🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃
💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..04-03-2021*..🎋
✍🏻लंका के रावण से ज्यादा खतरनाक है शंका का रावण जो समझ और विवेक का हरण कर लेता है।
💐 *Brahma Kumaris* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*🌷
🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃
♻🍁♻🍁♻🍁♻🍁♻
💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻शब्द यात्रा करते हैं, इसलिए पीठ पीछे भी किसी की निंदा न करें! अपनी आलोचना को धैर्य से सुनें, यह हमारी जिंदगी की मैल हटाने में साबुन का काम करती है हर चीज उठाई जा सकती है सिवाए गिरी हुई सोचके।
🌹 *σм ѕнαитι.*🌹
♻🍁♻🍁♻🍁♻🍁♻
🙏 *ॐ शांति* 🙏
पुण्य का खाता *कम* होगा तो ज्ञान समझ में *नहीं* आयेगा, क्योंकि पाप अर्थात नकारात्मक और व्यर्थ चिन्तन की ऊर्जा *बुद्धि* को घेर लेती है। जिससे शुद्ध संकल्पों की अनुभूति तुरन्त नहीं आ सकती, परन्तु जैसे ही ज्ञान सुनते, पढ़ते व सुनाते जाएंगे... बुद्धि शुद्ध होती जायेगी और ज्ञान *चरित्र* में आना शुरू हो जायेगा।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷
अनमोल वचन :
असल में न तो कोई हमारा कुछ बुरा करता है न हमारे साथ बुरा व्यवहार करता है, जैसा-जैसा हमें अपने कर्मों का फल मिलने वाला होता है, कुदरत हमारे साथ लोगों से उसी के अनुसार व्यवहार करवाती है। इसलिए हमें कभी किसी को दोष नहीं देना चाहिए, नियमित रूप से श्रद्धा,प्रेम और भक्ति करते रहने से मनुष्य इन बातों से ऊपर उठ जाता है।
🙏ओम् शान्ति 🙏
💥आपका दिन शुभ हो 💥
🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷
🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚
ॐ शांति
*अगर हमसे अनायास एक गलती हो जाती है तो जरूर वह क्षम्य है*
*मगर उसे छुपाने के लिए झूठ बोलकर दूसरी गलती करना यह जरूर दंडनीय है।*
*भूल होना कोई समस्या नहीं, बिना भूल किये कुछ सीखने को नहीं मिलता।*
*एक भूल को कई बार करना यह जरूर चिंता का विषय है।*
*भूल को छिपाना यह और भी खतरनाक है।*
*झूठ उस कवर की तरह है जिसमें उस समय तो दोष ढक जरूर जाते हैं मगर नष्ट नहीं हो पाते।*
*समय आने पर वो छोटी भूल बड़ी गलतियों का कारण बन जाती हैं।*
*गलती हो जाए तो उसे स्वीकारना सीखो।*
*आपका स्वीकारना ही आपको दूसरों की नजरों में क्षमा का अधिकारी बना देगा।*
*भूल होना "प्रकृति" है,*
*मान लेना "संस्कृति" है,*
*सुधार लेना "प्रगति" है।*
ओम शांति
🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚

🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
ॐ शांति
*तीन बातें कभी न भूलें -*
प्रतिज्ञा करके, क़र्ज़ लेकर और विश्वास देकर। -
*तीन बातें करो -*
उत्तम के साथ संगीत, विद्वान् के साथ वार्तालाप और सहृदय के साथ मैत्री। -
*तीन अनमोल वचन -*
धन गया तो कुछ नहीं गया, स्वास्थ्य गया तो कुछ गया और चरित्र गया तो सब गया।
*तीन से घृणा न करो -*
रोगी से, दुखी से और निम्न जाती से
*तीन के आंसू पवित्र होते हैं -*
प्रेम के, करुना के और सहानुभूति के
*तीन बातें सुखी जीवन के लिए-*
अतीत की चिंता मत करो, भविष्य का विश्वास न करो और वर्तमान को व्यर्थ मत जाने दो।
*तीन चीज़ें किसी का इन्तजार नहीं करती*
समय, मौत, ग्राहक।
*तीन चीज़ें जीवन में एक बार मिलती है -*
