ईडी के प्रेस नोट ने खोली छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके है – चुन्नीलाल साहू
ईडी के प्रेस नोट ने खोली छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके है – चुन्नीलाल साहू
गरियाबंद –
ईडी के छापे में छत्तीसगढ़ के कई आईएएस अफसरों और राजनेंताओ के यहां बड़ी मात्रा में नकद, ज्वेलरी और भ्रष्टाचार के सारे सबूत मिलने के बाद अब भाजपा राज्य की कांग्रेस सरकार पर आक्रामक है। भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय बताया हैं। मामले को लेकर सोमवार को महासमुंद लोकसभा के सांसद चुन्नीलाल साहू ने प्रेस कान्फ्रेस की।
सांसद साहू ने कहा की ईंडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का, किसानों का, आम जनता की मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार अपनी सारी से सीमाएं लांघ दी है। यह छत्तीसगढ़ इतिहास के लिए एक काला अध्याय हैं। बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी राजनेता और बिचौलिए जुड़े है।
सांसद ने कहा की छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही हैं। प्रतिदिन 2 से 3 करोड़ रुपये जबरन वसूले जा रहे है। इस प्रकार हजारों करोड़ रुपये वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किए जा रहे। सांसद ने ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए कहा ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार करने के लिए बाकायदा नियम बदले गए। कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था। अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। भ्रष्टाचार किस प्रकार से किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तार जानकारी ईडी ने अपने प्रेस नोट में दी है। बताया की दिनांक 15.7.22 से बिना किसी एसओपी के 30,000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं। आवक और जावक रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया था। अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए हैं। तलाशी एवं जांच के दौरान लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था। जिन अधिकारियों की शिकायत को आधार बनाकर मुख्यमंत्री ईडी पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं उनके घर 47 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए। सांसद ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और सरकार बताएं की अधिकारियों के पास इतने पैसे और सोना मिलने पर उन्हें आश्चर्य क्यों नहीं हुआ।
इस दौरान मुख्यमंत्री पर कई सवाल भी दागे। सांसद ने पूछा इंडी के प्रेस नोट में विस्तार से भ्रष्टाचार की प्रक्रिया, जब्त की गई बेहिसाब राशि, आभूषण, नकदी की जानकारी आने के बाद मुख्यमंत्री इस्तीफा कब देंगे? भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में बाधा बनने के लिए क्या मुख्यमंत्री क्या जनता से माफी मांगेंगे? क्या कांग्रेस सरकार अब यह बताएगी कि अधिकारियों, राजनेताओं, व्यापारियों का यह भ्रष्टाचार रैकेट 10 जनपथ दिल्ली में कितने रुपए पहुंचा रहा है? अधिकारियों के घर से नकदी आभूषण और अनेक बेहिसाब चीजें मिलने के बाद भी अब तक उन पर निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं हुई है? जो लोग सरकारी पदों पर या सरकार द्वारा मनोनीत और जिन पर जांच हुई है, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया क्यों नहीं गया?
प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश साहू, महामंत्री अनिल चंद्राकर, मुरलीधर सिन्हा, बलदेव सिंह, मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके, पारस ठाकुर, प्रचार प्रसार मंत्री राधेश्याम सोनवानी, सागर मयाणी भी मौजुद थे।