छत्तीसगढ़ में मानसून की धमाकेदार दस्तक!16 दिन पहले ही गरियाबंद में झमाझम बारिश, बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट,बस्तर से लेकर रायगढ़ तक अलर्ट, नौतपा में हुई मानसूनी बौछारें बनी चर्चा का विषय - fastnewsharpal.com
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छत्तीसगढ़ में मानसून की धमाकेदार दस्तक!16 दिन पहले ही गरियाबंद में झमाझम बारिश, बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट,बस्तर से लेकर रायगढ़ तक अलर्ट, नौतपा में हुई मानसूनी बौछारें बनी चर्चा का विषय

 छत्तीसगढ़ में मानसून की धमाकेदार दस्तक!16 दिन पहले ही गरियाबंद में झमाझम बारिश, बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट,बस्तर से लेकर रायगढ़ तक अलर्ट, नौतपा में हुई मानसूनी बौछारें बनी चर्चा का विषय



गरियाबंद/रायपुर:

 छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून ने चौंकाने वाली एंट्री मारी है। जहां आमतौर पर 13 जून को बरसात की शुरुआत होती है, वहीं इस बार 28 मई 2025 को ही प्रदेश में मानसून ने 16 दिन पहले दस्तक दे दी। इसका असर ज़मीन पर दिखने लगा है। गरियाबंद में देर रात से सुबह तक तेज बारिश हुई। बादलों की गरज, बिजली की चमक और रुक-रुक कर पड़ती बौछारों ने मौसम को ठंडा और लोगों को हैरान कर दिया।


मौसम विभाग ने गरियाबंद, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, रायपुर, महासमुंद, धमतरी, कोंडागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों में अगले 3 घंटे के लिए भारी बारिश और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लोगों को सावधानी बरतने और खुले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।




मौसम विभाग का कहना है कि लगातार हो रही बारिश की रफ्तार आज से कुछ धीमी पड़ सकती है, लेकिन शाम के वक्त प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके चलते आज भी पूरे प्रदेश में येलो अलर्ट लागू है।


बस्तर संभाग के जिलों में आज भी बौछारें पड़ सकती हैं, जबकि अन्य जिलों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा संभव है। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले कुछ दिनों में प्रदेश के तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि का पूर्वानुमान जताया है।


मानसून की समय से पहले एंट्री के पीछे क्या कारण?


मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस साल मानसून की जल्दी शुरुआत के पीछे कई बड़े कारण हैं:

1. केरल में 8 दिन पहले मानसून की एंट्री, जिससे इसकी गति तेज हुई।

2. बंगाल की खाड़ी में नमी और कम दबाव के क्षेत्र, जो छत्तीसगढ़ की ओर मानसून खींच लाए।

3. नौतपा में बादल और बारिश, जिसने पहली बार इस गर्मी के दौर में बारिश करवा दी।

4. चक्रवाती परिसंचरण और निचले स्तर की नमी भरी हवाएं, जो मानसून को बस्तर और दंतेवाड़ा जैसे जिलों तक जल्दी ले गईं।

5. जलवायु परिवर्तन और ला नीना प्रभाव, जिससे मानसून का पैटर्न अनिश्चित हो गया है।


मौसम विभाग के मुताबिक जल्द ही मानसून रायपुर पहुंचेगा, उसके बाद अंबिकापुर की ओर बढ़ेगा। अनुमान है कि इस बार प्रदेश में औसत से ज्यादा वर्षा हो सकती है, जो किसानों के लिए राहत की खबर है।

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