आज का चिंतन(सुविचार) - fastnewsharpal.com
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आज का चिंतन(सुविचार)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..17-01-2021 

🙏🏻 अगर आप चाहते है कि जीवन की यात्रा आरामदायक हो तो अपेक्षाओं के सामान को कम करें..._*।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻रास्ते पर गति की सीमा है, बैंक में पैसों की सीमा है, परीक्षा में समय की सीमा है, परन्तु हमारे सोच की कोई सीमा नहीं, इसलिए सदा श्रेष्ठ सोचें और श्रेष्ठ पांए।

🌹 *σм ѕнαитι.*🌹

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      ओम शांति
*मनुष्य के मन में संतोष होना* *स्वर्ग की प्राप्ति से भी* *बढ़कर है,* 
 *संतोष ही सबसे बड़ा सुख है!* *संतोष यदि मन में एक भलीभाँति* *प्रतिष्ठित हो जाए तो* *उससे बढ़कर संसार में कुछ* *भी नहीं है* 

*जैसे कछुआ अपने अंगों को सब ओर से सिकोड़ लेता है, उसी प्रकार जब मनुष्य अपनी सब कामनाओं को सब ओर से समेट लेता है, उस समय तुरंत ही ज्योतिःस्वरूप आत्मा  प्रकाशित हो जाती है!*

# *जब मनुष्य किसी से भय नहीं मानता और जब उससे भी दूसरे प्राणी भय नहीं मानते तथा जब वह राग और द्वेष को जीत लेता है, तब अपने आत्मस्वरूप का साक्षात्कार कर लेता है!*

 *जब वह मन, वाणी और क्रिया* *द्वारा सम्पूर्ण प्राणियों में* *से किसी के साथ न तो*  *विद्रहो करता है* 
 *और न किसी की अभिलाषा ही* *रखता है,* 
*तब वो  परमात्मा को* *प्राप्त करता है..!!*
 ॐ शांति
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ओम शान्ति
*प्रशंसा की भूख*
*अयोग्यता की परिचायक है*
*काबिलियत की तारीफ तो*
*विरोधियों के भी दिल से निकलती है*
*अपने हौसलोंको खबर करते रहो*
*ज़िंदगी मंज़िल नहीं सफर है*
*करते रहो कहते है*
*मत सोच की तेरा सपना क्यों पूरा*
*नहीं होता हिम्मत वालो का इरादा*
*कभी अधुरा नहीं होता*
*जिस इंसान के कर्म अच्छे होते है*
*उस के जीवन में कभी*
*अँधेरा नहीं होता* 
*क्या खूब लिखा है किसी ने*
*बीते कल का अफसोस और*
*आने वाले कल की चिन्ता,*
*दो ऐसे चोर हैं जो हमारे आजकी*
*खूबसूरती को चुरा ले जाते है*
       ॐ शांति
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🙏 *ॐ शांति* 🙏

जीवन *संघर्षपूर्ण* तब लगता है ... जब हम मन को काबू में किये बिना केवल *कर्म* इन्द्रियों द्वारा समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते रहते हैं ... यदि प्रतिदिन थोड़ा सा समय निकाल कर मन को *ध्यान* द्वारा *अनुशासन* में रखने का अभ्यास करें तो नई समस्याएं उत्पन्न ही नहीं होंगी और जो पहले की होंगी ... उनका समाधान *सहज* हो जायेगा ...

🌸 सुप्रभात ... 

💐💐 आपका दिन शुभ हो ... 💐💐


*💠::-संकल्प शक्ति के फायदे-:: 💠*


*1-संकल्प शक्ति से मंशा सेवा कर सकते हैं ।* 

*2-संकल्प शक्ति से आत्माओं की बुद्धि का परिवर्तन कर सकते हैं।*

*3- संकल्प शक्ति से दुखी व अशांत आत्माओं को शांति व शक्ति की अंजली दे सकते हैं।* 

*4- संकल्प शक्ति से व्यर्थ को समर्थ कर सकते हैं।*

*5- संकल्प शक्ति से परमधाम घर की यात्रा कर सकते हैं।*

*6- संकल्प शक्ति अपने कर्मियों को शीतल व शांत बना सकते हैं।* 

*7- संकल्प शक्ति से प्रकृति को भी अपनी बात मनवा सकते हैं।*

*8- संकल्प शक्ति से अन्य  आत्माओं को भी अपनी बात  मनवा  सकते हैं।* 

*9- संकल्प शक्ति से सृष्टि रच सकते हैं।*

*10- संकल्प शक्ति से भोगी  कोई योगी बना सकते हैं।* 

*11- संकल्प शक्ति से अन्य शक्तियां निर्णय करने की, सामना करने की, परखने की अनेक शक्तियां आ जाती है।* 

