आज का सुविचार
आज का सुविचार(चिन्तन)
शुक्रवार, 14 जनवरी 2022
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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..14-01-2022*..🎋
✍🏻बीते दिनों के बारे में मत सोचें, ये दुख दे सकता है। भविष्य के बारे में मत सोचिये ये डर पैदा कर सकता है। मुस्कुराते हुए वर्तमान में रहिए और खुश रहिये।
💐 *Brahma Kumaris Daily Vichar* 💐
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻क्रोधी व्यक्ति यदि आपको शाप दे तो और आप समत्व में स्थिर रहो कुछ न बोलो तो उसका शाप ही आशिर्वाद में बदल जायेगा।
🌹 *Brahma Kumaris Daily Vichar*🌹
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*किसी का दिल जीतने के लिए* *खुद को न बदलो , सच्चे रहो और* *तुम्हें कोई ऐसा व्यक्ति मिलेगा जो* *तुम जैसे हो वैसा पसंद करेगा* *कृष्णा ने सभी के लिए किसी न* *किसी को चुन रखा हैं , मगर याद* *रखें अकेले आए हैं अकेले ही* *जाना हैं*
ओम शांति
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🙏 *ॐ शांति* 🙏
*सेवा* द्वारा प्राप्त हुई दुआ *जीवन* में तब काम करती है... जब हम अपनी गलतियों के कारण ईश्वर का साथ खो देते हैं। अतः यदि *प्रभु* मिलन से शक्ति प्राप्त न हो तो *सेवा* द्वारा दुआओं का खाता *जमा* करते जाओ।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*14 जनवरी:-*_ हम सभी मनुष्य को मंदिर मस्जिद में जाकर इसलिए रहम की भीख मांगनी पड़ती है क्योकि हम सभी ने अपनी पवित्रता को भुला दिया है।
🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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🌺🌺शुभ अमृतवेला योगाभ्यास🌺🌺
मकर संक्रांति परिवर्तन का मंगलमय पर्व है।
परिवर्तन के परम पर्व पर धरा गगन मिल गाएं।
शिव परमधाम से आएं हैं संग स्वर्णिम युग ले आएँ ।
सबका जो सहारा है वो धरती पर पधारा है।
परमधाम का रहने वाला ब्रह्मा तन में पधारा है।
धरती नगमे गाती है ,अम्बर भी मुस्कुराए ---
शिव परम धाम से आए हैं - संग स्वर्णिम युग ले आएँ।
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आज मकर संक्रांति की परम पुण्य पावन अमृतवेला है
अर्थात वह कल्याणकारी शुभ समय है -- इसे संक्रमण काल अर्थात मकर संक्रांति का मंगलमय परिवर्तन काल कहा जाता है।
इस परिवर्तन काल में भाग्य की दशा और दिशा बदल जाती है ---एक दशा से दूसरी दशा में जाने का परिवर्तन काल संस्कार- क्रांति का समय होता है -- यह संक्रमण काल उस महान संक्रमण काल का यादगार है जो कलियुग के अंत और सतयुग के आरंभ मे घटित होता है ---इस संक्रमण काल में ज्ञान सूर्य परमात्मा भी अपना स्थान बदलते हैं---वे परमधाम छोड़ कर साकार वतन में ब्रह्मातन में अवतरित होते है।
इस महापरिवर्तन के कल्याणकारी युग में स्वयं परमपिता परमात्मा शिव इस धरा पर अवतरित होकरआसुरी सभ्यता को दैवी सभ्यता में परिणत कर रहे हैं----ईश्वरीय ज्ञान तथा योग शक्ति द्वारा पापात्माओं की दुनिया को पुण्यात्माओं की दुनिया बना रहे हैं --- दानव को मानव तथा मानव को देव तुल्य बना रहे हैं --नर्क को स्वर्ग बना रहे हैं-- मैं आत्मा इस शुभ संयोग का पूरा पूरा लाभ ले रही हूं।
परम शक्ति परमात्मा की दिव्य शक्तियां ही सृष्टि को पावन बनाती हैं ।अपवित्रता की समाप्ति तथा पवित्र युग का प्रारंभ ---यही महा संक्रांति है।
मैं आत्मा इस मंगलमयी वेला में परमपिता परमात्मा से सर्व शक्तियां तथा सर्व गुणों का दिव्य उपहार ले रही हूं -- शिवपिता मुझे आप समान ओजस्वी और तेजस्वी बना रहे हैं --- मेरा परम सौभाग्य है जो मुझे इस परिवर्तन युग में परम शक्ति शिवबाबा का संग मिला है।
सर्व आत्माओं को इस महान पर्व मकर सक्रांति की अनंत शुभ कामनाएँ-- सर्व आत्माएँ पवित्र जीवन शैली अपना कर अपना जीवन सफल बनाएँ।
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🇲🇰ओम शांति ब्रह्मा मुख द्वारा सत्य गीता ज्ञान दाता निराकार शिव भगवानुवाच l🇲🇰
♥ मीठे बच्चे रावण की प्रॉपर्टी है यह पतित दुनिया और यह पतित देह तुम्हारी l अब इसे भूलकर, बनो अशरीरी l☝🏻
👏🏻 निराकारी आत्म स्वरूप में, निराकारी परमात्मा पिता के साथ, चलना है अपने घर निराकारी l👣
👨🏻🦲 फिर नई दुनिया में आएंगे, पावन देवी देवता का धारण करके, तन साकारी l इस पतित दुनिया में सभी बन गए हैं, पापाचारी, अत्याचारी, भ्रष्टाचारी l 🥸
🤡अभी आने वाला पावन स्वर्ग है, अति सुंदर, श्रेष्ठाचारी l वहां पावन देवी देवताओं की जीवन है, पवित्र, सुख, शांति, खुशियों से भरी l😇
🎪उस नई दुनिया स्वर्ग का अधिकार देते हैं, भगवान बाप निराकारी l सत्य गीता ज्ञान दाता, भगवान शिव है वह अशरीरी l गीता के भगवान श्री कृष्ण नहीं, वह तो है 84 जन्म धारी l👨🏻🦲
🏵️जिनका ही अंतिम जन्म है ब्रह्मा, उनके ही देह रूपी रथ पर, परमात्मा शिव करते हैं सवारी l ब्रह्मा मुख से ही परमात्मा पिता, श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ श्रीमत देते हैं अति प्यारी l🕉️
🇲🇰परमात्मा पिता की श्रीमत पर चलने वालों को ही कहते हैं, ब्रह्मा कुमार और ब्रह्मा कुमारी l श्रीमद्भगवद्गीता में, श्री कृष्ण को भगवान कहने से ही, भूल हुई है बड़ी भारी l 🌀
♉गीता का भगवान जन्म मरण से न्यारा, परमपिता परमात्मा शिव है निराकारी l बाकी हम सब आत्माएं, जन्म मरण के चक्र में आकर बनते हैं देहधारी l परमात्मा सदाशिव है, निराकारी, विदेही, अशरीरी l 🔆
🇲🇰वह ऊंचे ते ऊंची शिव महाज्योति, कल्प के अंत में, हम आत्माओं से मिलने पधारी l अब कहते हैं वह, ओ मीठी आत्मा प्यारी, बनो इस देह से न्यारी l🙃
👨🏻🦳मुझ पिता के साथ घर चलना है, बनकर अशरीरी l अभी खत्म हो गई, इस पतित दुनिया की दुनियादारी l अब बनो निराकारी, निर्विकारी, निरअहंकारी l😔
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