अध्यात्म
अनमोल वचन
आज का सुविचार
आज का सुविचार-चिंतन
आज का सुविचार(चिंतन)
मंगलवार, 19 अप्रैल 2022
Edit
💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..19-04-2022*..🎋
✍🏻सिर्फ दुनिया के सामने जीतने वाला ही विजेता नहीं होता।किन रिश्तों के सामने कब और कहाँ पर हारना है, यह जानने वाला भी विजेता होता है।
💐 *Brahma Kumaris Daily Vichar* 💐
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻अगर आप किसी को नमस्कार यह सोचकर कर रहे हो कि वो भी आपको करेगा तो वो नमस्कार व्यर्थ है क्योंकि नमस्कार संस्कार के कारण किया जाता है अहंकार के कारण नहीं।
🌹 *Brahma Kumaris Daily Vichar*🌹
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🙏 *ॐ शांति* 🙏
जब हमारा मन *व्यस्त* होता है तो हमें उन *सवालों* का जवाब नहीं मिलता जिसकी हम *चाह* रखते हैं, हमें जवाब तभी मिलता है जब हमारा मन *शांत* रहता है।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
🚩ओम शांति ब्रह्मा मुख द्वारा सत्य गीता ज्ञान दाता निराकार शिवभगवानुवाच l🚩
🙏🏻मीठे बच्चे मीठा बाबा सुनाता है तुम्हें, तुम्हारी ही, वंडरफुल कहानी l यह कहानी है, 5000 वर्ष पुरानी l भारतवर्ष में, बचपन के श्री कृष्ण श्री राधे, स्वयंवर के बाद बने, विश्व महाराजन श्री नारायण और श्री लक्ष्मी बनी विश्व महारानी l❤🔥
👁️वह सतयुग, स्वर्ग की घड़िया थी, बड़ी सुंदर सुहानी l वहां सर्वगुण संपन्न, सर्वशक्ति संपन्न, पावन देवी देवताओं की सूरत थी नूरानी l सभी देवी देवता, और सारी प्रजा थी आत्मज्ञानी l😇
✡️ सर्व के प्रति शुभ भावना शुभकामना, और आपसी प्रेम पवित्रता का संबंध था रूहानी l मानव तो क्या, आपसी प्रेम पवित्रता और शांति से रहते थे वहां, पशु, पंछी और प्राणी l🧎🏻♂️
🇲🇰 पावन सुखदाई प्रकृति भी थी, देवी देवताओं की दीवानी l वहां अलीशान सोने के महलों में थी, हीरे, मानिक, मोतियों की रोशनी l शक्तिशाली स्वादिष्ट थे, वहां के अनेक प्रकार के फल, अन्न और पानी l 🤓
👍🏻हर सुबह, सुंदर-सुंदर पंछी सुनाते थे, मीठी मधुर वाणी l हर रात, महारास होती थी, हर रात होती थी, पूनम की चांदनी l देवी देवताओं की, सदा निरोगी कंचन काया थी, रोग बीमारी की, नहीं थी निशानी l 😀
🚫इतनी पवित्र सुख संपन्न न दुनिया दुखदाई कैसे बनी i दो युगों के बाद, रावण दुश्मन ने कि, तुम्हारे साथ बेईमानी l खुद को भूलाकर,बना दिया तुम्हें,देह अभिमानी l 🙏🏻
😇तभी से आए, तुम्हारे अंदर, पांच विकार शैतानी l फिर खत्म हो गई, पावन देवताओं की राजधानी l पतित भक्त बने सभी, पापाचारी, भ्रष्टाचारी, दुखदाई, अज्ञानी l 🚩
🙇🏻♂️सभी जिस्म के ही बनते गए, दीवाना और दीवानी l मीठे बच्चे अब भूलो यह, जिस्म और रिश्ते नाते जिस्मानी l मेरी याद और श्रीमत से बनो, आत्म अभिमानी l🛐
🖊️इस रावण की दुनिया की भी, पूरी हो गई, दुख भरी कहानी l अब फिर से शुरू होगी यह कहानी, कल फिर से होगी हीरे मोती संपन्न, पवित्रता सुख शांति की, पावन दुनिया अपनी l🦚
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*जिस तरह नदी में बाढ़ आने पर तेज़ पानी के बहाव के कारण पूरा कचरा-कुचरा व नदी में जमा मैल भी उस बाढ़ के साथ ही बह जाता है, और नदी स्वच्छ व साफ हो जाती है और अच्छे से बहने लगती है।*
*बस उसी तरह हमें अपने मन के अंदर बसी विकारों रूपी नदी के अंदर मुरली चिंतन, आछे विचारो से सिमरन रूपी पानी से कम से कम इतना बहाव पैदा करना है, इतनी बाढ़ लानी है कि* *काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार रूपी कचरा पूरी तरह से बहकर निकल जाये और रूहानियत में आगे का रास्ता साफ होता जाये क्योंकि जब तक कचरा भरा रहेगा तब-तक आगे बढ़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।।*
ओम शान्ति
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*🦜🌹मुझे अपना हर मित्र एवम परिवार जन स्वस्थ और सुरक्षित चाहिए , आप मेरी अमूल्य धरोहर हैं।*
*आप अपने आपको स्वस्थ रखते है तो मुझ पर आपका बड़ा ऋण रहेगा।*
*ईश्वर आपको स्वस्थ बनाए रखें। समृद्धि तो हम हमारी एकता से पुनः अर्जित कर लेंगे..!!*
ॐ शांति
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