आज का चिंतन(सुविचार) - fastnewsharpal.com
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आज का चिंतन(सुविचार)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..21-01-2021*..🎋


✍🏻शंका का कोई इलाज नहीं, चरित्र का कोई प्रमाण नहीं, मौन से अच्छा कोई साधन नहीं, और शब्द से तीखा कोई बाण नही।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है। लेकिन स्वभाव की कमी को सुंदरता से पूरा नही किया जा सकता।

🌹 *σм ѕнαитι.*🌹


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*इतनी जल्दी दुनिया की*
*कोइ चीज नही बदलती*
*जितनी जल्दी*
*इन्सान की नियत*
 *ओर*.......
*नजरे बदल जाती है*
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ओम शांति

*कभी आपने महसूस किया है कि*
*बस में सफर करते समय अगर हम पीछे की सीट में बैठते हैं*
*तो धक्के ज्यादा लगते हैं .*
*जैसे जैसे हम*
*आगे की सीट पे जाते हैं तो धक्के कम लगते हैं ।*
*ड्राइवर और हमारी सीट में*
*अंतर ज्यादा तो धक्के ज्यादा ।*
*ड्राइवर और हमारी सीट में अंतर कम तो धक्के कम ।*
*हमारी जीवन रूपी गाड़ी के ड्राइवर , सारथी ,ईश्वर हैं*
*ईश्वर से अंतर ज्यादा*
*तो धक्के ज्यादा ।*
*ईश्वर से अंतर कम*
*तो धक्के कम ।*
*इसलिये परमात्मा से सच्चा और गहरा सम्बन्ध जोड़े....*
 
       🙏🏻🙏🏻👏🏻ओम शांति 👏🏻🙏🏻🙏🏻

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अनमोल वचनः

बदलना तय है! हर चीज का... इस संसार में...!! बस, कर्म अच्छे करें...किसी का जीवन बदलेगा,किसी का दिल बदलेगा,तो किसी के दिन बदलेंगे !!

🙏ओम् शांति🙏

💐आपका दिन शुभ हो💐

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*प्रसंशा मनुष्य को उदार बनाती है। यदि हमारे अंदर दूसरों का मनोबल बढ़ाने की प्रवृत्ति है, अक्सर छोटी - छोटी बातों पर भी दूसरों को सराहने की प्रवृत्ति है तो ऐसी प्रवृत्ति हमारे जीवन को और अधिक उदार बना देती है।*
*अगर जीवन में कभी जैसा आप सामने वाले से अपेक्षा करते हैं अथवा आपने मन के अनुरूप कोई कार्य न भी हुआ तो क्रोधित होने की अपेक्षा अथवा तो नकारात्मक टीका - टिप्पणी करने की अपेक्षा उसके सकारात्मक पहलू पर विचार करो और प्रशंसा के दो शब्द बोल दिया करो।*
*आपके द्वारा की गई सामान्य प्रशंसा भी सामने वाले के मनोबल को और अधिक मजबूत बना सकती है। आपके द्वारा की जाने वाली सहज प्रशंसा भी कभी-कभी सामने वाले के लिए प्रसन्नता का कारण बन सकती है।*
*किसी कार्य से प्रभावित होकर प्रशंसा करना अलग बात है लेकिन किसी कार्य का आपके अनुरूप न होने पर भी प्रशंसा करना बिल्कुल अलग बात। प्रशंसा दूसरों के प्रभाव से नहीं आपके स्वभाव में होनी चाहिए, यही तो आपकी उदारता का भी पैमाना है।*
     ओम शांति
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*गीता का दूसरा अध्याय* 

 *Episode - 4 ( हर समस्या के पीछे एक रहस्य* )


कल के एपिसोड में *परमात्मा से शक्तियां लेना सिखाया गया था* । एक परमात्मा शक्ति ही है जिस के सानिध्य में रहकर *जिस की छत्रछाया में रहकर* हम अपनी शक्तियों को यूज करने के लायक बन जाते हैं। हारने की स्थिति कब आती है जीवन में?  जब शक्ति का अभाव होता है।  फिजिकल लेवल पर यदि दो *उस्ताद* 🤼‍♂️लड़ रहे हो नॉर्मली जो व्यक्ति में शक्ति का अभाव होता है *वहीं धीरे-धीरे हारने लगता है*👎🏻 । इसी तरह मनो युद्ध में भी हारने की स्थिति कब होती है जब शक्ति का आभाव होता है । शक्ति का अभाव अगर है तो शक्ति के स्त्रोत से जो शक्ति प्राप्त होगी *उसी शक्ति से हमारी बैटरी चार्ज होगी* 📊और जीवन में संघर्ष के लिए हम पुनः तैयार हो जाएंगे और हमारी विजय हो जाएगी।


