छतीसगढ़ के मूल निवासी संविदाकर्मियों के वेतन में तीन वर्ष बाद भी वेतन वृद्धि नही यह कांग्रेस सरकार की घृनित मानसिकता एवं उदासीनता का परिचायक है:अशोक यादव - fastnewsharpal.com
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छतीसगढ़ के मूल निवासी संविदाकर्मियों के वेतन में तीन वर्ष बाद भी वेतन वृद्धि नही यह कांग्रेस सरकार की घृनित मानसिकता एवं उदासीनता का परिचायक है:अशोक यादव

छतीसगढ़ के मूल निवासी संविदाकर्मियों के वेतन में तीन वर्ष बाद भी वेतन वृद्धि नही यह कांग्रेस सरकार की घृनित मानसिकता एवं उदासीनता का परिचायक है:अशोक यादव



आरंग

-सर्व विभागीय संविदा कर्मचारियों के पक्ष में भाजपा मंडल आरंग के मण्डलमंत्री अशोक यादव ने कहा कि संविदा में नियुक्त अधिकारी कर्मचारी विभाग में स्वीकृत पदों के विरुद्ध बजट प्रावधानित है अतः पृथक से बजट प्रावधान की आवश्यकता नहीं है महंगाई सूचकांक में लगातार अधिक  वृद्धि हुई हैं जो कि बाजार में स्पस्ट रूप में देखने को मिल रहा है नियमित शासकीय सेवको के महंगाई भत्ते में 1 जनवरी 2019 के पश्चात जुलाई 2021 में 5 प्रतिशत मई 2022 में पुनः 5 प्रतिशत तथा माह अगस्त में पुनः 6 प्रतिशत की वृद्धि की गई कलेक्टर दर पर नियुक्त कर्मचारियों के वेतन में भी प्रत्येक छः माह में वेतन वृद्धि किया जाता हैं संविदा वेतन की दरों में वृद्धि हुए 3 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है नियमित शासकीय कर्मचारियों की महँगाई भत्ते में 2 से 3 बार 16 प्रतिशत की वृद्धि 2021-22 एवं 2022-23 में हुई हैं नियमित कर्मचारियों की तरह ही संविदा कर्मचारी भी शासन का एक अभिन्न अंग हैं कार्यभार जिम्मेदारी में कोई अंतर नहीं होता हैं इस प्रकार संविदा कर्मचारी द्वारा महत्वपूर्ण शासकीय कार्यो का निष्पादन पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करने के बावजूद भी आर्थिक रूप से अत्यंत ही पिछड़े हुए हैं अल्प वेतन पर कार्य करने हेतु मजबूर है, वर्तमान में कांग्रेस शासन में मुख्यमंत्री एवं अन्य जिम्मेदार मंत्रीगण द्वारा चुनाव पूर्व वर्ष 2018 में संविदा कर्मियों के सम्मेलन में स्वयं उपस्थिय होकर संविदा कर्मियों को नियमित करने का आश्वासन दिया था तथा अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल किए थे बावजूद इसके 3 वर्ष पश्चात भी कोई सार्थक कार्यवाही नहीं किया गया है पिछले 3 वर्षों में कांग्रेस शासन में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्यवाही नही की और न ही वेतन वृद्धि की गई हैं जो कि अत्यंत ही निराशजनक एवं कांग्रेस शासन के कथनी एवं करनी को प्रदर्शित करता है।

पूर्व से ही प्रत्येक वर्ष संविदा कर्मचारियों का वेतन निर्धारण समय सीमा में किया जाता रहा है लेकिन कांग्रेस सरकार के शासन में आने के बाद वेतन वृद्धि संबंधी कोई भी कार्यवाही नहीं कि गईं। विभिन्न संविदा कर्मचारी संगठनो के द्वारा पिछले 3 वर्षों से पत्राचार के माध्यम से शासन को वेतन वृद्धि के संबंध में निवेदन किया गया वित्त विभाग के अधिकारियों द्वारा संविदा कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के संबद्ध में किसी भी प्रकार की रुचि निर्णय नही लिया जाना छत्तीसगढ़ के मूल निवासी संविदा कर्मियों के प्रति उनकी घृनीता मानशिकता एवं उदाशीनता का परिचायक है।

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