आज का चिंतन(सुविचार) - fastnewsharpal.com
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आज का चिंतन(सुविचार)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..24-02-2021*..🎋


✍🏻जब कोई हाथ और साथ दोनों ही छोड़ देता है, तब कुदरत कोई न कोई उंगली पकड़ने वाला भेज देता है, इसी का नाम जिदंगी है।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷


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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻हर सूर्यास्त हमारे जीवन से एक दिन कम कर देता है। लेकिन हर सूर्योदय हमें आशा भरा एक और दिन दे देता हैं, सदैव बेहतर की उम्मीद करे।

🌹 *σм ѕнαитι.*

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🌀🔹Om Shanti 🔹🌀
आत्मा के अस्तित्व को सिद्ध करने वाले कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

😅शिशु  के हंसने रोने का कारण क्या।

😅 हम सभी देखते हैं कि एक छोटा शिशु अपने पालने में लेटा हुआ कभी हँसता है,कभी रोता~चिल्लाता है,कभी हाथ~पैर मारता है।उसे कोई शारीरिक बीमारी भी नही है जिसके कारण उसे पीड़ा हो और ना ही उसे ऐसी कोई चीज की प्राप्ति हुई है जिसके कारण वो खुश हो।

😅इससे सपष्ट है कि जरूर उसके मन में कोई कटु एवम् मधुर समृतियाँ उभर रही हैं और वह स्मृति पूर्व जन्म की ही हैं क्योकि इस जन्म में आ कर तो अभी उसने कोई कर्म किया ही नही तो जरूर ये स्मृतियां किसी चेतन सत्ता में संचित है।

😅लेकिन क्योकि शिशु इतना छोटा है कि वह उन्हें व्यक्त करने में समर्थ नही है इसलिए वह हंसकर,रोकर या हाथ-पैरो की क्रियाओ द्वारा ही प्रतिक्रिया व्यक्त करता है।हम भी कई बार स्वप्न में कई ऐसे दृश्य देखते हैं जो हमने कभी देखे भी नही होते तो शायद वो हमारी पूर्व स्मृतियां और संस्कार ही होते हैं जो हमे स्वप्न में दिखाई देती हैं।

        अब यदि 
इन सबका कारण पूर्वस्मृतियां माना जाए तो ????

प्रश्न उठता है कि ये पूर्वस्मृतियां कहाँ से आई।मृत्यु होते ही शरीर तो समाप्त हो गया ।और नया जन्म हुआ तो नया शरीर लिया।अत:स्पष्ट है कि अवश्य ही ये स्मृतियां संस्कारो के रूप में  चेतन सत्ता आत्मा में संचित थी जो एक शरीर छोड़ दूसरा लेने के बाद भी पूर्वरत रही।

        🌀🔹ओम शांति 🔹🌀


🙏 *ॐ शांति* 🙏

अपने *पाप* स्वयं ही धोने पड़ते हैं, भगवान केवल *विधि* सिखाता है। वह किसी के भी कर्मों में *हस्तक्षेप* नहीं करता और न ही बिन मांगे *मदद* करता है जब तक आत्मा स्वयं *स्वपरिवर्तन* के लिये तैयार नहीं होती। वह न तो कोई *विधि* देता है और न ही कोई *सिद्धि* ...

🌸 सुप्रभात... 

💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
♦️♦️♦️ रात्रि कहांनी ♦️♦️♦️

*👉🏿बुजुर्गों को समय 🏵️चाहिए➖*
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*छोटे ने कहा," भैया, दादी कई बार कह चुकी हैं कभी मुझे भी अपने साथ होटल ले जाया करो." गौरव बोला, " ले तो जायें पर चार लोगों के खाने पर कितना खर्च होगा. याद है पिछली बार जब हम तीनों ने डिनर लिया था, तब सोलह सौ का बिल आया था. हमारे पास अब इतने पैसे कहाँ बचे हैं." पिंकी ने बताया," मेरे पास पाकेटमनी के कुछ पैसे बचे हुए हैं." तीनों ने मिलकर तय किया कि इस बार दादी को भी लेकर चलेंगे, पर इस बार मँहगी पनीर की सब्जी की जगह मिक्सवैज मँगवायेंगे और आइसक्रीम भी नहीं खायेंगे.*

