आज का चिंतन(सुविचार)
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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..29-01-2021*..🎋
🌻 🙏 *ॐ शांति* 🙏
यह मनुष्य का *स्वभाव* है कि वह दूसरों के दोष देख कर *हंसता* है और उसका *मजाक* उड़ाता है, लेकिन उसे अपने दोष नजर नहीं आते। दूसरों में *दोष* ढूंढने से पहले खुद में जरूर झांकें और अपने दोष सुधारें। जैसे ही हमें *अपनी* कमी नजर आयेगी तो *दूसरों* में दोष दिखाई नहीं देंगे।
💐 *Brahma Kumaris* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*🌷
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💐जब साइंस🌔वाले पृथ्वी🌏से स्पेस में जाने वालों की हर गति और हर विधि को जान सकते हैं तो क्या याद🌻 के बल से आप अपने श्रेष्ठ पुरुषार्थ की गति और विधि को नहीं जान सकते हो? लास्ट में जानेंगे जब आवश्यकता नहीं होगी? इसके लिए कैचिंग पॉवर✈️चाहिए, जैसे साइंस दूर की आवाज को कैच कर चारों ओर सुना सकती है। तो क्या आप लोग भी शुद्ध 🌬️वायब्रेशन, शुद्ध वृत्तियों व शुद्ध वायुमण्डल को कैच नहीं कर सकते हो? यह कैचिंग पॉवर प्रत्यक्ष रूप में अनुभव होगी।💐
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अनमोल वचनः
इस दुनिया में जो कुछ भी आपके पास है,वह बतौर अमानत ही है और दूसरे की अमानत का भला अहंकार कैसा ? शरीर शमशान की अमानत है और जिन्दगी मौत की अमानत है | अमानत को अपना समझना सरासर बेईमानी ही है। याद रखना यहाँ कोई किसी का नहीं। तुम चाहो तो लाख पकड़ने की कोशिश कर लो मगर यहाँ आपकी मुट्ठी में कुछ आने वाला नहीं है। अमानत की सम्भाल तो करना मगर उसे अपना समझने की भूल मत करना और जो सचमुच तुम्हारा अपना है, इस दुनियां की चमक-दमक में उसे भी मत भूल जाना। यह सच है कि इस दुनिया में कोई तुम्हारा अपना नहीं मगर दुनिया बनाने वाला जरुर अपना है फिर उस से प्रेम न करना बेईमानी नहीं तो और क्या है..!!
🙏ओम् शांति🙏
🌺आपका दिन शुभ हो 🌺
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🙏 *ॐ शांति* 🙏
यह मनुष्य का *स्वभाव* है कि वह दूसरों के दोष देख कर *हंसता* है और उसका *मजाक* उड़ाता है, लेकिन उसे अपने दोष नजर नहीं आते। दूसरों में *दोष* ढूंढने से पहले खुद में जरूर झांकें और अपने दोष सुधारें। जैसे ही हमें *अपनी* कमी नजर आयेगी तो *दूसरों* में दोष दिखाई नहीं देंगे।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
♦️♦️♦️ रात्रि कहांनी ♦️♦️♦️
*👉🏿सुंदर हाथ➖*🏵️
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*बहुत समय पहले की बात है कुछ महिलाएं एक नदी के तट पर बैठी थी वे सभी धनवान होने के साथ-साथ अत्यंत सुंदर भी थी वे नदी के शीतल एवं स्वच्छ जल में अपने हाथ - पैर धो रही थी तथा पानी में अपनी परछाई देख- देखकर अपने सौंदर्य पर स्वयं ही मुग्ध हो रही थी...तभी उनमें से एक ने अपने हाथों की प्रशंसा करते हुए कहा, देखो, मेरे हाथ कितने सुंदर है.. लेकिन दूसरी महिला ने दावा किया कि उसके हाथ ज्यादा खूबसूरत हैं तीसरी महिला ने भी यही दावा दोहराया... उनमें इस पर बहस छिड़ गई तभी एक बुजुर्ग लाठी टेकती हुई वहाँ से निकली उसके कपड़े मैले- कुचैले थे वह देखने से ही अत्यंत निर्धन लग रही थी उन महिलाओं ने उसे देखते ही कहा, “व्यर्थ की तकरार छोड़ो, इस बुढ़िया से पूछते हैं कि हममें से किसके हाथ सबसे अधिक सुँदर है.. उन्होंने बुजुर्ग महिला को पुकारा, “ए बुढ़िया, जरा इधर आकर ये तो बता कि हममें से किसके हाथ सबसे अधिक सुँदर है..बुजुर्ग किसी तरह लाठी टेकती हुई उनके पास पहुंची और बोली -मैं बहुत भूखी-प्यासी हूँ, पहले मुझे कुछ खाने को दो ,चैन पड़ने पर ही कुछ बता पाऊँगी... वे सब महिलाँए हँस पड़ी और एक स्वर में बोलीं -जा भाग, हमारे पास कोई खाना- वाना नहीं है ये भला हमारी सुँदरता को क्या पहचानेगी...*
*वही थोड़ी ही दूरी पर एक मजदूर महिला बैठी थी वह देखने में सामान्य लेकिन मेहनती और विनम्र थी उसने बुजुर्ग को अपने पास बुलाकर प्रेम से बैठाया और अपनी पोटली खोलकर अपने खाने में से आधा खाना उसे दे दिया फिर नदी से लाकर ठंडा पानी पिलाया,फिर उस मजदूर महिला ने उसके हाथ-पैर धोए और अपनी फटी धोती से पौंछकर साफ कर दिए इससे बुजुर्ग महिला को बड़ा आराम मिला जाते समय वह बुजुर्ग उन सुँदर महिलाओं के पास जाकर बोली -सुँदर हाथ उन्हीं के होते हैं जो अच्छे कर्म करें तथा जरूरतमंदों की सेवा करें.. अच्छे कार्यों से हाथों का सौंदर्य बढ़ता है, आभूषणों से नही..।।*
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