जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी : गरियाबंद में निकला चादरी जुलूस, अमन-चैन की दुआओं से गूंजा शहर - fastnewsharpal.com
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जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी : गरियाबंद में निकला चादरी जुलूस, अमन-चैन की दुआओं से गूंजा शहर

 जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी : गरियाबंद में निकला चादरी जुलूस, अमन-चैन की दुआओं से गूंजा शहर



गरियाबंद

 पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी जिले में परंपरागत हर्षोल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर नगर की मस्जिदों और गली–मोहल्लों में आकर्षक सजावट की गई। मुस्लिम धर्मावलंबी बड़ी संख्या में मस्जिदों में नमाज अदा करने पहुंचे, जहां बच्चों और युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिला।



सुन्नी हनफी गरियाबंद मुस्लिम समाज द्वारा शुक्रवार  को पारंपरिक चादरी जुलूस निकाला गया। ईद मिलाद-उन-नबी कमेटी की अगुवाई में जुलूस जामा मस्जिद से शुरू होकर तिरंगा चौक, गौरव पथ, शारदा चौक, शिक्षक नगर, संतोषी मंदिर, बस स्टैंड और नाका पारा चौक होते हुए पुनः जामा मस्जिद पहुंचा। यहां शहर के उलेमा और इमामों ने तकरीर पेश करते हुए देश में अमन, भाईचारा और सौहार्द की दुआ मांगी।


इस मौके पर मुस्लिम समाज के लोगों ने बच्चों एवं बुजुर्गों को फल-मिठाई बांटी और नोजवान एकता द्वारा लंगर का आयोजन भी किया गया। जगह-जगह मस्जिदों और घरों को रोशनी से सजाया गया तथा छोटे-बड़े सभी वर्गों ने मिलकर पैगंबर साहब की याद में इंसानियत और शांति का संदेश दिया।


सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी

जुलूस-ए-मोहम्मदी को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क नजर आया। थाना प्रभारी ओम प्रकाश यादव ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया था। जुलूस के साथ भी पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैदी से लगे रहे।


जमात के सदस्य सोहेल मेमन ने कहा कि चादरी जुलूस में बच्चे, युवा और बुजुर्गों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि पैगंबर साहब ने पूरी दुनिया को इंसानियत और मोहब्बत का पैगाम दिया, जिससे आज भी प्रेरणा मिलती है।


समाजसेवी इमरान मेमन ने मुस्लिम समुदाय और जिलेवासियों को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद देते हुए कहा कि यह पर्व भाईचारा, अमन और एकता का प्रतीक है। पैगंबर साहब की शिक्षाएं हमें इंसानियत, आपसी मोहब्बत और सच्चाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे त्यौहार समाज में शांति और सौहार्द के पुल बनाने का काम करते हैं और हर वर्ग के लोगों को मिलजुलकर आगे बढ़ने का संदेश देते हैं।

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