क्या कहा शराब ने....सुरेन्द्र जैन
क्या कहा शराब ने....सुरेन्द्र जैन
शराब ने कहा मेरा कोई जमीर नहीं।
मुझे पीने वाला कोई अमीर नहीं।।
जो अमीरों की ओलादें शौक़ीन हैं।
उन जैंसा दुनिया मे कोई गरीब नहीं।।
शराब ने कहा मेरा कोई जमीर नहीं....
मैं अपराजेय योद्धा कभी हारता नहीं।
जिनकी देह मे जाऊं उनसे प्यार नहीं।।
मुझे पीने वाले को मां बहिन दिखे नहीं।
मैं अंग्रेज हूँ अंग्रेज स्वाधीनता देता नहीं।।
शराब ने कहा मेरा कोई जमीर नहीं....
मैं झोपड़ियों में घी दूध आने देता नहीं।
मेरा ही राज है तकदीर बदलती नहीं।।
मैंने गुलाम बनाया बचाने बापू भी नहीं।
ओवर रेट में भी खरीदकर बोलते नहीं।।
शराब ने कहा मेरा कोई जमीर नहीं....
मिटाकर रख दी मैने सभ्यता संस्कृति।
नेतस्तनाबूत कर दी मेने धर्म संस्कृति।।
गुलाम हैं देश के कर्णधार जमीर ही नहीं।
मेरे कुछ विरोधी बचे जिनसा अमीर नहीं।।
शराब ने कहा मेरा कोई जमीर नहीं....
गांजा अफीम नशीली गोलियां परिवार।
देश भविष्य बर्बाद करे ऐंसा है परिवार।।
चोर लुटेरा बना दिया कोई भविष्य नहीं।
वहशी दरिंदा बलात्कारी बनाता हूँ मैं ही।।
शराब ने कहा मेरा कोई जमीर नहीं....
सुरेन्द्र जैन "बाड़ी"
धरसीवां रायपुर छत्तीसगढ़