गणिनी आर्यिका सौभाग्य मति माताजी ने किया नवापारा नगर से विहार, समाज के लोगों की आंखें भर आईं
गणिनी आर्यिका सौभाग्य मति माताजी ने किया नवापारा नगर से विहार, समाज के लोगों की आंखें भर आईं
नवापारा (राजिम)
नगर के स्थानीय सदर रोड स्थित जैन भवन में चातुर्मास कर रही गणिनी आर्यिका 105 मां सौभाग्य मति माताजी ने अपने बिहार की घोषणा कर दोपहर 3:00 बिहार का संकेत दे दिया जिसे सुनते ही समाज स्तब्ध रह गई। विदाई का यह पल बहुत ही मार्मिक रहा।
4 महीने से माताजी ने जो धर्म ध्वजा लहराई जिससे नगर व समाज का पूरा वातावरण धर्ममय हो गया। माताजी की विहार की खबर सुनकर सबकी आंखें नम हो गई, दोपहर 2:00 से जैन भवन में दिगंबर जैन समाज के सभी लोग सहित ,पंचायत कमेटी,त्रिशला महिला मंडल,ज्ञान ज्योति बहू मंडल,विद्याश्री बालिका मंडल,दिगंबर जैन सोशल ग्रुप,गुरु भक्त परिवार,पाठशाला परिवार, सौभाग्य बालक मंड़ल तथा समाज के सभी लोग सभा में उपस्थित हुए। अनेक धर्मप्रेमी बंधुओ ने नम आंखों से अपने उद्गार माताजी के सम्मुख प्रस्तुत किए। विदाई कि यह बेला ने सभी को रुला दिया। माताजी का यह 23 वा चातुर्मास है जो कि बहुत ही अच्छे ढंग से संपन्न हुआ। यहां की पूरी समाज को उन्होंने मंगल आशीर्वाद दिया है, सभी को एक सूत्र में बांधने की प्रेरणा दी,सभी का मंगल हो ऐसा आशीष दिया। यहां की पंचायत समिति एवं समाज के सभी लोगों से बहुत ही स्नेह मिला माताजी ने कहा कि बच्चे से लेकर बूढ़ों तक ने बहुत ज्यादा सेवा करी है निश्चित ही सभी को इसका पुण्य फल मिलेगा। समाज निरंतर इसी प्रकार से सभी साधु संतों का सम्मान करें, वैयावृत्ति करें। पिच्छी तथा कमंडल के बारे में विशेष रुप से बताया की,सदा संत को देखना चाहिए किसी पंत को नहीं देखना चाहिए। जिससे जितनी सेवा हो सके उतनी करनी चाहिए। नवापारा वालों ने जो सेवा करी है उसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे और वहां उपस्थित लोगों ने भी यह कहा कि माताजी से जो स्नेह समाज को प्राप्त हुआ है वह आशीष कभी भी नहीं भूल पाएंगे। पूरी समाज माताजी के संपर्क में निरंतर रहेगी और माता जी के दर्शन लाभ लेती रहेगी।
इसके पूर्व माताजी ने जैन भवन में विशेष आयोजन किया जिसमें श्री 1008 जिन सहस्त्रनाम का जाप किया,जाप अनुष्ठान में बैठे लोगों ने 1008 लौंग का उपयोग कर 1008 मंत्रो का जाप किया तथा उसकी विशेषता बताई। मंत्रोच्चार के साथ में जो लॉन्ग उपयोग हुई उसे लोगो ने अपने घर के पूजा स्थान पर स्थापित किया। माता जी ने इसे स्थापित करने का महत्व बताया तत्पश्चात माताजी के ही सानिध्य में समाज ने 64 रिद्धि विधान का भी लाभ लिया जिसमें समाज के मुख्य रूप से 108 लोग तथा अन्य लोगों ने भाग लिया माताजी ने रिद्धि सिद्धि मंत्रोच्चार के साथ विधान संपन्न कराया
आज सभा के अंत में बाल ब्रह्मचारी पंकज भैया के जन्मदिन के शुभ अवसर पर माताजी ने उन्हें विशेष आशीर्वाद प्रदान किया तथा समाज के सभी लोगों ने उन्हें बधाई दी तथा पंचायत कमेटी ने श्रीफल भेंट कर उन्हें माला पहनाकर उनका सम्मान किया।महिला मंडल ने उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया। भैया जी ने कहा कि नवापारा में माताजी का चातुर्मास बहुत ही अच्छी तरीके से समाज ने संपन्न करवाया।
माता जी के सानिध्य में ही काफी लंबे समय से रुके हुए वर्णी भवन के कार्य को भी प्रारंभ करवाया गया। माताजी ने मंदिर निर्माण कमेटी को मंगल आशीर्वाद प्रदान कर कहा कि भव्य जिनालय का निर्माण होवे।
अंत में महावीर दिगंबर जैन पाठशाला को निरंतर संचालित करने की बात कही जिससे बच्चों में संस्कार बने रहे। पाठशाला के संस्कार बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत जरूरी है इस प्रकार माताजी ने जाते-जाते अपने मंगल वचनों से पूरी समाज को उपकृत किया।
जैन भवन से माताजी ने सदर रोड स्थित श्री शांतिनाथ जिनालय के दर्शन कर, बस स्टैंड की ओर आगे बढ़ी जहा सभी भक्त जनों ने अपने घरों के सम्मुख माता जी का पाद प्रक्षालन किया। माता जी ने अपने पूरे संघ के साथ बस स्टैंड में स्थित पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर के दर्शन कर रायपुर मार्ग में स्थित नसिया जी में अपने चरणों को रखा तथा नसिया जी के निर्माण में सहयोग प्रदान करने वाले सभी लोगों को मंगल आशीर्वाद दिया विहार में आगे बढ़ते हुए माता जी का आज रात्रि का विश्राम शिवांश स्कूल में संपन्न हुआ प्रातः वह अभनपुर के श्वेतांबर जैन समाज मंदिर में पहुंचेंगे और उनकी आहार चर्या वही संपन्न होगी।