आज का चिंतन(सुविचार) - fastnewsharpal.com
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आज का चिंतन(सुविचार)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..16-03-2021*..🎋


✍🏻पैर को लगने वाली चोट संभल कर चलना सिखाती है और मन को लगने वाली चोट, समझदारी से जीना सिखाती है।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷


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  💥 *विचार परिवर्तन*💥

✍🏻किसी को गलत समझने से पहले एक बार उनको समझने की कोशिश जरुर करो, हम सही हो सकते हैं, लेकिन मात्र हमारे सही होने से, सामने वाला गलत नहीं हो सकता।
🌹 *σм ѕнαитι.*
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शुभ दिवस🙏🌹
जिंदगी का हर पल खुशनुमा हो इसके लिए 3 बातें धारण कर लें - Love, Respect, Care . सबको बस इन्हीं की आवश्यकता है  । अपने बोल, दृष्टि, भावना, व्यवहार से सबकी ये आवश्यकता पूरी करो तो ऊपर वाला अपने आप ही आपकी आवश्यकताएं पूरी करता रहेगा ।

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अनमोल वचन :

जिस दिन भगवान को पाने की इच्छा जाग्रत हो जायेगी उसी दिन से संसार से कुछ भी पाने की इच्छा समाप्त हो जायेगी। जब हमें संसार से मान-सम्मान,पद-प्रतिष्ठा और   खुद की तारीफ अच्छी न लगे तब समझना चाहिये कि भगवान को पाने की इच्छा उत्पन्न हुई है। जब हम भगवान को चाहते हैं तब हमें अपमान,दुःख और किसी भी प्रकार के हालातों में भी प्रसन्नता और आनंद का अनुभव होता है......

🙏ओम् शांति🙏

🎈आपका दिन शुभ हो 🎈

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*हमारा जीवन भी  एक प्लास की तरह होना चाहिए,जिस तरह प्लास से यदि हम कभी चालू बिजली में भी तार को काटना चाहते है या जोडना चाहते है तो हम ऐसा कर लेते है यानि प्लास में दोनो ही चीज है जोडने की और काटने की भी।*

        *इसी प्रकार हमारे अंदर भी ये दोनों बाते होनी चाहिए। एक उस मालिक से जुडने की और दूसरा इस संसार से अलग रहने की यानि निरमोहि त्यगि होने की। हमें इस संसार में रहना भी है जब तक उस मालिक का दिया हुआ जीवन है, जिस फर्ज को अदा करने की जिम्मेदारी दी है वह भी पूरे करने है जी*
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      ॐ शांति
*हम कर्तव्य तो अवश्य करें , किन्तु आश्रय एकमात्र भगवान का ही रखें,,,   माया मोह में फंसा प्राणी उन्हें पहचान नहीं पाता और अवसर गंवा देता है।*
*मनुष्य का सारा समय भगवत सेवा में लगता है,,,  किंतु अज्ञान वश  स्वार्थ मय संसार की निष्फल सेवा में ही व्यतीत हो जाता है । संसार का संबंध सांसारिक बना देता है और भगवान का संबंध आत्मा बना देता है ,,,,  संसार को छोड़ना नहीं है किंतु संसार अपने अंदर न आने पाए यही सावधानी रखनी है।*
*मीराबाई संसार में ही रही, किंतु उन्होंने अपने अंदर ठाकुर जी को बिठा लिया था।  ऐसे ही कबीर,, नानक,, नरसी मेहता ,, तुलसीदास,,  सूरदास आदि अनेक संतो भक्तों ने लोक की परवाह नहीं की ,,,,  प्रभु से नाता जोड़ा तो लोक भी बन गया परलोक भी बन गया और लोगों को कल्याण का मार्ग भी बता दिया।*
*यह ध्यान में रखना चाहिए----  कि इस लोक को छोड़ने के बाद जब पूछा जाएगा कि -----*
*"तेने हीरा सो जनम गवायो भजन बिन बावरे"।*
*तब प्रभु को क्या जवाब दिया जाएगा ,,,,,,? इसलिए लोक की चिंता न कर परलोक की चिंता करो ,,,, परलोक कैसे सुधरे---- यही सोचने की बात है।*
*जिनका जीवन धन्य है,,,  ऐसे महान आत्माओ का साथ करने की जरूरत है ,,, प्रभु का भरोसा रखो , ,,, आवश्यकता है ,,, प्रभु में मन लगाने की और हर श्वास में प्रभु के गुणगान करने की।*
        ॐ शांति
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