*ब्रह्माकुमारी संस्थान ने मनाई ब्रह्माकुमारी नंदनी बहन की प्रथम पुण्यतिथि - fastnewsharpal.com
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*ब्रह्माकुमारी संस्थान ने मनाई ब्रह्माकुमारी नंदनी बहन की प्रथम पुण्यतिथि

 *ब्रह्माकुमारी संस्थान ने मनाई ब्रह्माकुमारी नंदनी बहन की प्रथम पुण्यतिथि



*छुरा वनांचल की नंदनी बहन ने राजस्थान की धरणी में लहराई आध्यात्म की ध्वजा



छुरा:-

 छुरा नगर की आध्यात्मिक संस्थान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेंद्र की भवन में ब्रह्माकुमारी नंदिनी बहन का प्रथम पुण्यतिथि  शुक्रवार 13 मई को मनाई गई। छुरा अंचल के ग्राम कोरासी की जोहतराम ठाकुर  की बेटी नंदनी ठाकुर, शिक्षक भोज राम ठाकुर की छोटी बहन थी।जो छुरा सेवा केन्द्र के माध्यम से 1997- 98 में अपनी लौकिक शिक्षा खडमा स्कूल  से पूर्ण कर आध्यात्मिक जीवन की राह पकड़ी।व  ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्यालय माउंट आबू से  समर्पित ब्रह्माकुमारी का जीवन ईश्वरीय सेवा में अर्पित कर मानव कल्याणार्थ राजस्थान की झालावाड़ सेवा केन्द्र में विगत 20 वर्षों से सेवाएं दे रही थी, कि गत वर्ष  13 मई 2021को कोरोना महामारी के संक्रमित होने से अपना नश्वर देह त्याग कर ईश्वर की शरण प्राप्त की।

प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर राजिम मुख्य सेवा केन्द्र की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी पुष्पा ,गरियाबंद जिला मुख्यालय सेवा केन्द्र की ब्रह्माकुमारी बिंदु ,कोपरा सेवाकेंद्र की बी के कुंती , खड़मा उप सेवाकेंद्र की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी, कौंदाकेरा की बी के तारनी दीदी, फिंगेश्वर सेवाकेंद्र किं ब्रह्मकुमारी उमा दीदी, चमपारण की ब्रह्माकुमारी शकुन्तला दीदी, देवभोग सेवाकेंद्र की संचालिका बी के बसंती बहन,श्यामनगर से ब्रह्माकुमारी शीला दीदी व इन्दौर से पहुंची ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने अपने मुखारबिंद से उनके साथ बिताए पलों को याद कर उनके ईश्वर के प्रति समर्पण भाव,त्याग तपस्या, गुण, स्वभाव संस्कार सेवा कार्य को सभी के रखते हुए प्रेरणा लेने की बात कही। 


स्थानीय सेवा केन्द्र की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी गायत्री दीदी उसके जीवन वृत्त की जानकारी देते हुए कहा कि नंदनी बहन इस सेवा केन्द्र की पहली ब्रह्माकुमारी बहन निकली जिनहोने कभी पिछे मुड़कर नहीं देखी जो यहां से कोसो दुर राजस्थान की धरणी में आध्यात्मिक ईश्वरीय ज्ञान से अनेकों आत्माओं के जीवन को नई दिशा दी वखुद के जीवन को सफल बनाएं।

मुख्य संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी ने कहा कि बहुत ही भाग्यशाली है वह मात पिता जिन्होंने अपने बच्चो को इस संगम पर विश्व परिवर्तन के समय ईश्वरीय कार्य हेतु भगवान को अर्पित कर भगवान के कार्य के मददगार बने यह कन्या 21कुल का उद्धार करने वाली शिवशक्ति देवी है।

इस अवसर पर सभी सेवा केंद्रों से ब्रह्माकुमार भाई बहने बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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