*छोटू, गौरव और पिंकी तीनों दादी के कमरे में गये और बोले," दादी इस' संडे को लंच बाहर लेंगे, चलोगी हमारे साथ." दादी ने खुश होकर कहा," तुम ले चलोगे अपने साथ." " हाँ दादी " .*

*संडे को दादी सुबह से ही बहुत खुश थी.* *आज उन्होंने अपना सबसे बढिया वाला सूट पहना, हल्का सा मेकअप किया, बालों को एक नये ढंग से बाँधा. आँखों पर सुनहरे फ्रेमवाला नया चश्मा लगाया. यह चश्मा उनका मँझला बेटा बनवाकर दे गया था जब वह पिछली बार लंदन से आया था. किन्तु वह उसे पहनती नहीं थी, कहती थी, इतना सुन्दर फ्रेम है, पहनूँगी तो पुराना हो जायेगा. आज दादी शीशे में खुद को अलग अलग एंगिल से कई बार देख चुकी थी और संतुष्ट थी.*

*बच्चे दादी को बुलाने आये तो पिंकी बोली,"* *अरे वाह दादी, आज तो आप बडी क्यूट लग रही हैं".* *गौरव ने कहा," आज तो दादी ने गोल्डन फ्रेम वाला चश्मा पहना है. क्या बात है दादी किसी ब्यायफ्रैंड को भी बुला रखा है क्या." दादी शर्माकर बोली, " धत. "*

*होटल में सैंटर की टेबल पर चारो बैठ गए.*
 *थोडी देर बाद वेटर आया, बोला, " आर्डर प्लीज ".* *अभी गौरव बोलने ही वाला था कि दादी बोली," आज आर्डर मैं करूँगी क्योंकि आज की स्पेशल गैस्ट मैं हूँ."*
 *दादी ने लिखवाया__ दालमखनी, कढाईपनीर, मलाईकोफ्ता, रायता वैजेटेबिल वाला, सलाद, पापड, नान बटरवाली और मिस्सी रोटी. हाँ खाने से पहले चार सूप भी.*

*तीनों बच्चे एकदूसरे का मुँह देख रहे थे.* *थोडी देरबाद खाना टेबल पर लग गया. खाना टेस्टी था, जब सब खा चुके तो वेटर फिर आया, "डेजर्ट में कुछ सर". दादी ने कहा,  " हाँ चार कप आइसक्रीम ".तीनों बच्चों की हालत खराब, अब क्या होगा, दादी को मना भी नहीं कर सकते पहली बार आईं हैं.*

*बिल आया, इससे पहले गौरव उसकी तरफ हाथ बढाता,* *बिल दादी ने उठा लिया और कहा," आज का पेमेंट मैं करूँगी. बच्चों मुझे तुम्हारे पर्स की नहीं, तुम्हारे समय की आवश्यकता है, तुम्हारी कंपनी की आवश्यकता है. मैं पूरा दिन अपने कमरे में अकेली पडे पडे बोर हो जाती हूँ. टी.वी. भी कितना देखूँ, मोबाईल पर भी चैटिंग कितना करूँ. बोलो बच्चों क्या अपना थोडा सा समय मुझे दोगे," कहते कहते दादी की आवाज भर्रा गई.*

*पिंकी अपनी चेयर से उठी, उसने दादी को अपनी बाँहों में भर लिया और फिर दादी के गालों पर किस करते हुए बोली," मेरी प्यारी दादी जरूर." गौरव ने कहा, " यस दादी, हम प्रामिस करते हैं कि रोज आपके पास बैठा करेंगे और तय रहा कि हर महीने के सैकंड संडे को लंच या डिनर के लिए बाहर आया करेंगे और पिक्चर भी देखा करेंगे."*

*दादी के होठों पर 1000 वाट की मुस्कुराहट तैर गई, आँखों में फ्लैशलाइट सी चमक आ गई और चेहरे की झुर्रियाँ खुशी के कारण नृत्य सा करती महसूस होने लगीं...-*

*बूढ़े मां बाप रूई के गटठर समान होते है, शुरू में उनका बोझ नहीं महसूस होता, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ रुई भीग कर बोझिल होने लगती है.*
 *बुजुर्ग समय चाहते हैं पैसा नही, पैसा तो उन्होंने सारी जिंदगी आपके लिए कमाया-की बुढ़ापे में आप उन्हें समय देंगे।*



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