नवापारा (राजिम ) वट सावित्री का व्रत आज करना ही श्रेयस्कर-- पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
नवापारा (राजिम ) वट सावित्री का व्रत आज करना ही श्रेयस्कर-- पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
गोबरा नवापारा(राजिम)
आज रविवार को ही वट सावित्री का व्रत रखना चाहिए कतिपय कैलेंडर में इस संबंध में अलग तिथि दिए जाने के कारण अंचल में भ्रम की स्थिति को देखते हुए ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने स्पष्ट किया कि आज चंद्रोदय अमावस्या में हो रहा है, कल सोमवार को चंद्रोदय ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा की तिथि में होगा,आज रविवार को दोपहर 2:57 से अमावस्या तिथि लग रही है,व्रत निर्णय सिंधु में भी इस बात को स्पष्ट किया गया है,सोमवार को सूर्योदय यद्यपि अमावस्या तिथि में हो रहा है इसलिए सोमवती अमावस्या, दर्श अमावस्या, स्नान दान की अमावस्या सोमवार को मानी जाएगी, किन्तु सभी स्त्रियों के लिए वट सावित्री का व्रत रविवार को रखना ही श्रेयस्कर होगा,वट सावित्री के व्रत के विषय में स्कन्द पुराण, भविष्य पुराण व ब्रम्हांड पुराण में उल्लेख मिलता है,जिसमे कहा गया है कि सधवा, विधवा, वृद्धा, बालिका, सपुत्रा अपुत्रा सभी स्त्रियों को सावित्री का व्रत करना चाहिए,यह व्रत ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी से लेकर अमावस्या की तिथि तक किया जाता है, जो इन तीन दिनों तक यह न कर सके, उसे अमावस्या को एक दिन संकल्प लेकर वट वृक्ष में शिव पार्वती व यमराज का वास मानते हुए उसका पूजन करना चाहिए उस पर कच्चा सूत लपेट कर परिक्रमा करना चाहिए, सावित्री ने अपने पति सत्यवान की अल्प मृत्यु हो जाने पर अपने सतीत्व के बल पर यमराज से पति के प्राण वापस लौटा लाए थे, इसीलिए सभी सुहागिने अपने पति की दीर्घ्यायु की कामना को लेकर यह व्रत करती हैं, श्री राधाकृष्ण मंदिर व श्री राजीव लोचन मंदिर में आज रविवार को ही वट सावित्री का पर्व मनाया जा रहा है।