आज का सुविचार - fastnewsharpal.com
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आज का सुविचार

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..29-10-2020*..🎋


✍🏻स्वीकार करने की हिम्मत और सुधार करने की नीयत हो तो भूल में से भी इंसान बहुत कुछ सीख सकता है।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷


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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻चरित्र एक वृक्ष है और प्रतिष्ठा यश सम्मान उसकी छाया, लेकिन विडंबना यह है कि वृक्ष का ध्यान बहुत कम लोग रखते हैं और छाया सबको चाहिए।

🌹 *σм ѕнαитι.*🌹


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*🌹  ॐ  शान्ति  🌹*

*🙏Thanks God & All🙏*

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*कुछ नेकियाँ ऐसी भी करें, जिनका खुदा के सिवा कोई गवाह ना हो। गुप्त दान, महा पुण्य..*


*Do some charity which have no witness except God. Incognito donations become sacred deeds..*

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*Health, Wealth, Happiness & Success is our Godly Birthright*


*🌹  ॐ  शान्ति  🌹*

*🙏Thanks God & All🙏*

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*धैर्य एक शक्ति है। धैर्य यह नहीं कि आप कुछ प्रतिक्रिया न करें, किन्तु सही समय, सही स्थिति, सही परिस्थिति पर उपयुक्त कार्रवाई करना है..*


*Patience is a Power. Patience is not the absence of action, it's to wait for the right time, right state, right situation and suitable action..*

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*Health, Wealth, Happiness & Success is our Godly Birthright*

आंतरिक बल 799


-कल्पना और प्रेम 


-जिस रूप मेंं आप अन्य व्यक्तियों का दर्शन करते हैं,  अन्य व्यक्ति भी आप के अंदर वैसा ही प्रति दर्शन करते हैं । 


-इस लिये सदा दूसरों को देखते ही सोचो आप शांत हो आप प्रेम  स्वरूप हो,  आप आंनद स्वरूप हो ।  वह भी आप के बारे यही बोलने लगेगे । 


-प्रत्येक व्यक्ति को आप से कुछ न कुछ अपेक्षाएं हैं । 


-हकीकत यह है  क़ि आप एक छोटे से  बच्चे की  भी भौतिक   अपेक्षाएं  पूरी  नहीँ कर सकते,  विश्व का तॊ कहना ही  क्या । 


-प्रेम की   शक्ति के द्वारा  पूरे संसार की  भौतिक और अभौतिक आवश्यकताएं पूरी कर सकते हैं  । 


-आज दुनिया मेंं सब कुछ है  परन्तु प्रेम नहीँ है । इस लिये हमें  प्रेम को   जीवन मेंं लाना ही है,  क्योकि -


-प्रेम ही ईश्वर है ।  


-प्रेम ही प्रार्थना है ।


 -प्रेम ही स्वर्ग है । 


-प्रेम ही कामधेनु है । 


-प्रेम ही जीवन है । 


-प्रेम के कारण ही हम विकास के कार्य करते है । 


-प्रेम ही उत्साह है । 


-अगर लोग   आप से मधुर व्यवहार  नहीँ करते हैं  तॊ आप को मन मेंं कोई न  कोई  दुविधा घेरे रखेगी । 


- इसलिए परिवार,  कार्य स्थल,  क्रीड़ा स्थल, मनोरंजन स्थल, पूजा  स्थल या जहां भी आप की  लोगों से भेंट होती है । उन  स्थानो पर उपस्थित लोगों से मन,  वचन और कर्म से स्नेह करें । 


-अगर भगवान के बिंदु रूप को या इष्ट को देखते हुए   केवल  कल्पना मेंं सभी को स्नेह देते रहे तब भी वह लोग सचमुच  प्रेम का अनुभव करेगें । 


-भूखे,  गरीब,  आश्रयहीन एवं  शोषित व्यक्तियों के प्रति भी कल्पना मेंं प्रेम करते रहें ।  उन्हे बहुत बल मिलेगा । 


-संसार की  सभी समस्याओ का हल केवल और केवल प्रेम है  ।  इस लिये मन मेंं हर पल भगवान के इस गुण का सिमरन करते रहें क़ि  आप प्यार के सागर हैं  । 







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