महापुराण से गादिकोट हुआ, शिव मय"कथा श्रवण के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
महापुराण से गादिकोट हुआ, शिव मय"कथा श्रवण के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
तेजस्वी /छुरा
नगर के गादीकोठ मे चल रही श्री शिव महापुराण कथा के चौथे दिन कथा कार पं योगेश सुरेन्द्र प्रसाद दुबे जी महराज ने सत्ती चरित्र व शिव पार्वती विवाह का सुन्दर वर्णन किया। पं दुबे जी महराज ने मां पार्वती के जन्म, कामदेव के भस्म होने और भगवान शिव द्वारा विवाह के लिए सहमत होने की कथा सुनाई।
नगर के वरिष्ठ सिया राम सिन्हा एवं परिजनो द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा में पधारे दुबे जी महराज ने श्रोताओं को सुनाते हुए कहा कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था और जिसमें उसने भगवान शिव को छोड़कर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा था। भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही। इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं। पिता द्वारा भगवान शंकर के अपमान पर सती ने हवन कुंड में कूदकर खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया। इसके बाद भगवान शंकर के दूतों ने यज्ञ स्थल को तहस-नहस कर दिया। माता सती के अग्नि में प्रवाहित होने के बाद तीनों लोकों को भगवान शिव के कोप भाजन का शिकार होना पड़ा। श्री शिव महापुराण कथा सुनने श्रद्दालुओ की भीड लग रही है । नगर के सिन्हा समाज एवं नगर वासियो का शिव महापुराण की कथा के आयोजन मे विशेष सहयोग बनाये हुए है।