आज का चिंतन(सुविचार) - fastnewsharpal.com
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आज का चिंतन(सुविचार)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..27-02-2021*..🎋


✍🏻पृथ्वी पर कोई भी ऐसा नहीं है जिसको समस्या न हो और पृथ्वी पर कोई समस्या ऐसी नहीं है, जिसका कोई समाधान न हो।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻जैसे फल और फूल किसी की प्रेरणा के बिना ही अपने समय पर वृक्षों में लग जाते है उसी प्रकार किये हुए अच्छे और बुरे कर्म भी अपने आप  जीवन में स्वतः फल देने आते रहते हैं।

🌹 *σм ѕнαитι.*🌹

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      ओम शांति
*संसार में कितने ही लोग सदा निराश ही रहते हैं। और ऐसा सोचते हैं कि *हम क्या कर सकते हैं हमारी कोई शक्ति नहीं है. संसार के नेता तो कुछ विशेष लोग ही होते हैं* ।  *इस प्रकार से निराशाजनक विचारों वाले लोग जीवन में कभी उन्नति नहीं कर पाते ।*
*जो संसार के नेता होते हैं  विशेष कार्यों को करते हैं,  उनमें भी वैसी ही आत्मा होती है जैसी कि इन निराशावादियों में ।* 
*यदि ये निराशावादी लोग आशावादी बनें,  तो ये भी कुछ विशिष्ट कार्य करके समाज का नेतृत्व कर सकते हैं ।*
*इसलिए कभी भी निराश ना हों, आशावादी बनें, उत्साही बनें, बुद्धिमान बनें, दूरदर्शी बनें, शक्ति साहस धैर्य को धारण करें। अपने जीवन का लक्ष्य बनाएं । छोटे छोटे लक्ष्य भी बनाँ, और अंतिम बड़ा लक्ष्य मोक्ष भी निर्धारित करें । इसे मुख्य लक्ष्य के रूप में निर्धारित करें , और पूरे पुरुषार्थ के साथ लग जाएं । ईश्वर आपको अवश्य सफलता देगा।*
           ॐ शांति
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    ओम शांति
*जिंदगी एक खेल हैं और चुनौतियाँ इस खेल का अभिन्न हिस्सा हैं, जो इसको और रोमांचक  बनाती हैं| कुछ लोग इस खेल को समझ नहीं पाते और वे मुसीबतों व चुनौतियों को अपना दुश्मन मान बैठते हैं, जबकि हर मुसीबत अपने साथ एक शानदार उपहार लेकर आती हैं|*

*एक ऐसा उपहार, जो आपको हार बार यह विश्वास दिलाता हैं कि आप कुछ भी कर सकते हैं, आपके लिए नामुनकिन कुछ भी नहीं|यह उपहार व्यक्ति तभी प्राप्त कर पाता हैं जब वह धैर्य और साहस के साथ उस मुसीबत का सामना कर लेता हैं|जो लोग चुनौतियों और मुसीबतों से घबरा जाते हैं, वे इससे कभी भी आगे नहीं बढ़ पाते|*
     ॐ शांति
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💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*27 फरबरी:-*_ अगर दुःख की फीलिंग से बचना है तो किसी से आश मत रखिये, आश सिर्फ *भगवान* पर रखिये।
        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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मन्सा सेवा के लिए शुभ भावनाओं के
              मोती 
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  मैं  श्रेष्ठ आत्मा परमपिता परमात्मा की छत्रछाया के नीचेे बैठकर यह शुभ संकल्प करती हूँ कि....................                                         💐💐💐💐💐💐💐💐
 भृकुटी सिंहासन पर विराजमान मुझ मास्टर त्रिकालदर्शी स्वदर्शन चक्रधारी आत्मा के प्यारे परम बेटा शिवबाबा, संसार की समस्त आत्माएं व सर्व ब्राह्मण परिवार सदा के लिए मुक्ति-जीवनमुक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार प्राप्त कर लें।

            ┈━═☆ओम शांति ┈━═                                                                                                            💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐


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🌺 *जब ब्राह्मण बनना ही है तो पक्का बनना है ,कच्चा बनने से क्या फायदा* 🌺

जैसे-पढ़ाई तब तक पढ़ी जाती है जब तक पास नहीं हो जाते। तो अनेक जन्मों जितना जमा किया है? कभी भी विनाश हो जाये तो आपका जमा रहेगा ना! या कहेंगे थोड़ा समय मिले तो और कर लें? अभी और टाइम चाहिए? एवररेडी हो? आप यहाँ आये हो और यहीं विनाश शुरू हो जाए तो सेन्टर या सेन्टर का सामान याद आयेगा? कुछ याद नहीं आयेगा। इतने बेफिक्र बादशाह बने हो ना! जब देह भी अपनी नहीं तो और क्या अपना है! तन, मन, धन-सब दे दिया ना! जब संकल्प किया कि सब-कुछ तेरा, तो एवररेडी हो गये ना। सभी ने दृढ़ संकल्प कर लिया है कि मैं बाप की और बाप मेरा। संकल्प किया या दृढ़ संकल्प किया? कोई फिक्र नहीं है। कोई ऐसी खबर आ जाये तो फिक्र होगा? फ्लैट याद नहीं आयेगा? अच्छा है, पक्के हैं। जब ब्राह्मण बनना ही है तो पक्का बनना है , कच्चा बनने से क्या फायदा ! जीते -जी मर गए कि थोड़ा -थोड़ा सा चलता है? कहां श्वास छिप तो नहीं गया है?🌺🌺

