकर पोलियो पर विजय हासिल कराई है। इसी तरह नीलम बघेल प्रगति नगर, मोवा निवासी के अपने 4 वर्षीय भतीजे सूर्यांश और ढाई वर्षीय भतीजे करन बघेल को पोलियो की दो बूंद खुराक पिलाकर राष्ट्रीय सघन पोलियो अभियान को सफल बनाया है ।


    ग्राम चिचोली तिल्दा निवासी 34 वर्षीय किशन साहू कहते हैं कि 0 से 5 साल के बच्चों के माता-पिता को चाहिए कि वह नियमित रूप से आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान में अपने बच्चों को पोलियो बूथ पर दो बूंद अवश्य पिलवाने के लिए जाना चाहिये ।  यह एक सम्मान का कार्य है,गर्व का कार्य है, यदि आपका बच्चा पोलियो की खुराक पीने से चूक जाता है तो उसका खामियाजा उसे जीवन भर भुगतना पड़ सकता है ।


इसी तरह दिव्यांग नीलम बघेल का कहना है कि ग्रामीण परिवेश होने के कारण माता-पिता नहीं जानते थे , कि पोलियो को रोकने की खुराक मौजूद है अगर वह इस चीज को जानते तो आज मैं भी आम लोगों की तरह सामान्य होता दिव्यांग नहीं।मैं नियमित रूप से अपने भतीजे और भतीजी को लेकर अभियान के दिन बूथ पर आता हूं । साथ ही अपने क्षेत्र के लोगों से भी बूथ तक पहुंचे और अपने बच्चों को दो बूंद जिंदगी की खुराक के लिए प्रेरित भी करता हूं ।



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