 फिर आगे भगवान कहते हैं क्योंकि सुख-दुख को समान समझने वाले यह **पुरुष यानी आत्मा* * और विषय।  *विषय का मतलब यहां क्या है?*  विषय का मतलब सब्जेक्ट नहीं अक्सर मनुष्य जब भगवान के मंदिर में जाता है तो भगवान के सामने प्रार्थना जरूर करता है,"  *विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा*" 

विषय का मतलब विकृत विषय अर्थात जो *नेगेटिविटी*⛔ है । इसीलिए कहा सुख दुख सुख  को समान समझने वाले धैर्य पुरुष यानी आत्मा।  *इंद्रियां भी उसे विचलित नहीं कर सकती* 🙅‍♀️।  ना ही विषय या ना विकृति ही हमें विचलित नहीं कर सकती । इंद्रियों और विकृति हमें हिला नहीं पाते। माना ( *भगवान* ) हमारे जीवन में जो भी *व्हिज्डम* आती है वह किसी ने किसी *प्रॉब्लम को सॉल्व करने के बाद ही आते हैं* 😇

इसीलिए किसी प्रार्थना में बहुत सुंदर कहा कि मैंने *भगवान से शक्ति मांगी भगवान ने मुझे प्रॉब्लम दी*।  यह समझाने के लिए और उस प्रॉब्लम्स को सुलझाने में ही मेरे अंदर *विजडम आ गई* कि जीवन कैसे जीना है?  यह अमृत तत्व को प्राप्त करना है तो जीवन के अंदर अमृतत्व तभी प्राप्त होता है। विजडम हमारे अंदर तभी आता है जब प्रॉब्लम आती हैं तो प्रॉब्लम आर नेचुरल।  वह हमें अनुभवी बनाने के लिए आते हैं।  वह हमें सीख देने के लिए आते हैं । जीवन में कुछ वैल्यू देने के लिए आती हैं तो उसमें *अपसेट होने की क्या बात है* 🤷‍♀️?  अगर कुछ *गिफ्ट*🏵️ मिल रही है तो प्यार से स्वीकार करें । **अपसेट क्यों हो जाते हैं?* 😓


 *बहुत सुंदर उदाहरण ( ध्यान से पढे)* 


 मुझे एक *दृष्टांत* याद आता है थोड़े समय पहले *एक कलेक्टर* आए और अनुभव शेयर करते हुए उन्होंने कहा मैंने जैसे ही कॉलेज कंप्लीट किया । अपनी पढ़ाई पूरा किया।  करते ही मुझे एक *जॉब मिल गई बैंक मे।*

