*एसकेएस कम्पनी प्रबंधन की वादा खिलाफी क्यों बनी पुलिस बस में आगजनी की वजह : -भूपेन्द्र निर्मलकर*
*एसकेएस कम्पनी प्रबंधन की वादा खिलाफी क्यों बनी पुलिस बस में आगजनी की वजह : -भूपेन्द्र निर्मलकर*
रायपुर
राज्य सरकार, छत्तीसगढ़ के उद्योगों में श्रमिकों के उचित वेतनमान, सुरक्षा व अन्य सुविधाओं को लेकर अपनी गुणगान करते नहीं थकती, मगर जमीनी सच्चाई को देखा जाए तो सरकार का इस क्षेत्र में योगदान कोसों दूर तक नजर नहीं आती। प्रदेश के श्रमिक अपने साथ कम्पनी प्रबंधन द्वारा शोषण के आग में जल रहा हैं। 19 अगस्त को सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र के एसकेएस इस्पात में अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे श्रमिकों के साथ एसकेएस कम्पनी प्रबंधन के वादाखिलाफी से आक्रोशित होकर पुलिस वेन में आगजनी की वज़ह बन गई।
युवा श्रमिक नेता भूपेन्द्र निर्मलकर ने बताया लम्बे समय से एसकेएस इस्पात के श्रमिक उचित वेतनमान, ईपीएफ में गड़बड़ी के संसोधन और अन्य जरूरी सुविधाओं को लेकर प्रबंधन से बात कर रहे थे, इसके विपरित बिना आश्वासन के कम्पनी ने कुछ नहीं किया। जब श्रमिक अपने आपको ठगा महसूस करने लगे तो वे कम्पनी प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल दिया, एक माह पहले श्रमिकों के हड़ताल के कारण कम्पनी में कार्य संचालन काम रूकता हुआ देख एसकेएस इस्पात प्रबंधन ने श्रमिकों के तमाम मांगों को मानने का वादा कर सभी श्रमिकों को काम पर लौटने की बात कहीं थी तब श्रमिकों ने हड़ताल खत्म कर दिया।
एक माह बाद वही प्रबंधन ने श्रमिकों के मांगों को बेबुनियाद बता उनकी मांगों को मानने से इनकार कर दिया जिससे श्रमिक आक्रोशित हो गए और पुन: आन्दोलन पर बैठ गए। गुरुवार को एसकेएस प्रबंधन ने श्रमिकों से मिलकर बात करने की बात कही, लेकिन प्रबंधन ने श्रमिकों से मिलना दूर उल्टा पुलिस प्रशासन को लाकर खड़ा कर दिया, पुलिस श्रमिकों से बदसलूकी करने लगे। जिससे नाराज़ श्रमिकों ने उत्तेजित होकर पुलिस बस को आग लगा दिया। प्रबंधन द्वारा शोषित मजदूर को सीधे पुलिस प्रशासन के आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया, कुछ श्रमिकों को पुलिस गिरफ्तार कर ले गई। आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन है, स्थानीय जनप्रतिनिधि व जिम्मेदार अधिकारी व प्रशासन अभी तक चैन की नींद सो रहे हैं या यूं कहें सत्ता के नशे में चूर है।