*स्व सहायता महिला समूहों को 50 हजार कर्ज माफ़ी का इंतजार* *सरकार की सार्थकता घर घर शराब बेचबो,अईसन नवा छत्तीसगढ़ गढ़बो*
*भूपेश सरकार के ढा़ई साल में जनता के साथ धोखा-अनीता ध्रुव*
*स्व सहायता महिला समूहों को 50 हजार कर्ज माफ़ी का इंतजार*
*सरकार की सार्थकता घर घर शराब बेचबो,अईसन नवा छत्तीसगढ़ गढ़बो*
राजेन्द्र साहू/मगरलोड
नशा नाश की जड़ है फिर घर घर इसका गढ़ है बस इन्हीं बात की सार्थकता आज गली-गली, गांव-गांव, शहर-शहर हो रही है। जिसके कारण जनतंत्र खोखला हो रहा है, क्योंकि जिस विकास कार्य की बुनियादी रखने छत्तीसगढ़ प्रदेश की कांग्रेस सरकार गंगाजल की कसम खायी थी, उसे कैसे भूल सकते हैं, उन्हें याद है लेकिन जनता की कसौटी में खरे उतर नहीं पा रही है। ढ़ाई साल के उनके कार्यकाल में उनकी कार्यशैली से प्रदेश के जन समुदाय को निराश ही हाथ लगी है। जिस पर खरे-खरे सवाल भाजपा आदिवासी नेत्री जिला पंचायत सदस्य अनीता ध्रुव ने भूपेश सरकार से की है।
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार की चुनावी वादे जनता याद तो कर रहीं हैं वहीं भाजपा नेत्री अनीता ध्रुव ने भूपेश सरकार से पूछ रहीं हैं कि आज हमारे अन्नदाता किसान परेशान क्यों हैं उनके साथ क्या वादा किया गया था ढ़ाई साल बित जाने के पश्चात भी उन्हें सिर्फ और सिर्फ लालीपाप क्यों दिखाया जा रहा है। इसी तरह प्रदेश की अस्मिता गांव व दूरस्थ अंचलों, वनांचल व समीपस्थ की बहू बेटियां असुरक्षित क्यों हैं उनके आबरू खतरे में क्यों हैं।
प्रदेश में हमारे गरीब आदिवासियों के साथ अन्याय व अत्याचार हो रही है उनके जिम्मेदार कौन है। इनकी देख रेख व सुरक्षा कौन करेगा।
जिला पंचायत सदस्य अनीता ध्रुव ने यह भी कहा कि देश का भार जिनके कंधों में आने वाले हैं ऐसे युवक युवतियां आज बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए इन्तजार कर रहें हैं। रोजगार तो मिल नहीं पा रहा है कम से कम ढ़ाई हजार बेरोजगारी भत्ता पाकर कुछ राहत तो मिले। लेकिन उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि भूपेश सरकार के वादा एक सपना था या महंज एक चुनावी घोषणा।
स्व सहायता महिला समूहों को उनके कर्ज माफी होने का इन्तजार है कि कब हमारे समूह के 50 हजार रूपयें भूपेश बघेल कांग्रेस सरकार माफ़ करेगी। प्रदेश की जनता, युवा बुजुर्ग महिला, पुरूष तमाम जन आज नशे की और पूर्ण शराब बंदी की बाट जोह रहे हैं क्योंकि इमानदार व शरीफ़ नागरिक शराब रूपी पतनकारी अवसाद से छुटकारा चाहते ही हैं वहीं प्रदेश सरकार के वादे को पूर्ण होते हुए देखना चाह रहे हैं लेकिन शराब की होम डिलीवरी होते देख गांवों व वनांचल में अवैध शराब माफियाओं का बोलबाला नज़र आता है। जब सरकार लोगों के घर घर जाकर शराब पिला सकती है तो औरों की क्या बिसात की शराब की बरबादी से महफूज रह सके।इन तमाम सवालों का जवाब जनता के लिए मांग रहीं हैं आदिवासी भाजपा नेत्री जिला पंचायत सदस्य अनीता ध्रुव। उन्होंने भूपेश सरकार से सवाल किया है कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की उचित परिभाषा क्या है।पूछ रहीं हैं छत्तीसगढ़ की जनता।