                 🔮 20-12-1992🔮

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♦️♦️♦️ रात्रि कहांनी ♦️♦️♦️



*#मैं_रिश्ते_बनाए_रखना_🏵️चाहती_हूँ😊*

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 "भाभी आपकी पिंक वाली साड़ी चाहिए, मेरी फ्रैंड की शादी है"|

 राधिका की ननद साक्षी ने राधिका से कहा तो राधिका बोली "इसमें पूछने की क्या बात है! अलमारी खुली है, जाओ ले लो|"

 तो साक्षी बोली "भाभी मेकअप भी आपको करना पड़ेगा" राधिका मुसकुराते हुए बोली|

 "अच्छा ठीक है" कहकर अपने अतीत में चली गई|

 राधिका के दो बड़े भाई थे| उनकी शादियाँ हुई, लेकिन भाभियाँ कभी राधिका से प्यार नहीं करती थी और उसकी मम्मी से भी अच्छा व्यवहार नहीं करती थी| राधिका ने सिर्फ एक बार अपनी भाभी से बैग माँगा था तो भाभी ने बहुत अपमानित करते हुए कहा था "इतने महंगे बैग की औकात नहीं है तुम्हारी| ये मेरे मायके से मिला है"|

 जबकि राधिका के भाई की तनख्वाह भी बहुत अच्छी थी, घर में कोई कमी नहीं थी, राधिका के पापा की भी बहुत अच्छी नौकरी थी| बस भाभियों को राधिका पसंद नहीं थी क्योंकि राधिका अपने भाईयों की लाडली थी| लेकिन बहुत समझदार थी, कभी भी अपने भाई से भाभी की शिकायत नहीं करती थी| राधिका के संस्कार बहुत अच्छे थे, वो रिश्ते बनाने में विश्वास रखती थी|

 राधिका की शादी बहुत अच्छे परिवार में हुई, राधिका की शादी बहुत धूमधाम से हुई| उसके मम्मी पापा ने कोई कमी न रखी| उसके पति नीरज इंजीनियर थे और बहुत संपन्न परिवार था|

 राधिका अपनी ननद साक्षी से बहुत प्यार करती, कभी बहन और कभी सहेलियां बन जाती वो दोनों| सासुमाँ राधिका के व्यवहार से खुश भी थी और संतुष्ट भी थी कि बहु अच्छी है तो मेरी बेटी का मायका सदा बना रहेगा| राधिका ससुराल में बहुत खुश थी और उसके व्यवहार से ससुराल वाले भी बहुत खुश थे, राधिका ने सबके दिलो को जीत लिया था|

 शादी के दो महीने बाद राधिका का जन्मदिन था तो नीरज ने उसे एक बहुत ही खूबसूरत पिंक साड़ी उपहार में दी और साथ ही एक डायमंड रिंग भी| सासुमाँ ससुर जी ने भी उपहार दिया| बहुत अच्छी तरह राधिका का जन्मदिन मनाया, राधिका के मायके से भी सब आए थे|

 साक्षी की फ्रैंड की शादी थी तो साक्षी वही पिंक साड़ी पहनना चाहती थी, उसने पूछा तो राधिका बोली पूछने की क्या बात है| राधिका ने साक्षी को अपने हाथो से साड़ी पहनाकर मेकअप किया| साक्षी खुश थी और राधिका की सासुमाँ बहुत खुश थी|

 साक्षी घर से निकलने ही वाली थी, राधिका की भाभी अपने भाई का शादी कार्ड देने आ पहुँची और साक्षी को पिंक साड़ी पहने देखा तो राधिका को एक तरफ ले जाकर बोली "ये साड़ी तो तुम्हारे पति ने उपहार में दी है, तुमने अपनी ननद को क्यों दी?"

 तो राधिका बोली "भाभी रिश्ते ऐसे ही होते हैं| प्यार, सामान से नहीं अपनों से होता है| साक्षी के पहनने से साड़ी घिस नहीं जाएगी| बस साक्षी का दिल खुश हो जाएगा| अगर वो खुश तो मैं खुश| हमारे यहाँ तेरी मेरी नहीं, सबका समान अधिकार है| आज तो साड़ी की बात है, अगर अपने गहने भी देने पड़े तो भी मैं जरूर दूँगी क्योंकि यहाँ प्यार की कमी नहीं है| मैं रिश्ते बनाए रखना चाहती हूँ| साक्षी को किसी चीज की कमी नहीं है, उसके माता-पिता और भाई सक्षम हैं, ये तो बस ननद भाभी का प्यार है"|

 भाभी तो चुप हो गई, लेकिन नीरज और सासुमाँ बहुत खुश थे क्योंकि राधिका की आवाज उन तक भी पहुँच रही थी|

 *क्या आप राधिका की बात से सहमत हैं?🙏🙏🙏🙏*

 


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