*पुरा नगरी आरंग में एक शिवलिंग ऐसा, जिसकी पूजा तंत्र साधना में होती थी* - fastnewsharpal.com
फास्ट न्यूज हर पल समाचार पत्र,

*पुरा नगरी आरंग में एक शिवलिंग ऐसा, जिसकी पूजा तंत्र साधना में होती थी*

 *पुरा नगरी आरंग में एक शिवलिंग ऐसा, जिसकी पूजा तंत्र साधना में होती थी*



पंचमुखी महादेव में है नगर का एक मात्र षोडश कोणीय शिवलिंग 


आरंग

 शिवालियों की नगरी आरंग में एक शिवलिंग ऐसा है जिसकी पूजा पहले तंत्र साधना के लिए किया जाता था। डॉ. शुभ्रा रजक तिवारी, पुराविद् एवं प्रांत सह - संयोजक प्राचीन कला विधा के अनुसार इस प्रकार के शिवलिंग को धारा लिंग कहा जाता है। षोडश कोणीय वाले शिवलिंग देश भर में यदा-कदा ही दिखाई पड़ते है। वही आरंग के पंचमुखी महादेव में स्थापित एक शिवलिंग ऐसा है जिसमें 16 फलकें है।

यह शिवलिंग करीब ढाई फिट ऊंचा और काफी बड़ा है। इसी प्रकार के षोडश कोणीय वाले शिवलिंग सिरपुर से भी प्राप्त हुए है। पहले इस प्रकार के शिवलिंगों की उपासना शैव मतावलंबी तंत्र साधना के लिए किया करते थे।

सातवीं -  आठवी शताब्दी ईसवी का काल इस साधना से ओत - प्रोत था। आरंग में इस प्रकार के शिवलिंग मिलने से सातवीं - आठवीं शताब्दी में यहां तांत्रिक क्रिया कलापों से संबंधित शैव संप्रदाय होने की संभावना की पुष्टि होती है। छत्तीसगढ़ के अनेक पुरास्थलों में शिवाचार्य की प्रतिमाएं भी प्राप्त हुई है। छत्तीसगढ़ में कोई संप्रदाय प्राचीन काल में सबसे प्रभावी रहा वो शैव संप्रदाय ही रहा है। प्राचीन काल में शैव उपासक अलग-अलग संप्रदायों में विभक्त थे जैसे- पाशुपत संप्रदाय, कालामुख संप्रदाय, कापालिक संप्रदाय, वीरशैव या लिंगायत संप्रदाय एवं कश्मीरी शैव संप्रदाय। वही शास्त्रों में शिव के पांच स्वरूपों का वर्णन किया गया है।

त्रिनेत्रधारी शिव के पांच मुख से ही पांच तत्व जल, वायु, अग्नि, आकाश, पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए भगवान शिव के ये पांच मुख पंचतत्व माने गए हैं। जगत के कल्याण की कामना से भगवान सदाशिव के विभिन्न कल्पों में अनेक अवतार हुए। जिनमें उनके सद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और ईशान अवतार प्रमुख हैं। शिव को संगीत, नृत्य और योग का प्रणेता माना जाता है। नगर के सामाजिक संगठन पीपला वेलफेयर फाउंडेशन के संयोजक महेन्द्र पटेल ने बताया कि नगर के विभिन्न शिवलिंगो की जानकारियों का संकलन व इतिहासकारों से अध्ययन कराया जा रहा है।

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads