ब्रह्माकुमारीज के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के 54 वां स्मृति दिवस को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया
ब्रह्माकुमारीज के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के 54 वां स्मृति दिवस को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया
खड़मा के ओम शांति भवन में कोरोंना गाइड लाइन का पालन करते हुए संपन्न हुआ कार्यक्रम
तेजस्वी यादव/छुरा :-
विकास खंड छुरा के खडमा स्थित प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कें ओम शांति भवन में संस्था के संस्थापक व परमात्मा के साकार माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 54 वां स्मृति दिवस को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया। शांत व आध्यात्मिक वातावरण में कोरोणा गाइड लाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मानव जगत के पितामह प्रजापिता ब्रह्मा बाबा जो 18 जनवरी 1969 को पार्थिव शरीर का विसर्जन कर अव्यक्त हुए ।ब्रह्मा बाबा जिनका लौकिक नाम दादा लेखराज कृपलानी था, जो अनेकानेक विशेषताओं व महानताओं के धनी थे।शास्त्र शिरोमणी श्रीमद भगवत गीता में भगवान के यादगार महावाक्यों में उल्लेख है , कि मैं साधारण तन में अवतरित होता हूं। दादा लेखराज का तन ही वह साधारण तन है जिसमे भगवान का अवतरण हुआ। दादा लेखराज कलकत्ता में हीरे-जवाहरात का व्यापार करते थे। उनके अंदर बचपन से भक्ति के संस्कार थे। आपने लौकिक में 12 गुरु किये थे।
पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का सबके प्रति निश्छल प्रेम, अलौकिक दृष्टि, अखंड तपस्या आज भी सभी को वरदानों से भर देती है व प्रेरणा देती है। वह एक सफल व कुशल प्रशासक भी थे।आज ही के दिन ब्रह्मा बाबा अपने स्थूल देह का त्याग कर संपूर्णता को प्राप्त कर अब्यक फरिश्ता रूप में सुक्षमवतन को प्राप्त किये। इसी लिए आज के दिन को सम्पूर्ण विश्व के 150 से भी अधिक देशों में अव्यक्त दिवस के रूप में मनाया जाता है। मौके पर याद राम साहू, उपेन्द्र चंद्र चंद्राकर,शिव शंकर यादव, अलख राम निषाद, रिमन निषाद, अगहन सिंग ठाकुर ,गोविंद यादव, सज्जन यादव कांति लाल, चंद्रिका बहन निर्मला, कुमारी,शांति माता, केशर, रदिया माता, हेमिन सहित आस पास के गितापाठ शाला के भाई बहनें मौजूद थे।