आज का सुविचार(चिन्तन) - fastnewsharpal.com
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आज का सुविचार(चिन्तन)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..12-07-2021*..🎋


✍🏻स्वयं का बचाव करने के लिए कभी दूसरों पर दोषारोपण मत करें क्योंकि समय के पास सत्य को प्रकट करने का अपना तरीका है।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻सफलता कभी भी नित्य नहीं होती है, असफलता कभी अंत नहीं होता, इसलिए  कभी प्रयास बंद न करें, जब तक की आपकी जीत एक इतिहास न बना दे।

🌹 *σм ѕнαитι.*🌹

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🙏 *ॐ शांति* 🙏

कोई आपके बारे में क्या *सोचता* है इससे कोई *फर्क* नहीं पड़ता ... फर्क तब पड़ता है जब आपके संकल्प सही नहीं ... मन में यदि *नकारात्मक* व्यर्थ संकल्पों की भरमार है तो आपकी उन्नति मुश्किल है क्योंकि आपके विचार आपकी शारीरिक व मानसिक शक्ति का आधार है ...

🌸 सुप्रभात ...

💐💐 आपका दिन शुभ हो ... 💐💐

🙏 *ॐ शांति* 🙏

किसी भी तरह के विकारी *संकल्पों* से  बुद्धि *पतित* बनती है अर्थात विकार युक्त होने से भगवान या उसके बताए दिव्य दृश्यों के *कल्पना* करने की *क्षमता* कम हो जाती है और धीरे-धीरे *ज्ञान* भी *छूटने* लगता है ... इसलिये अपने *संकल्पों* को सदा शुद्ध रखना है ...

🌸 सुप्रभात ...

💐💐 आपका दिन शुभ हो ... 💐💐

*"एक खरीदें एक मुफ्त पाएं"*

देखने में यह एक marketing लगती है लेकिन
 *वास्तविक जीवन में इसके कई मायने हैं*
🙏🙏
जब हम *क्रोध* खरीदते हैं तो हमें *एसिडिटी* मुफ्त में मिल जाती है,,
जब हम *ईर्ष्या* खरीदते हैं तो *सिरदर्द* मुफ्त में मिल जाता है,, 
जब हम *नफरत* खरीदते हैं तो *अल्सर* मुफ्त में मिल जाता है,,
जब हम *तनाव* खरीदते हैं तो *रक्तचाप*  मुफ्त में मिल जाता है,,

ऐसे ही जब हम बातचीत से *विश्वास* खरीदते हैं तो *दोस्ती* मुफ्त में प्राप्त हो जाती है,,
जब हम *व्यायाम* खरीदते हैं तो अच्छा *स्वास्थ्य* मुफ्त में प्राप्त जाता है
जब हम *शांति* खरिदते हैं तो हमें *समृद्धि* मुफ्त में प्राप्त हो जाती है,,
जब  हम *ईमानदारी* खरिदते हैं तो अच्छी *नींद* मुफ्त में प्राप्त हो जाती है,
जब हम *प्यार भाव* खरीदते हैं तो हमें सभी अच्छे गुणों के साथ *ईश्वर की कृपा* प्राप्त हो जाती है,,
अब ये हम पर निर्भर करता है कि हमें क्या खरीदना चाहिए*
 जब हम *सत्संग* खरीदते हैं तो हमें *शांति* मुफ्त में प्राप्त हो जाती है ।
*🙏🙏*ओम शांति

💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*12 जुलाई:-*_ सदा चेक करना के रहम दिल भगवान के हम बच्चे, कितने पे *रहम* किया कितनो को *क्षमा* किया।
        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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🙏 *ॐ शांति* 🙏

किसी भी तरह के विकारी *संकल्पों* से  बुद्धि *पतित* बनती है अर्थात विकार युक्त होने से भगवान या उसके बताए दिव्य दृश्यों के *कल्पना* करने की *क्षमता* कम हो जाती है और धीरे-धीरे *ज्ञान* भी *छूटने* लगता है। इसलिये अपने *संकल्पों* को सदा शुद्ध रखना है।

🌸 सुप्रभात...

💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐




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        *🇲🇰◆ प्रेरणादायी कहानियाँ ◆🇲🇰*


_*★पाँच पत्थर का भार...*  एक आदमी ने एक संत की यश कीर्ति सुनी। आत्मा के साक्षात दर्शन की मन में उत्सुकता जगी। संत के चरणों में पहुँचा। अपनी अभिलाषा के बारे में नम्र निवेदन किया ।  संत पहुँचे हुए थे, समझ गए..आगंतुक के दिल में क्या चल रहा है ।_


_★तत्काल बोले, तुम्हें आत्मा का साक्षात्कार व दर्शन हो जाएँगे। कल सुबह नहा धो कर शुद्ध मन से आ जाओ। सामने वाली पहाड़ी पर चढ़ना होगा, वहीं आत्मा से साक्षात्कार और दर्शन होगा। वह भोर होते ही प्रसन्न चित्त से आ गया। संत के चरण छुए और उतावला हो कर बोला, शीघ्रातिशीघ्र चलिए। संत बोले...लो, यह बोरा उठा लो, इसमें थोड़ा भार है।  आत्मा के साक्षात्कार की उत्सुकता में बोरा कन्धों पर उठाया और संत के साथ पहाड़ी की चढ़ाई करने चल पड़ा...  थोड़ी दूर चला, बोला....क्षमा करें....अब यह भार लेकर नहीं चला जा सकता।  संत ने कहा...कोई बात नहीं, इसमें पाँच पत्थर हैं, एक बाहर कर दो।_

  

_★इस तरह पहाड़ी की चोटी पार करते-करते, पाँचों पत्थर एक-एक कर, बाहर कर दिए।     वहाँ पहुँच कर संत बोले...देखो, एक बोरे में पाँच पत्थरों का भार तुम्हें भारी लगा। एक-एक कर सब निकाल दिए, तब कहीं जा कर आराम मिला।_ 


_★इसी तरह........  तू काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद रूपी चट्टानें, अपनी आत्मा पर रख कर घूम रहा है.... तो आत्मदर्शन कैसे हो सकता है।_


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                 *💫★ ओम  शांती ★💫*


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