*प्रकृति को सदा शुभ भावना दे बिलासपुर मे हुए कार्यक्रम मे कहा - ब्रह्माकुमार संजय भाई जी* - fastnewsharpal.com
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*प्रकृति को सदा शुभ भावना दे बिलासपुर मे हुए कार्यक्रम मे कहा - ब्रह्माकुमार संजय भाई जी*

*प्रकृति को सदा शुभ भावना दे बिलासपुर मे हुए कार्यक्रम मे कहा - ब्रह्माकुमार संजय भाई जी*



 बिलासपुर

आज मन अच्छा सोच नहीं पा रहा है क्योंकि मन कमजोर हो गया है, आत्मा कमजोर हो गई है। सारा दिन हम मन के स्वस्थ्य के विपरीत बहुत देते रहते है, जिससे वह कमजोर हो गया है। इसको आधा घंटा रोज अच्छी खुराक दें। ऐसी बातें मन के अंदर भरे जिससे इसके अंदर दिव्यता आये। परमात्मा के प्रति, सारी दुनिया के प्रति, प्रकृति के प्रति धन्यवाद का भाव हो। मन में आभार भरेंगे तो सारा दिन शिकायत नहीं करेंगे। दिव्यता भरेंगे तो सारा दिन चिंता नहीं करेंगे। प्यार भरेंगे तो सारा दिन किसी से नाराज नहीं होंगे। निश्चय भरेंगे तो सारा दिन डरेंगे नहीं। तो सुबह-सुबह हमें अच्छे संकल्प से अपने मन को भरना है। आधा घंटा भी आध्यात्मिक अध्ययन और आधा घंटा या 15 मिनट मेडिटेशन करें।



उक्त वक्तव्य प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा टेलिफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में आयोजित एक दिवसीय विशेष योग साधना में ब्रह्माकुमारीज के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय से पधारे ब्रह्माकुमार संजय भाई ने कही। भाई जी ने आगे कहा कि शक्तियों का आदान-प्रदान इतनी तेजी से होता है कि किसी से भी जब हम मिलते हैं या किसी वस्तु का आदान-प्रदान भी करते है तो उसके वाइब्रेशन और उसकी एनर्जी भी हमारे अंदर आ जाती है। शक्तियां तुरंत ट्रांसफर होती हैं। यदि एक पौधे को अच्छे से पानी-खाद दे रहे हैं और दूसरे पौधे को भी वही पानी-खाद दे रहे हैं लेकिन एक जगह पॉजिटिव संकल्प दे रहे हैं और तरफ निगेटिव संकल्प दे रहे हैं तो स्वतः ही पॉजिटिव वाइब्रेशन वाला पौधा जल्दी बढ़ेगा और सुंदर फूलों से भर जाएगा। प्रकृति को भी सदा शुभ भावना देते रहना है। प्रकृति भी हमारे वाइब्रेशन को ग्रहण करती है। तो क्यों ना जिस प्रकृति में अर्थात शरीर में हम बैठे हैं उसे भी अच्छे वाइब्रेशन दें। यह शरीर बहुत अच्छा है, स्वस्थ है, निरोगी है, यह सभी का सहयोगी है इसको भी बहुत दुआएं दे। अपने शरीर की व्याधियों के बारे में न सोचे, बल्कि इसे दुआएं दीजिये। प्रकृति का भी धन्यवाद करें। प्रकृति आदि काल से हमारी सहयोगी रही है हमें सदा से यह सहयोग देती आई है तो इसका भी दिल से शुक्रिया करना है।

माउण्ट आबू से पधारे बीके बद्री भाई ने भी अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि भगवान पर सम्पूर्ण निश्चय हो तो कितना भी बड़ा तूफान क्यों न हो पर हमें सफलता अवश्य मिलती है।

स्थानीय सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कहा कि दृढ़ संकल्प रूपी व्रत से अपनी वृत्तियों को परिवर्तन कर हम महान आत्मा बन जाते हैं। व्रत का अर्थ ही है कि मन में संकल्प लेना और स्थूल रीती से भी परहेज करना। किसी भी प्रकार का व्रत लेना अर्थात अपनी वृत्ति को परिवर्तन करना। दृढ़ता की शक्ति से जीवन में कुछ भी असंभव नहीं होता।

इससे पहले बीके संतोषी दीदी और बीके रूख्मणी दीदी के द्वारा तिलक और पुष्पगुच्छ देकर मेहमानों का स्वागत किया गया।


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