आज का चिंतन(सुविचार)
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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..11-03-2021*..🎋
✍🏻जिंदगी एक बार मिलती है बिल्कुल गलत है, दोस्तों सिर्फ मौत एक बार मिलती है, जिंदगी तो हर रोज मिलती है। बस जीना आना चाहिए।
💐 *Brahma Kumaris* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*🌷
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EGO ya AHANKAR..
जब हमें किसी व्यक्ति या परिस्थिति से लगाव हो जाता है और हम यह चाहते है कि जैसा मैं सोचुंं वा कहुँ वैसा ही होना चाहिये .. एैसी स्थिति को अंहकार कहते है ।
अहंकार को दूसरे शब्दोंमें अभिमान कहा जाता है । जहाँ अभिमान वहाँ अपमान है । इसका बहोत् अच्छा example है।
रावण....
रावण की पत्नि मंदोदरी और भाई विभिषण ने रावण को कहा कि श्री राम से क्षमा - प्रार्थना करें परंतु रावण ने कहा मैं माफ़ी नहीं मांगूँगा .. मुझे पता है कि मेरी मृत्यु श्रीराम जी के हाथों होगी और श्रीलंका का विनाश भी.. परंतु मैं क्षमा नहीं माँग शकता । क्यों कि मेरा ego hurt होता.. अभिमान को ठेस पहुँचता है।
अंहकारी व्यक्ति क्रोधी होता है। आज इंसान गन की बूलेट ख़त्म हो जाने के बाद भी सूट करता ही रहता है । एक विड़ीयो क्लीप में बताया गया ..
एक लेपर्ड ( चित्ता) एक बंदर को पकड़कर उसे मारकर बस खाने ही वाला था अचानक उस बंदर ने एक छोटेसे बच्चे को जन्म दिया ।
जब हम मार्केट जाते है तो ओफर होता है .. 1+1 ...
हम तुरंत ख़रीद लेते है एक के साथ एक मुफ़्त होता है । उस लेपर्ड ने एैसा नहीं सोचा कि ये तो 1+1 ओफर है । एक बड़े बंदर के साथ छोटा बंदर मुफ़्त .. उल्टा उसने उस नन्ही सी जान पर ढे़र सारा प्यार लुटाया और उसकी धूप से एवं अन्य प्राणियों से रक्षा करी ।
जब एक लेपर्ड जैसा ख़ून-ख्वार प्राणी, क्रुअल एेनीमल .. अपनी नेचर को change कर शकता है.. क्या हम मनुष्य नहीं चेंज कर शकते है ..? क्या हम ego को नहीं छोड़ सकते हैं ..? अंहकारी मनुष्य न स्वंय ख़ुश रहता ना दूसरों को ख़ुश रहने देता है।
अहंकार से मुक्ति पाने की कुछ युक्तियाँ है .. ।
(1) शांति के गुण को अपने जीवन में धारण करना है।
(2) Acceptance ..स्वीकार करना ।
मनुष्य जो है.. जैसा है.. उन्हें वैसे स्वीकार करना ।
(3) self realization अर्थात्
स्वयं की सत्य पहचान को जानें ।
(4) humility अथॅात्
नम्रता के कवच को हमें धारण करना चाहिये क्योंकि हम भगवान के बच्चे निमित्त है।यदि हम इन धारणाओं को अपनें जीवन में अपनाते है तो बहोत् सहज ही निरहंकारी बन सकते है ।
ऊँ शांति ।