आज का चिंतन(सुविचार)
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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..21-03-2021*..🎋
✍🏻विश्वास शब्द मे विष भी है ओर आस भी है, ये हम पर निभर्र करता है कि हम क्या बाटते है ओर हम क्या पाते है।
💐 *Brahma Kumaris* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻अच्छे के साथ अच्छे बनें, पर बुरे के साथ बुरे नहीं। क्योंकि हीरे से हीरा तो तराशा जा सकता है लेकिन कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता।
🌹 *σм ѕнαитι.*🌹
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दोस्तों,
जीवनशैली और बीमारी एक दूसरे से सम्बन्धित बातें हैं၊
जीवनशैली का अपना अस्तित्व existence है परन्तु बीमारी का अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है၊
जिस बात का अस्तित्व है उस पर सफलतापूर्वक काम किया जा सकता है परन्तु जिसका अस्तित्व ही नहीं है उस पर कितना भी काम कर लिजिए सफलता कैसे सम्भव हो सकती है?
*अपनी आदर्श जीवनशैली lifestyle में जब हम किसी अल्पकाल के स्वार्थ वश वा किसी अन्य को सन्तुष्ट करने के लिए (जो सम्भव नहीं है) किसी भी प्रकार का जोडतोड manipulation वा समझोता compromise करते हैं तो वह जोडतोड वा समझोता जिन लक्षणों symptoms के द्वारा हमारे शरीर में प्रत्यक्ष/अभिव्यक्त manifest होता है उन लक्षणों को हम बीमारी वा समस्या कहते हैं၊*
आज हम बीमारी वा लक्षणों को ही ठीक करने का, उन पर जीत पाने का पुरुषार्थ कर रहे हैं जो असम्भव है क्योंकि जिसका अपना अस्तित्व ही नहीं है उस पर जीत पा ही नहीं सकते၊
जीवनशैली का अपना अस्तित्व है, यदि हम उसे ठीक/उचित बनाकर जीने का पुरुषार्थ करे तो बीमारी अपने आप गायब हो जायेगी अर्थात् जहाँ से आई थी फिर वही वापस चली जायेगी क्योंकि जीवनशैली का परिवर्तन ही बीमारी वा स्वास्थ के रूप में प्रत्यक्ष होता है၊
जीवनशैली में केवल हमारे आहार, दिनचर्या, जीवन का स्तर status, कार्य के तरिके, दवाईयां, व्यायाम, परिश्रम इनका ही अन्तर्भाव नहीं होता परन्तु _हमारे सोचने के तरिके thought patterns, मन की मान्यतायें belief systems, दृष्टिकोण attitudes, स्मृतियां memories, संस्कार, ... का भी अन्तर्भाव होता है၊_
जरा चेक किजिए / अपने आपसे पूछिए कि सारे जीवन में हम उपरोक्त non-matarial बातों को ठीक वा परिवर्तन करने के लिए कितना पुरुषार्थ करते हैं? इसके उत्तर से ही हम समझ सकेंगे कि हमारी बीमारियां कब तक हमारा साथ देंगी၊
आज की दुनिया में हम कम्प्यूटर का प्रयोग करते हैं, इसके दो पहलू हैं - एक है *software* और दूसरा है *hardware*
Software अदृश्य है, hardware दृश्य है၊
Hardware चाहे कितना भी अच्छा हो परन्तु Software के बिना कार्य performance नहीं कर सकता၊ यदि software में virus है तो भी hardware का कार्य धीमा हो जाता वा थम जाता है၊
यदि software सुसंगत compatible नहीं है तो hardware अधिकतम कार्य optimum output नहीं कर सकता၊
कम्प्यूटर प्रणाली जैसे मनुष्य जीवन का ही प्रतिबिम्ब है၊ मनुष्य का जीवन भी चैतन्य आत्मा और जड प्रकृति इन दोनों से बना है၊
आत्मा/soul जिसके लिए कहा जाता है *SOUL IS A POINT OF LIGHT AND MIGHT INVISIBLE TO PHYSICAL EYES*
इतनी छोटी सी सूक्ष्म subtle आत्मा आंखों से दिखती भी नहीं परन्तु इतने बडे शरीर का संचालन करती है - कैसे?
