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मेरी सहेली है,मेरी सायकल-मोरध्वज पटेल
सोमवार, 25 अप्रैल 2022
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मेरी सहेली है,मेरी सायकल-मोरध्वज पटेल
मेरी सहेली है,मेरी सायकल।
मेरा साथ निभाती है।।
अगर हो जाऊँ मैं अकेली ।
तो दोस्ती का फर्ज निभाती है ।।
पहूँचाती है मुझको मेरा स्कूल ।
ट्रिन- ट्रिन की धुन सुनाती है ।।
खिलाती है ताजा रसीले आम।
खुद बड़ी सीढ़ी बन जाती है ।।
कभी खरपीट-खरपीट की आवाज करके।
मेरा सरदर्द बन जाती है ।।
करती है कड़ी से कड़ी मेहनत,
25 से 50 किलो वजन उठाती है।।
जाना हो मुझको मीलों दूर ।
तो मिनटों में पहुँचाती है ।।
लड़ा देती हम दोनों बहनों को ।
अपना आकर्षक रूप दिखाती है ।।
बना देती है हमारे पापा को जज ।
और उन्हीं से फैसला कराती है ।।
मेरी सहेली है, मेरी सायकल ।
मेरा साथ निभाती है ।।
अगर हो जाऊँ मैं अकेली ।
तो दोस्ती का फर्ज निभाती है ।।
✍✍✍✍
मोरध्वज पटेल
ग्राम परसदा-कलाॅ
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