*पिता श्री ब्रह्मा बाबा के पुण्य स्मृति दिवस के अवसर पर गरियाबंद सेवा केन्द्र के संचालिका ब्र.कु.बिन्दु ने बाबा के जीवन के उपर प्रकाश डाला*
*पिता श्री ब्रह्मा बाबा के पुण्य स्मृति दिवस के अवसर पर गरियाबंद सेवा केन्द्र के संचालिका ब्र.कु.बिन्दु ने बाबा के जीवन के उपर प्रकाश डाला*
गरियाबंद
-इतिहास में कभी कभी ऐसा होता है कि अवतारी सता एक साथ बहुत रूपों में प्रकट होती है।
-वे करोड़ों ही नही पूरी मानव जाती के मनो का नये सिरे से निर्माण करते है ।
-युग परिवर्तक पिता श्री को एक ऐसी ही सता के रुप में देख जा सकता है ।
-पूरा जीवन एक विराट आत्मा ज्योति जलाई ।
-पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा आज सशरीर हमारे बीच नही है ।
-किंतु नूतन सृष्टि कैसे ढाली गयी । श्रेष्ट मानव गढ़ने का साँचा कैसे बनाया गया इसे ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के रुप में देखा जा सकता है ।
-परम पूज्य पिता श्री का वास्तविक मूल्यांकन तो कुछ वर्षों बाद इतिहासकार लिखेंगे ।
-यदि उनको आज भी कोई साक्षात देखना चाहता है या साक्षातकार करना चाहता है तो वह है उनके द्वारा दी गयी शिक्षायें ।
- हर शब्द ऐसा जो हृदय को बदलता चला जाता है ।
-हर विचार ऐसा जो आन्तरिक मन को बदलते चला जाता है ।
-लाखो करोडो लोगो का काया कल्प कर दिया ।
- ममत्व लुटाने वाले एक पिता ने नारी जाती के प्रति करुणा बिखेर कर उनको विश्व में सर्व श्रेष्ट स्थान दिया ।
- साधना के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था ।
-सधारण परिवार में जन्म लिया परंतु सफल हीरे जवाहरात के व्यापारी बने ।
- सन 1937 से लेकर 1968 तक परमपिता शिव की इच्छाओं को पूरे संसार में प्रचारित किया ।
-अपने को तथा विश्व की सर्व आत्माओ को पवित्र और शक्तिशाली बनाने में लगे रहे ।
- 18 जनवरी का दिन हमारे लिये नया जन्म बन गया और हमारे जीवन का परम सैभाग्य है क़ि इसे हम श्रेष्ट पिताश्री के अव्यक्त होने के दिवस के रुप में मनाते है ।
-पिता श्री की तपो भूमि एक विश्व विद्यालय का रुप धारण कर चुकी है ।
-पिता श्री के पद चिन्हो पर चलते हुए हमे ज्ञान की गहराई में जाने की ज़रूरत है ।
- एक योगी हजार वक्ताओं से श्रेष्ट होता है ।
-हमे ऐसा लक्ष्य रखना है जहां हम रहते है उस के 20 किलोमीटर के ऐरिया में कोई आत्मा परेशान न हो । सभी सुख शांति की तरंगे प्राप्त करते रहे ।
-निराकारी, निर्विकारी निर अहंकारी की अवस्था के बारे कथनी करनी एक हो ।
-आज के अव्यक्त दिवस पर प्यारे बाप दादा को संस्था से जूड़े सैंकड़ो भाई बहनो ने श्रध्दा सुमन श्रध्दांजलि अर्पण किया ऐसे आदि पिता को शत शत प्रणाम ।