*नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन*
*नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन*
राजिम
शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय,राजिम में NAAC/IQAC सेल के द्वारा गरियाबंद जिले के विभिन्न महाविद्यालयो में पी.एस.सी द्वारा चयनित सहायक प्राध्यापकों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था प्रमुख डॉ सोनिता सत्संगी व विषय विशेषज्ञ के रूप में शासकीय कुलेश्वर नाथ महाविद्यालय,गोबरा नवापारा, से वाणिज्य के प्राध्यापक डॉ पवन अग्रवाल उपस्थित रहे। वही इस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग से डा.घनश्याम आयंगर(OSD), डॉ गोवर्धन यदु NAAC प्रभारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।आयोजित कार्यक्रम में गरियाबंद जिले के विभिन्न महाविद्यालय के लगभग 20 प्रतिभागी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यादायिनी की पूजा अर्चना कर विधिवत रूप से मुख्य अतिथि के करकमलों से किया गया। तत् पश्चात अतिथि परंपरा का निर्वहन करते हुए अतिथियों का स्वागत किया गया व साथ ही नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों का भी पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।साथ ही सभी नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों ने क्रमशः अपना परिचय दिया और अपने अनुभव साझा किया।
स्वागत व परिचय की कड़ी को विराम देते हुए उद्बोधन की कड़ी को आरंभ करते हुए सर्वप्रथम संस्था प्रमुख ने अपने उद्बोधन में सभी नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों को उनकी उच्च सफलता के लिए बधाई दी व उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें भविष्य में महाविद्यालय द्वारा सौंपे गए कार्यों को पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करें।
महाविद्यालय प्राध्यापक एम.एल.वर्मा जी ने अपने कार्य अनुभव को साझा करते हुए बतलाया कि उच्च शिक्षा विभाग में प्रत्येक कार्य चुनौती पूर्ण है अतः प्रत्येक कार्य को गंभीरता व सजगता से किया जावे।
महाविद्यालय के NAAC प्रभारी डॉ गोवर्धन यदु जी ने नव आंगतुको प्राध्यापकों को बधाई देते हुए बतलाया कि नैक एक महत्वपूर्ण कार्य जो पूरे महाविद्यालय के सामंजस्य से ही नैक जैसे महत्वपूर्ण कार्य को पूर्ण किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी ने कहां है जब जीवन मे समस्या आती है तो साथ में समाधान लेकर भी आती है। इसलिए हमें समस्याओं को अधिक महत्व न देकर समाधान के उपायों को तलाश करना चाहिए। न कि समस्याओं को विकराल रूप नहीं देना चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित विषय विशेषज्ञ के रूप में सम्मिलित डॉ. पवन अग्रवाल जी ने एक नव नियुक्त सहायक प्राध्यापकों को किन किन कार्यों को प्रमुखता से किया जाना चाहिए जिसमें दैनिक दैनांदिनी का संधारण , निर्धारित कालखंडों के अनुसार नियमित कक्षाएं लेना।अध्यापन कार्य में नवीन तकनीकों का प्रयोग करना कार्यशाला व सेमीनार में सहभागिता व सेमीनार का आयोजन करना,आदि कार्यों के अलावा प्राचार्य द्वारा सौंपे गए प्रत्येक कार्यों को पूरी ईमानदारी से करने के लिए तत्पर रहें ।उन्मुखीकरण कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के OSD डॉ.घनश्याम आयंगर ने आभासी मोड में (online mode) NAAC के संबंध में वृहद जानकारी साझा करते हुए अंग्रेजी के महत्वपूर्ण शब्दों का उदाहरण देते हुए कार्य करने की शैली को बढ़ावा देने की बात कही, उन्होंने यह भी कहा कि नैक को यदि हम अपना जज्बा बना लें तो महाविद्यालय का संपूर्ण विकास हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें ऐसा सेंटर विकसित करना चाहिए जहां विघार्थी अपनी कार्यशैली , क्रियाकलाप, गुणवत्ता को उच्चतम स्तर पर ले जाये और भविष्य में रोजगारन्मुखी क्रियाकलापों को सुदृढ़ बनाने में अपना सहयोग दें। नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों को अपने आप में विश्वास रख कर कार्य करने का संदेश दिया।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में मंच संचालन प्रो.घनश्याम यदु के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशेष सहयोग डॉ समीक्षा चंद्राकर व सुशील ध्रुव का रहा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजेश बघेल, योगेश तारक, श्वेता खरे मुकेश कुर्रे, देवेंद्र देवांगन, आकाश बाघमारे, मनीषा भोई, तरूण बांधे,तीर्थ राम, रागिनी ठाकुर,सनत कुमार,आदि नवनियुक्त सहायक प्राध्यापक व आभासी मोड में आर.के.तलवरे, प्रसाद,मनोहर मार्कंडेय आदि उपस्थित रहे।