*12- संकल्प शक्ति से अनेक आत्माओं के बंधनों को छुड़ा सकते हैं॥*

*13- संकल्प शक्ति से मन को एकाग्र कर सकते हैं ।*

*14-संकल्प शक्ति से बुद्धि को परमात्मा की याद  में लगा सकते हैं।*


              *🔹✨ओम शान्ति ✨🔹*





♦️♦️♦️ रात्रि कहांनी ♦️♦️♦️                   


एक कहानी है फ़कीर और मौत की, जो आप ने पहले भी सुनी होगी। अभी के हालात पे सटीक लग रही है, इसलिए शेयर कर रहा हूँ।


           *🟠👉🏽फ़कीर और मौत' 🏵️

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*बहुत पुराने समय की बात है। एक फ़कीर था,जो एक गाँव में रहता था*                                   *एक दिन शाम के वक़्त वो अपने दरवाज़े पे बैठा था, तभी उसने देखा कि एक छाया वहाँ से गुज़र रही है। फ़कीर ने उसे रोककर पूछा- कौन हो तुम ? छाया ने उत्तर दिया- मैं मौत हूँ और गाँव जा रही हूँ क्योंकि गाँव में एक महामारी आने वाली है। छाया के इस उत्तर से फ़कीर उदास हो गया और पूछा, कितने लोगों को मरना होगा इस महामारी में। मौत ने कहा बस हज़ार लोग। इतना कहकर मौत गाँव में प्रवेश कर गयी। महीने भर के भीतर उस गाँव में महामारी फैली और लगभग तीस हज़ार लोग मारे गए। फ़कीर बहुत क्षुब्ध हुआ और क्रोधित भी कि पहले तो केवल इंसान धोखा देते थे, अब मौत भी धोखा देने लगी। फ़कीर मौत के वापस लौटने की राह देखने लगा ताकि वह उससे पूछ सके कि उसने उसे धोखा क्यूँ दिया। कुछ समय बाद मौत वापस जा रही थी तो फ़कीर ने उसे रोक लिया और कहा, अब तो तुम भी धोखा देने लगे हो। तुमने तो बस हज़ार के मरने की बात की थी लेकिन तुमने तीस हज़ार लोगों को मार दिया। इसपर मौत ने जो जवाब दिया वो गौरतलब है।* *मौत ने कहा- मैंने तो बस हज़ार ही मारे हैं, बाकी के लोग ( उनतीस हज़ार) तो भय से मर गए। उनसे मेरा कोई संबंध नहीं है।*


                  *यह कहानी मनुष्य मन का शाश्वत रूप प्रस्तुत करती है। मनोवैज्ञानिक रूप मानव मन पर मौत से कहीं अधिक गहरा प्रभाव भय डालती है। भय कभी बाहर से नहीं आता बल्कि यह भीतर ही विकसित होता है। इसलिए कहते हैं - मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। हमारा मन जब हार जाता है तो हमारे  भीतर भय का साम्राज्य कायम हो जाता है। भयभीत व्यक्ति ना तो कभी बाहरी परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर सकता है ना ही अपनी मनःस्थिति पर।*

                  *हम जैसे सोचते हैं, हमारा शरीर और पूरा शारीरिक-तंत्र उसी प्रकार अपनी प्रतिक्रिया देता है। इंसान के मन और मस्तिष्क की क्षमता उसकी शारीरिक क्षमता से कई गुना अधिक होती है। उस गाँव में उनतीस हज़ार लोग महामारी से नहीं बल्कि भय से मर गए क्योंकि उनका मनोबल गिर गया था। इसलिये मनोबल हमेशा ऊँचा रखें, परिस्थितियाँ चाहे जो भी हो।*

                 *परिवर्तन संसार का नियम है। यह सुख और दुःख दोनों पे समान रूप से लागू होता है। संतुलित और निर्भीक मन (अच्छे अर्थों में) सफल और सार्थक जीवन जीने की सबसे बड़ी कुंजी है। अतः सदैव संतुलित रहने का प्रयास करें। एक कहावत है- मनुष्य को केवल एक ही व्यक्ति हरा सकता है और वो है मनुष्य स्वयं। एक सजग मनुष्य के लिए हताशा और निराशा कभी कोई विकल्प नहीं हो सकता। सकारात्मक रुख़ अपनाते हुए प्रयत्नशील और संघर्षशील रहना सदैव शक्ति और विजय का परिचायक रहा है।* 


मित्रों ,


                  *सबकुछ लॉकडाउन हुआ है लेकिन हमारे ब्रह्मास्त्र ( Mobile Phone) का ईंधन बिल्कुल भरा हुआ है। इसका सदुपयोग कीजिये। अच्छा पढ़िये, अच्छा सुनिये, सभी किताबें ऑनलाइन उपलब्ध है। अपनी रचनात्मकता को पंख दीजिये और खुद को छोड़कर सबसे दूर हो जाइए। तभी आप सुरक्षित हैं और हम सब भी।*




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