मेरी सहेली है,मेरी सायकल-मोरध्वज पटेल - fastnewsharpal.com
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मेरी सहेली है,मेरी सायकल-मोरध्वज पटेल

मेरी सहेली है,मेरी सायकल-मोरध्वज पटेल



 मेरी सहेली है,मेरी सायकल।

 मेरा   साथ   निभाती   है।।


अगर हो जाऊँ मैं अकेली ।

तो दोस्ती का फर्ज निभाती है ।।


पहूँचाती है  मुझको मेरा स्कूल ।

ट्रिन- ट्रिन  की  धुन सुनाती  है ।।

 

खिलाती  है  ताजा रसीले आम।

खुद  बड़ी  सीढ़ी  बन  जाती है ।।


कभी खरपीट-खरपीट की आवाज  करके।

मेरा सरदर्द बन जाती है ।।


करती है कड़ी से कड़ी मेहनत,

25 से 50 किलो वजन उठाती है।।


जाना हो मुझको मीलों दूर ।

तो मिनटों में पहुँचाती है ।।


लड़ा देती हम दोनों बहनों को ।

अपना आकर्षक रूप दिखाती है ।।


बना देती है हमारे पापा को जज ।

और उन्हीं से फैसला कराती है ।।


मेरी सहेली है, मेरी सायकल ।

मेरा    साथ   निभाती   है ।।


अगर हो जाऊँ मैं अकेली ।

तो दोस्ती का फर्ज निभाती है ।।




✍✍✍✍

मोरध्वज पटेल

ग्राम परसदा-कलाॅ





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