आज का सुविचार(चिन्तन) - fastnewsharpal.com
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आज का सुविचार(चिन्तन)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..07-01-2022*..🎋


✍🏻परिवर्तन के बिना प्रगति असंभव है और जो अपने मन को नहीं बदल सकते, वे कुछ भी नहीं बदल सकते, परिवर्तन को स्वीकार करें। परिवर्तन ही कुदरत का नियम है। परिवर्तनशील आत्मायें सामना करने की शक्ति से भरपूर होती हैं।

💐 *Brahma Kumaris Daily Vichar* 💐

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻जीवन की हर समस्या के भीतर एक उपहार छुपा होता है इसीलिए जो समस्या आए तो निराश मत होइए उसका अंत आपकी उम्मीदों से सुंदर हो सकता है।

🌹 *Brahma Kumaris Daily Vichar*🌹

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💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*07 जनुअरी:-*_ स्वयम की उन्नत्ति में अधिक समय देंगे तो दुसरो की निंदा करने का समय नही मिलेगा।
        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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🙏 *ॐ शांति* 🙏

सभी जानते हैं *क्रोध* करना यानि जलते हुए अंगारे को अपने हाथ में लेकर दूसरे पर फेंकना। इससे पहले स्वयं को फिर सामने वाले को *नुकसान* होता है। *परमात्मा* की सच्ची याद से आत्मबल बढ़ा कर क्रोध रोक सकते हैं।

🌸 सुप्रभात...

💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐

🇲🇰ओम शांति ब्रह्मा मुख द्वारा सत्य गीता ज्ञान दाता निराकार शिव भगवानुवाच l 🇲🇰

♥ मीठे बच्चे मिट्टी के इस देह रूपी दिए में, आत्मा ज्योति है अविनाशी चेतन l ㊗️

🚸चेतन आत्मा में ही है, संस्कार बुद्धि और मन l सूर्य चांद सितारों के भी ऊपर है, हम आत्मा और परमात्मा पिता का असली वतन l📶 

♉सृष्टि रंगमंच पर पार्ट बजाने आए हम, पावन प्रकृति का लेकर शरीर पावन l उस समय हम पवित्र देवी देवताओं का तन मन था,जैसे शीतल,खुशबूदार,चंदन l ☯️

🈚सारी सृष्टि की नेचुरल व्यवस्था थी, फर्स्ट क्लास, नंबर वन l हमारी ही थी, सारी सृष्टि, सारी धरती, सारा गगन l ➿

♎निरंतर फूलों की सुगंध से, महकती थी पवन l सारे विश्व का मालिक, भारत स्वर्ग था, सोने,हीरे,मोतियों से संपन्न l 21 जन्म सुख चैन आनंद से बिताया, हमने जीवन l उस जीवन में सदा सुख देते थे, सर्व प्रकार के साधन I🌀

☦️ उस स्वर्ग का, और वहां के जीवन का, शब्दों में नहीं कर सकते हम वर्णन l यह सर्वश्रेष्ठ प्राप्ति, अभी इस अंतिम जन्म के, अंतिम समय में कर ले, हे प्रिय आत्मन l♑ 

⚜️यह प्राप्ति करा रहा है आज धरती पर आकर, ऊंचे ते ऊंचा भगवन l हीरे समान श्रेष्ठ जीवन बनाने के लिए, दे रहे हैं वह ज्ञान रतन l 🔱

💮यह ज्ञान रतन ही है, चरित्रवान देवी देवता बनने का, अति अनमोल धन l अब उस परमात्मा पिता की याद में रहो, सदा मगन l🛐

💕 उनसे लग जाए, हम आत्माओं की ऐसी लगन l जो टूट जाए, देह और देह के सारे बंधन l हे प्रिय आत्मन, तीनो लोक में भरो उड़ान, ऐसा स्वतंत्र बन l☢️

🙏 *ॐ शांति* 🙏

*मुश्किलें* इतनी बड़ी नहीं होती... जितना हम उन्हें सोच-सोच कर बना लेते हैं। *परमात्मा* का साथ हर मुश्किल को *सहज* कर देता है।

🌸 सुप्रभात...

💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐


🇲🇰ओम शांति ब्रह्मा मुख द्वारा सत्य गीताज्ञान दाता निराकार शिव भगवानुवाच l🇲🇰

 ♥ मीठे बच्चे यह सृष्टि घोर कलयुग के अंत और सतयुग के आदि समय में है पहुंचती l 🧺

📗तभी ब्रह्मा के देह में प्रवेश करती है, ऊंचे ते ऊंची हस्ती l कहते हैं उनको, परमपिता परमात्मा शिव महाज्योति l जब वह महाज्योति धरती पर आती, तभी से पुरुषोत्तम संगम युग की शुरुआत होती l💳

 🧫उस महाज्योति की, सर्व धर्म की आत्माएं करती है, अलग-अलग नामों से भक्ति l भारतवर्ष में उनके अवतरण का यादगार, महाशिवरात्रि  मनाई जाती l 🎛️

💰अभी आने वाले सतयुग के श्री लक्ष्मी श्री नारायण के कंबाइंड स्वरूप विष्णु चतुर्भुज, वही 84 जन्मों का चक्र लगाकर, बनते हैं ब्रह्मा सरस्वती l सरस्वती इस समय, ब्रह्मा की बेटी बन जाती l 🧬

⛵जो ब्रह्मा मुख से प्राप्त, परमात्मा पिता की नॉलेज को, संपूर्ण रुप से धारण करती l इसलिए उनको भारतवर्ष में कहते हैं, विद्या की देवी सरस्वती l 🚈

🏝️वह जगत माता, जगदंबा बनकर, सारे जगत को, अपने असली पिता परमात्मा का संदेश देती l ब्रह्मा मुख से जिनको यह नॉलेज मिलती, वही ब्रह्माकुमार ब्रम्हाकुमारीया कहलाती l🛤️

🌄 वास्तव में बड़ी मां हमारी, ब्रह्मा बनती l लेकिन साकार में पालना देने के निमित्त है, जगदंबा सरस्वती l सृष्टि के आदि पिता आदि माता है ब्रह्मा सरस्वती, जिनके द्वारा ही, नई सृष्टि की शुरुआत होती l ⚓

🚦मनुष्य सृष्टि रूपी वृक्ष के, पहले दो पत्ते हैं ब्रह्मा सरस्वती l वही श्री कृष्ण श्री राधा, जन्म लेते हैं भारत की धरती l तब यह सृष्टि, पावन सुखदाई स्वर्ग बन जाती l ⛲

🛕दो युगों के बाद अनेक धर्म की टाल टालिया, इस मनुष्य सृष्टि रूपी वृक्ष से, जुड़ जाती l अंत के दो युगों में, धीरे धीरे यह सृष्टि पतित नर्क बन जाती l ⛰️

🎢फिर से धरती पर स्वर्ग स्थापन करने आती है, परमात्मा पिता महाज्योति l अभी जो आत्माएं, परमात्मा पिता की याद से पावन बनती l ⛩️

🛸उनको मिलती है 21 जन्मों के लिए, स्वर्ग में जीवन मुक्ति l बाकी सब पतित आत्माएं, सजाए खाकर, मुक्तिधाम घर चली जाती l उनको स्वर्ग की प्राप्ति नहीं हो सकती l🚧


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