मैं बहुत खुश था कि *लोग* इतना पढ़ने के बाद डिग्री लेने के बाद जॉब के लिए *भटकते* रहते हैं और मैंने एमकॉम कंप्लीट करते ही *मुझे जॉब मिल गया* । असिस्टेंट डायरेक्टर एक बैंक में बन गया । मैं बहुत खुश हो गया क्योंकि मुझे अपना भविष्य आगे बहुत सुरक्षित महसूस होने लगा और लगा कि मेरा स्कोप भी बहुत अच्छा है।  आगे जाकर प्रमोशन भी बहुत अच्छा मिलेगा तो मैं *बहुत खुश था*😊 लेकिन 1 साल के अंदर ही एक *ऐसी परीक्षा आई*📝 मेरे सामने बैंक के अंदर कुछ *घोटाला*📮 हुआ और मैं अनुभवी नहीं था । नया-नया जॉइन किया था । सारा *इल्जाम मेरे ऊपर* 🙆🏻‍♂️आ गया और मेरे पास कोई सबूत नहीं था अपने आपको निर्दोष प्रूफ करने का और मैं इतना परेशान हो गया और मुझे मजबूरी में रेजिग्नेशन देना पड़ा । बोला मैं बहुत दुखी हो गया इतना दुखी हो गया। ये सब कैसे हुआ मैंने जो कर्म किया नहीं मेरे ऊपर ऐसे इल्जाम कैसे आ गया?  मैंने कोई ऐसी हरकत नहीं की फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ?  भगवान से बहुत झगड़ा करने लगा कि तु तो जानता है कि मैं नीति पर चलने वाला से मेरे *साथ ऐसा क्यों हुआ*🤷🏻‍♂️ हर कोई उसको यही संतावना दे रहे थे कि दूसरी अच्छी जॉब मिल जाएगी । इससे बेहतर मिल जाएगी । कोई बात नहीं ।  लेकिन मैं *धैर्य नहीं रख सकता था* । मेरा मन बड़ा परेशान था इतना नेगेटिव सोच चलने लगे कि मैं जहां भी न ई जॉब के लिए अप्लाई करता था वह बात इतना न्यूज़पेपर में आ गई थी कि वही बात मेरे सामने आ जाती थी और मुझे कोई *अच्छी जॉब नहीं मिल रही थी*⚔️ तो मैं और ज्यादा परेशान था कि क्या जीवन भर मुझे यह चीज को फेस करना पड़ेगा?  धीरे-धीरे मेरा मन  इतना नेगेटिव सोचने लगा । धीरे धीरे डिप्रेशन की ओर जाने लगा  कोई अच्छी जॉब नहीं मिल रही थी जहां भी जाता था वहां रिजेक्शन मिलती थी अगर मिल रही थी तो कम दर्जे वाली।आखिर मेरा एक *दोस्त*👨🏻‍🦰 जो कॉलेज में मेरे साथ था उसको पता चला वह *कलेक्टर*👨🏻‍🎓 बन गया था तो वह जैसे ही उसको पता चला वह मुझे मिलने आया और उसने मेरी हालत देखकर मुझे कहा यह तुम क्या कर रहे हो ?  मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? तू तो मुझे अच्छे से जानता है कि मैं ऐसा कर नहीं सकता हूं फिर *मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ* 😥? उस दोस्त ने कहा कोई बात नहीं । हर कोई कहता है कि कोई बात नहीं । जब तक तू फ्री है एक काम करो *आईएएस का फॉर्म* 📃मैं लेकर आया हूं तुम यह भर दो उसने मुझे बहुत फोर्स किया और मैंने वह फॉर्म भर दिया ।फॉर्म भरने के बाद मेरा *सिलेक्शन*👍🏻 हो गया।  सिलेक्शन होने के बाद जैसे-जैसे में सारे टेस्ट पास करता गया तो मैं *कलेक्टर बन गया* 👨🏻‍🎓। अब मुझे समझ में आ रहा था वहां मेरे साथ वह घटना क्यों हुई थी क्योंकि भगवान नहीं चाहता था कि मैं वहां  रहूं मेरी पोटेंशियल के हिसाब से मेरे संचित कर्मों की हिसाब से तो *मुझे कुछ बडा देना चाहता था* 🤞🏻।  अगर सब कुछ अच्छा होता तो मैं कभी वो एक्साम देता है नहीं और आज मैं यहां पहुंच गया हूं।  उसने बताया कि जीवन भर मुश्किल आती हैं वो हमें कुछ ना कुछ सीख देने के लिए आते हैं। उनके पीछे का जो रहस्य होता है इसी को अमृतत्व प्राप्त कराना कहते हैं। अमृतत्व को हम प्राप्त कर लेते हैं तब हमें समझ आता है कि हमारे साथ सीक्विंस में जोजो भी *प्रॉब्लम्स* है कि उन प्रॉब्लम्स के पीछे कोई ना कोई रहस्य और प्रॉब्लम्स को  फेस करने के लिए आगे बढ़ते हैं । यदि उसने अपने को *नेगेटिविटी*⛔ में डाल दिया होता यहां आता ही नहीं था तो  शायद उसने घटना का शिकार बन करके *अपने जीवन को क्या कर दिया होता था?*  जो प्रॉब्लम जाते हैं अनुभवी बनाते हैं और उसे पार करने के योग्य पात्र बनाते हैं हमें सिखाते हैं यह गीता है जो सीखाती है कि *जीवन में कभी भी निराश ना उम्मीद होने की आवश्यकता नहीं है* ।

गीता को हमने कभी इस तरह से समझ ही नहीं था।


           ⛥ओम शांति ⛥



🙏 *ॐ शांति* 🙏


अगले अच्छे या बुरे जन्म का आधार *संस्कार* है न कि *कर्म* ... क्योंकि यदि अच्छा कर्म संपूर्ण समर्पण से नहीं किया तो यह पुण्य के खाते में *जमा* नहीं होता। वास्तविक पुण्य तभी जमा होता है जब सच्चाई और सफाई हमारा *संस्कार* बन चुकी हो।


🌸 सुप्रभात... 


💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐





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