शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता - मतावले - fastnewsharpal.com
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शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता - मतावले

 शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता - मतावले 



तेजस्वी यदु/छुरा 

संकुल स्तरीय विदाई (सम्मान) समारोह का आयोजन संकुल केंद्र छुरा में किया गया। संकुल से अर्धवार्षिकी आयु पूर्णकर सेवा से अवकाश प्राप्त किए शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त प्रधान पाठक हेमलाल सेन, रामकृष्ण निषाद, ऊखराज सिंह ध्रुवा, सुश्री मीना घाटोडे एवं श्रीमती कृष्णा निषाद उपस्थित थे। विकासखंड शिक्षा अधिकारी के.एल. मतावले ने अध्यक्षता किया। स्वागत अभिभाषण में संकुल समन्वयक यशवंत सिन्हा ने सेवानिवृत्त शिक्षक- शिक्षिकाओं के साथ बिताए लम्हों को याद किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के.एल. मतावले ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता। वे जहां भी रहेंगे निर्माण का कार्य करते रहेंगे। कभी भी कलम और किताब का साथ ना छोड़े। उन्होंने आगे कहा कि पेंशन प्रकरणों में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर चौबीसों घंटे सेवा के लिए तत्पर हूं। मुख्य अतिथि की आसंदी से सेवानिवृत्त उच्च श्रेणी शिक्षक उखराज सिंह ध्रुवा ने कविता के माध्यम से शिक्षक की राष्ट्र निर्माण में भूमिका को रेखांकित किया। सेवानिवृत्त प्रधानपाठक हेमलाल सेन ने कहा कि बच्चों के जीवन में शिक्षक का अहम योगदान होता है। शिक्षक सर्वस्व न्योछावर कर बच्चों को शत-प्रतिशत प्रदान करता है। सेवानिवृत्त प्रधानपाठिका सुश्री मीना घाटोडे ने कहा कि मैंने अपने जीवन में अनुशासन को बहुत महत्व दिया है। अनुशासित जीवन और बच्चों के प्रति समर्पण से ही शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहते हैं। सेवानिवृत प्रधानपाठक रामकृष्ण निषाद ने कहा कि हमें शिक्षिकीय जीवन में नवाचारी गतिविधियों के द्वारा बच्चों को शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों से जोड़ना चाहिए। एक आदर्श नागरिक के निर्माण में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। प्रधानपाठक बी.एस. ध्रुव, वरिष्ठ शिक्षक मुरारी राम देवांगन, सी.आर. सिन्हा, हेमलाल साहू, प्रधानपाठिका शीलाभक्त, मीना यादव,  मोहिनी गोस्वामी, शबीना नाज़, जमीला खातून, मनीषा यादव, सुदामा प्रसाद लोधी, सोनवानी सर ने अपने उद्बोधन के माध्यम से विदाई पा रहे शिक्षकों को एक आदर्श शिक्षक कहा। उसके साथ विभिन्न क्रियाकलापों, विविध गतिविधियों, खेलकूद,  सांस्कृतिक, साहित्यिक अनुभव को साझा किए। उन्हें संकुल केंद्र का वट वृक्ष कहा। जिनके छांव में पूरा परिवार हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। बच्चों के प्रति समर्पण, निष्ठा,  नि:स्वार्थ सेवा की जमकर तारीफ किए। कार्यक्रम संयोजक नवाचारी शिक्षक शंकर यदु ने सभी शिक्षकों को अपना गुरु कहा। उनसे, हमे बहुत कुछ सीखने को मिला। बतौर शिक्षक उन्हें भूलना कठिन होगा। संकुल परिवार द्वारा मोमेंटो, अंगवस्त्र, श्रीफल एवं श्रीमद्भगवद्गीता भेंट किया गया। सभी सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्वस्थ, दीर्घायु, खुशहाल जीवन की मंगल शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक अर्जुन धनंजय सिन्हा एवं आभार प्रदर्शन संकुल समन्वयक विनोद चंद्राकर द्वारा किया गया। समारोह में चेतन दास कोशले, दीपक तिवारी, ईश्वर प्रसाद देवांगन, हीराधर साहू, फलेंद्र ठाकुर, किशन धीतेश, रूपेश दीवान, उमेश कुमार ढीढी, चंद्रभूषण निषाद, संतोष निषाद, तुलेंद्र वर्मा, सोनीराम यादव, सुनीता देवांगन, अमरीका ध्रुव, हेमा चंद्राकर, इंदुमती राजपूत, डिकेश्वरी दीवान, गायत्री साहू, लता साहू, हेमबाई ध्रुव, मानकी नेताम, होमेश्वरी सोनी, राजकुमारी ध्रुव, करुणा वर्मा, शीतल चंद्राकर, राजकुमारी यादव, टीकम यादव, लीना यादव, पिंकी निर्मलकर सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण एवं स्टाफ की सहभागिता रही।

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