संतान की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा कमरछठ का व्रत
संतान की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा कमरछठ का व्रत
जयलाल प्रजापति /नगरी
संतान प्राप्ति, संतान की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए किए जाने वाले हलषष्ठी का पूजन बेलरगांव में किया गया. माताओं ने अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना के साथ व्रत रखा.
इस दिन माताएं संतानों की लंबी आयु के लिए सुबह से लेकर रात तक निर्जला व्रत रखती हैं. इस व्रत में भगवान शंकर जी की अराधना की जाती है. पूजा के लिए विशेष रुप से भैंस के दूध का ही उपयोग किया जाता है. लाई, नारियल और विशेष प्रकार के चावल से प्रसाद बनाया जाता है....
पसहर चावल का महत्व....
इस दिन पसहर चावल का भोग लगाया जाता है और इसे ही प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. यह चावल मार्केट में 80 से लेकर 150 रुपये किलो तक बिक रहा है. इस चावल के उत्पादन में काफी मेहनत लगती है. लिहाजा इसकी कीमत भी ज्यादा होती है. पसहर चावल का अर्थ यह है कि जिसे हल से ना उगाकर जंगल झाड़ियों मेड या दूसरी जगह से जुटाया जाए, इसे जुटाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. हरछठ का व्रत इस चावल के बिना पूरा नहीं होता.