*जिनपीयूष सागर सूरि जी के हस्ते जैन दीक्षा अंगीकार करने वाले मुमुक्षुओं का नगर आगम, रथयात्रा एवं अभिनंदन समारोह*
*जिनपीयूष सागर सूरि जी के हस्ते जैन दीक्षा अंगीकार करने वाले मुमुक्षुओं का नगर आगम, रथयात्रा एवं अभिनंदन समारोह*
गोबरा नवापारा नगर
सांसारिक मायामोह से विमुख होकर आध्यात्मिक सुख की अनुभूति हेतु संसार के कंटीले मार्ग को छोड़कर भगवान महावीर द्वारा बताए गए संयम के राजमार्ग की ओर अग्रसित दीक्षार्थियों का नगर आगमन रविवार, 26 दिसंबर को हो रहा है। सकल जैन श्वेताम्बर जैन श्री संघ एवं धर्मप्रेमीगण पलकें पावड़े बिछाए हुए आप सबके आगमन की प्रतीक्षा करते हुए स्वागत अभिनंदन हेतु आतुर हैं।
खरतरगच्छ जैन परम्परा में स्वर्णिम इतिहास रचते हुए संस्कारधानी नगरी राजनांदगांव के डाकलिया दंपत्ति के मुमुक्षु भूपेन्द्र, सपना डाकलिया, उनके सुपुत्र देवेन्द्र, हर्षित एवं सुपुत्रियाँ महिमा, मुक्ता डाकलिया, राजनांदगांव में आगामी 15 जनवरी को छत्तीसगढ़ श्रृंगार आचार्य भगवंत जिनपीयूषसागर सूरि जी म.सा.का शिष्यत्व स्वीकार करेंगे । स्वाध्यायी रत्न मुमुक्षु रजत चोपड़ा एवं सरल स्वभावी संयम पारख महासमुंद नगर में आगामी 23 जनवरी को आचार्यश्री के हस्ते संयम जीवन अंगीकार करेंगे । इसके अलावा मुमुक्षु हिमांशी सुराना भी जैन दीक्षा अंगीकार कर वारासिवनी नगरी में आगामी 10 फरवरी को पू.प्रियंकरा श्री जी म.सा.की सुशिष्या बनेंगी ।
इन सभी मुमुक्षु आत्माओं के बहुमान स्वरुप भव्य बरगोड़ा (शोभायात्रा) स्थानीय जैन श्वेताम्बर मंदिर प्रांगण से रविवार प्रातः 9 बजे नगर भ्रमण करेगी। शोभायात्रा के पश्चात् समस्त दीक्षार्थियों का स्वागत सम्मान जैन श्वेताम्बर श्री संघ एवं श्रावक श्राविका करेंगे जिसमें पावन सानिध्यता महतरा पद विभूषिता श्रद्धेय मनोहर श्री जी म.सा. की सुशिष्या संस्कार भारती युवा प्रेरिका लयस्मिता श्री जी (माताजी) आदि ठाणा 5 की रहेगी। इस हेतु नवापारा नगर जैन श्वेताम्बर श्री संघ, जैनम परिवार, विहार सेवा ग्रुप, जैन नवयुवक मंडल, अरिहंत बाल मंडल, गुरुदेव भक्त मंडल, मनोहर बहु मंडल, गुप्ति महिला मंडल, अर्हम बहु मंडल, सामायिक ग्रुप एवं ज्ञान वल्लभ निपुणा जैन पाठशाला स्वागत अभिनंदन समारोह को सुव्यवस्थित बनाने में जुटे हुए हैं। स्वामी वात्सल्य के लाभार्थी मोतीलाल पारख, रिखभचंद बोथरा, अमृतलाल, मनोहरलाल, डॉ.मोहन पारख आदि हैं।
*त्रिवेणी संयोग से धन्य हुई धरा*
*विशेष ज्ञातव्य रहे कि दीक्षा प्रदाता छत्तीसगढ़ श्रृंगार जिनपीयूष सागर सूरि जी एवं प्रज्ञानिधी प्रशांतमना प्रियंकरा श्री जी म.सा. की जन्मभूमि नवापारा की पावन भूमि है एवं दीक्षा लेने वाले भूपेन्द्र जी डाकलिया परिवार का मामा परिवार भी नवापारा के मोतीलाल, अमृतलाल, मनोहरलाल, डॉ.मोहन पारख हैं एवं अन्य दीक्षार्थी हिमांशी सुराना स्थानीय श्री संघ अध्यक्ष एवं नमिउण तीर्थ अध्यक्ष रिखभचंद बोथरा की सुपौत्री है। त्रिवेणी संगम की धरा पुनः त्रिवेणी संयोगो से धन्य हुई ।*