शरीर है hardware और आत्मा इसे संचालित करती है अपने software के द्वारा၊
आत्मा के software को संक्षेप में TEAM कहा जाता है၊
T - thoughts विचार
E - emotions भावनायें
A - attitudes दृष्टिकोण
M - memories स्मृतियाँ
हमारा TEAM रूपी software यदि सुसंगत है या updated है या virus मुक्त है तो हम अपने शरीर रूपी hardware से optimum output ले सकते हैं၊
जीवन के किसी भी क्षेत्र में जैसे स्वास्थ, सम्बन्ध, व्यवहार, परमार्थ, ... में यदि हम स्वयंसे optimum output चाहते हैं तो हमें हमारा TEAM रूपी software अद्ययावत updated और virus मुक्त रखना होगा၊
TEAM की चारों ही बातें सूक्ष्म non-matarial हैं परन्तु सारे स्थूल material जगत पर TEAM का पूर्ण प्रभाव रहता है၊
हमारे शरीर के स्वास्थ की स्थिति हमारे TEAM की अभिव्यक्ति manifestation ही है၊
Virus प्रभावित TEAM वा पुरानी कालबाह्य मान्यताओं से preoccupied TEAM वा किसी अल्पकाल के स्वार्थवश जोडतोड manipulation की गई TEAM जिन लक्षणों के द्वारा प्रकट हो रही है उसको हम बीमारी कहते हैं, दवाईयों के द्वारा उन लक्षणों को ठीक करने की कोशिश करते हैं၊
लक्षण अल्पकाल के लिए मिट गए तो समझते हैं हम ठीक हो गए၊ परन्तु लक्षण लौटकर आ रहे हैं, bypass surgery करने के बाद भी फिर ब्लॉक बन रहे हैं, stone निकालने के बाद भी फिर से बन रहे हैं, कैंसर ठीक होने के बाद भी फिर से लौट रहे हैं, ... क्योंकि बीमारी का आधार/जड/root TEAM में हैं जो दिन प्रतिदिन गलत दिशा में पक्का होते जा रहा है၊ इसिलिए जितना हम बीमारीयों के उपचार करते जा रहे हैं उतनी बीमारियां स्थायी/जीर्ण/chronic होती जा रही हैं और दवाईयां बेअसर होती जा रही हैं၊
इसलिए *यदि बीमारी को ठीक करना है वा स्वयं को heal स्वस्थ बनाना है तो दवाई लेने के साथ-साथ हमें हमारी TEAM (आत्मा का software) के स्तर पर श्रेष्ठ परिवर्तन भी करना ही होगा तब ही दीर्घकालीन long term ऊंचे परिणाम मिलेंगे၊*
सभी अपने जीवन के अनुभवों के साथ जोडकर इन बातों पर गहराई से विचार सागर मंथन करें तो स्वास्थ रूपी मक्खन निकल आयेगा၊
ओम शांति
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💁 *खुश रहने के खास टिप्स-*
🍀 – परिवार में बच्चों के साथ खेलें और उनके साथ समय बितायें।
🍂 – नेचर से दोस्ती करें। बाहर निकलें और गार्डन में कुछ समय शांत मन से बितायें।
🍀 – अपनी हॉबी के लिए भी समय निकालें। आप कभी भी कुछ नया सीखने के लिए बड़े नहीं होते l
🍂 – बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करें, फिर चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो।
🍀 – आप दूसरों की तुलना में कितने भाग्यशाली हैं, इस बात को कभी न भूलें।
🍀 – किताबों से भी दोस्ती कर लें। कोई भी प्रेरणा देने वाली किताब पढ़ें।
🍂 – आप कैसा भी महसूस कर रहे हो, लेकिन हमेशा मुस्कुराते रहिये।
🍀 – दिन में कम से कम एक बार एक्सरसाइज़ ज़रूर करें।
🍂 – मेडिटेशन करें। यह आपके मन को शांति और सुख दिलायेगा।
🍂 – खाना आराम से बनायें और उतने ही आराम से खायें।
🙏❣️ *ओम शांति* ❣️🙏
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