मां, बांप, और जवानी।
*तीन चीज़ें पर्दे योग्य है -*
धन, स्त्री और भोजन।
*तीन चीजों से सदा सावधान रहिए -*
बुरी संगत, परस्त्री और निन्दा।
*तीन चीजों में मन लगाने से उन्नति होती है*
- ईश्वर, परिश्रम और विद्या।
*तीन चीजों को कभी छोटी ना समझे -*
बीमारी, कर्जा, शत्रु।
*तीनों चीजों को हमेशा वश में रखो -*
मन, काम और लोभ।
*तीन चीज़ें निकलने पर वापिस नहीं आती -*
तीर कमान से, बात जुबान से और प्राण शरीर से।
*तीन चीज़ें कमज़ोर बना देती है -*
बदचलनी, क्रोध और लालच।
*तीन चीज़े असल उद्धेश्य से रोकता हैं -*
बदचलनी, क्रोध और लालच।
*तीन चीज़ें कोई चुरा नहीं सकता*
- अकल, चरित्र, हुनर।
*तीन व्यक्ति वक़्त पर पहचाने जाते हैं -*
स्त्री, भाई, दोस्त।
*तीनों व्यक्ति का सम्मान करो -*
माता, पिता और गुरु।
*तीनों व्यक्ति पर सदा दया करो -*
बालक, भूखे और पागल।
*तीन चीज़े कभी नहीं भूलनी चाहिए -*
कर्ज़, मर्ज़ और फर्ज़।
*तीन बातें कभी मत भूलें -* उपकार, उपदेश और उदारता।
*तीन चीज़े याद रखना ज़रुरी हैं -*
सच्चाई, कर्तव्य और मृत्यु।
*तीन बातें चरित्र को गिरा देती हैं*
- चोरी, निंदा और झूठ।
*तीन चीज़ें हमेशा दिल में रखनी चाहिए -*
नम्रता, दया और माफ़ी।
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸

♦️♦️♦️ रात्रि कहांनी ♦️♦️♦️
*👉🏿सुंदर हाथ➖*🏵️
🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅
*बहुत समय पहले की बात है कुछ महिलाएं एक नदी के तट पर बैठी थी वे सभी धनवान होने के साथ-साथ अत्यंत सुंदर भी थी वे नदी के शीतल एवं स्वच्छ जल में अपने हाथ - पैर धो रही थी तथा पानी में अपनी परछाई देख- देखकर अपने सौंदर्य पर स्वयं ही मुग्ध हो रही थी...तभी उनमें से एक ने अपने हाथों की प्रशंसा करते हुए कहा, देखो, मेरे हाथ कितने सुंदर है.. लेकिन दूसरी महिला ने दावा किया कि उसके हाथ ज्यादा खूबसूरत हैं तीसरी महिला ने भी यही दावा दोहराया... उनमें इस पर बहस छिड़ गई तभी एक बुजुर्ग लाठी टेकती हुई वहाँ से निकली उसके कपड़े मैले- कुचैले थे वह देखने से ही अत्यंत निर्धन लग रही थी उन महिलाओं ने उसे देखते ही कहा, “व्यर्थ की तकरार छोड़ो, इस बुढ़िया से पूछते हैं कि हममें से किसके हाथ सबसे अधिक सुँदर है.. उन्होंने बुजुर्ग महिला को पुकारा, “ए बुढ़िया, जरा इधर आकर ये तो बता कि हममें से किसके हाथ सबसे अधिक सुँदर है..बुजुर्ग किसी तरह लाठी टेकती हुई उनके पास पहुंची और बोली -मैं बहुत भूखी-प्यासी हूँ, पहले मुझे कुछ खाने को दो ,चैन पड़ने पर ही कुछ बता पाऊँगी... वे सब महिलाँए हँस पड़ी और एक स्वर में बोलीं -जा भाग, हमारे पास कोई खाना- वाना नहीं है ये भला हमारी सुँदरता को क्या पहचानेगी...*
*वही थोड़ी ही दूरी पर एक मजदूर महिला बैठी थी वह देखने में सामान्य लेकिन मेहनती और विनम्र थी उसने बुजुर्ग को अपने पास बुलाकर प्रेम से बैठाया और अपनी पोटली खोलकर अपने खाने में से आधा खाना उसे दे दिया फिर नदी से लाकर ठंडा पानी पिलाया,फिर उस मजदूर महिला ने उसके हाथ-पैर धोए और अपनी फटी धोती से पौंछकर साफ कर दिए इससे बुजुर्ग महिला को बड़ा आराम मिला जाते समय वह बुजुर्ग उन सुँदर महिलाओं के पास जाकर बोली -सुँदर हाथ उन्हीं के होते हैं जो अच्छे कर्म करें तथा जरूरतमंदों की सेवा करें.. अच्छे कार्यों से हाथों का सौंदर्य बढ़ता है, आभूषणों से नही..।।*
🌸🌹🌸🌹🌸🌹🌸