सड़क के लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण तो झुके उधोग पति
सड़क के लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण, तो झुके उधोगपति
सुरेंद्र जैन/धरसींवा
उद्योगों के उपयोग से जर्जर हुई चरोदा दौंदे कला प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क को लेकर जब पांच गांव के ग्रामीण सड़क पर उतरे तो उद्योगों की तानाशाही चूर हो गई और वह ग्रामीणों के सामने झुकने तैयार हुए....दरअसल रायपुर बिलासपुर हाइवे से दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली चरोदा दौंदे कला पीएम सड़क ग्रामीणों के उपयोग के लिए बनी थी लेकिन दर्जनभर औद्योगिक इकाइयों द्वारा इस पर अपने भारी वाहनों के चलते यह जर्जर होकर ग्रामीणों के लिए मौत का कारण बन गई ओर इस सड़क पर आए दिन दुर्घटनाएं होने लगी.....
ग्रामीणों द्वारा कई बार धरना प्रदर्शन के बाबजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन का मन बनाया और 5 जून से मोहदी टाडा नगरगांव गौडी टोर अकोली आदि गांवों के ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी....सड़क के लिए सड़क पर ग्रामीणों के उतरते ही औद्योगिक इकाइयों में खलबली मच गई और जो कल तक ग्रामीणों की सुनते नहीं थे वह सभी ग्रामीणों से चर्चा करने पहुंच गए....तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे की मौजूदगी में ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ओर कांग्रेस नेताओं के बीच चर्चा हुई जिसमें उद्योगों ने ग्रामीणों को मांग मानते हुए सड़क निर्माण सड़क के दोनों तरफ रोशनी की व्यवस्था प्रदूषण पर अंकुश ग्रामीणों को सम्मान आदि मांगो को पूर्ण करने का वादा किया तब कहीं जाकर ग्रामीणों का आंदोलन समाप्त हुआ....स्थानीय नेता दुर्गेश वर्मा भावेश बघेल रवि लहरी एवं ग्राम पंचायत प्रतिनिधि शालिक निषाद दयानंद निषाद निर्मल ढेवर दर्शन वर्मा हेमंत वर्मा ने कहा कि जो सड़क ग्रामीणों के लिए बनी उसका उपयोग उद्योगों द्वारा करना अनुचित है और यदि उधोग उसका उपयोग कर रहे तो उसका समुचित रखरखाव भी उन्हें करना चाहिए था ग्रामीणों के आंदोलन के बाद उद्योगों ने जो वादा किया उसे वह जल्द पूरा करें।