नगर के सेठ फूलचंद महा.की रासेयो की 25 वीं वर्षगाँठ पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन
नगर के सेठ फूलचंद महा.की रासेयो की 25 वीं वर्षगाँठ पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन
गोबरा नवापारा नगर
सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के 25 वर्ष होने पर रजत जयंती समारोह कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम में डॉ समरेन्द्र सिंह राज्य एन.एस.एस अधिकारी व पदेन उप-सचिव उच्च शिक्षा विभाग छ.ग.शासन मुख्य अतिथि, श्री मनमोहन अग्रवाल कार्यक्रम अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रमेश पहाड़िया उपाध्यक्ष शासी निकाय, डॉ.ए.करीम पूर्व कार्यक्रम समन्वयक रासेयो गुरूघासीदास वि.वि. बिलासपुर, डॉ.मालती तिवारी राज्य नोडल अधिकारी यूनिसेफ,जि.सं.रासेयो महासमुंद, डॉ.ज्ञानेन्द्र शुक्ला पूर्व रासेयो जिला संगठक रायपुर, डॉ.एल.एस.गजपाल रासेयो जिला संगठक रायपुर, डॉ.लखन चैधरी पूर्व रासेयो कार्यक्रम अधिकारी महाविद्यालय के रूप में उपस्थित रहे। सर्वप्रथम सरस्वती पूजन के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया तत्पश्चात सभी अतिथियों का स्वागत बैच लगाकर एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।
सर्वप्रथम प्राचार्य डॉ.शोभा गावरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि महाविद्यालय में रासेयो की नींव डॉ.लखन चैधरी जी ने रखी थी और उनके पश्चात् डॉ.आर.रजक ने आज पर्यन्त इकाई को बखूबी संभाला है साथ ही इसकी ख्याति राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची है जिसके लिये वे बधाई के पात्र है। डॉ.लखन चैधरी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन बिना जीवंतता एवं जीवटता के अधूरा है रासेयो एक ऐसी इकाई है जिसमें भाग लेकर विद्यार्थी अपनी कई कमियों को दूर कर सकता है। मुझे आज भी स्मरण है जिस समय मैं यहाँ सेवारत् था मुझे शासी निकाय का भरपूर सहयोग मिला जिस कारण मैं इस इकाई को यहाँ स्थापित कर सका। एन.एस.एस. एक ऐसा मंच है जहाँ अनेक विकार दूर हो सकते और यह हमे बहुमुखी प्रतिभा का धनी बना देती है। यहाँ बिताया समय मेरे लिये अविस्मरणीय है। डॉ.मालती तिवारी ने कहा कि इस महा. की इकाई ने अपनी अलग पहचान बनाई है। एन.एस.एस. से जुड़े बच्चे जीवन जीने की कला सीखते है साथ ही समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बना पाते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम सदैव प्रेरणास्त्रोत होते हैं। डॉ.ज्ञानेन्द्र शुक्ला ने कहा कि फूलचंद कालेज की इकाई से अनेक कार्यक्रम किये गए जो सराहनीय है। यहाँ के स्वयं सेवकों ने कोरोना काल में समाज के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह व्यक्तित्व विकास के लिए एक बेहतरीन मचं है। इससे विद्यार्थियों को समुदाय की समस्याए समझने का अवसर मिलता है जिससे वे स्वयं व समाज का बेहतर विकास कर पाते हैं। डॉ.ए.करीम ने अपने उद्बोधन में कहा कि एन.एस.एस.ने डॉ.समरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में अनेक कार्य किया है। एन.एस.एस.ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की हैं जिससे हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहें है। डॉ.एल.एस.गजपाल ने कहा कि एन.एस.एस. के स्वयं सेवक राष्ट्रीय स्तर पर इस संस्था को पहचान दिलाई है ये हमारे लिये गौरव की बात है। जो भरा नहीं है भावों से........। तन समर्पित मन समर्पित.......। मुझे तोड़ लेना वनमाली.......। जैसी पंक्तियों से स्वयं सेवकों का उत्साहवर्धन किया। मुख्य अतिथि डॉ.समरेन्द्र सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि एन.एस.एस. का कोई भी स्वयं सेवक भूतपूर्व नहीं अपितु अभूतपूर्व होता है। एन.एस.एस. इकाई कोई लक्ष्य नही बल्कि मार्ग है जिससे जुड़कर हम किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते है। हमें चाहिये की विद्यार्थियों में बालपन से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष पुरूषार्थ की सही जानकारी दे जिससे युवा केवल अर्थ और काम की ही लालसा न रखें अपितु अच्छा नागरिक और इंसान बनने हेतु उसमे धर्म और मोक्ष जैसे पुरूषार्थ का भी समुचित विकास हो सके। एन.एस.एस. में आकर स्वयं सेवकों का केवल सर्वांगीण विकास ही नही होता वह अपनी अनेक बुराईयों को भी साल दर साल त्यागता है। इससे स्वयं सेवक ही नहीं बल्कि शिक्षक और कार्यक्रम अधिकारी का भी चहुँमुखी विकास होता है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शोभा गावरी, उप-प्राचार्य डाॅ. मनोज मिश्रा, डॉ.राजेन्द्र गदिया, श्री अशोक गंगवाल, एवं एन.एस.एस के पूर्व स्वयं सेवक ठाकुर राम साहू, विकास साहू, अविनाश शर्मा, लक्ष्मीनारायण साहू, अभिजीत श्रीवास, सूरज सिन्हा,देवव्रत चक्रधारी, वेदप्रकाश पटेल, खिलेश साहू, लोकेश राजपूत, दीपक श्रीवास, विकास तिवारी, अर्चना रणसिंह, ज्ञानेन्द्र सिन्हा, रोहित बासवार, रंजित रॉय, धनेन्द्र साहू, चितरंजन साहू, मानसी तिवारी, याचना तिवारी, रोहित साहू, अमित टंडन, धनेश्वर मेहर, पूर्णानंद साहू, श्रीराम, बोधराम साहू, चेतन साहू, नीलकंठ साहू, परमानंद साहू, मोनिका साहू, प्रियंका साहू, तृप्ति साहू, ययाति साहू, वरूण साहू, प्रीता साहू, महेश्वरी साहू। कार्यक्रम के अंत में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति स्वयं सेवकों द्वारा दी गई। अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.आर.के.रजक एवं स्वयं सेवक लक्ष्मीनारायण साहू ने किया। कार्यक्रम में प्राध्यापकगण, कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।