एम मनु पब्लिक स्कूल देवभोग मे निबंध प्रतियोगिता में विनर बच्चों को सर्टिफिकेट और मोमेंटो देकर किया उनका उत्साह वर्धन और सम्मान - fastnewsharpal.com
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एम मनु पब्लिक स्कूल देवभोग मे निबंध प्रतियोगिता में विनर बच्चों को सर्टिफिकेट और मोमेंटो देकर किया उनका उत्साह वर्धन और सम्मान

 एम मनु पब्लिक स्कूल देवभोग मे निबंध प्रतियोगिता में विनर बच्चों को सर्टिफिकेट और मोमेंटो देकर किया उनका उत्साह वर्धन और सम्मान 


पुरस्कृत बच्चों के साथ अतिथि प्राचार्य एवं स्कूल स्टाफ

महेंन्द्र ठाकुर (विशेष संवाददाता)

स्कूली शिक्षा के साथ बच्चों को एक्टिविटीज और उनके संपूर्ण विकास के लिए गरियाबंद जिले के सुदूर देवभोग अंचल में एम मनु पब्लिक स्कूल की फाउंडर एवं प्राचार्य श्रीमती मांडवी मिश्रा कम समय में एक जाना पहचाना नाम बन गया है इन्होंने अपने स्कूल में pp1 से क्लास फिफ्थ तक सभी बच्चों का उनके आईक्यू का आकलन करके उस हिसाब से उनकी शिक्षा और अन्य टैलेंट को उभारने में कोई कसर नहीं रखती हैं इसी क्रम में दशहरा पर्व की छुट्टी के पूर्व क्लास टू से क्लास फिफ्थ तक क्लासरूम के हिसाब से निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया था और दशहरा पर्व की छुट्टी के पूर्व बच्चों को सर्टिफिकेट और मोमेंटो देकर उनका सम्मान और उत्साहवर्धन किया संयोगवश उसी दिन विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर का उनके स्कूल में 5th क्लास और फोर्थ क्लास के बच्चों के साथ मोटिवेशनल कार्यक्रम था उक्त कार्यक्रम के पश्चात उन्हीं के द्वारा उक्त पुरस्कार और मोमेंटो प्रदान करवाया गया।

पुरस्कृत बच्चों में क्लास फिफ्थ से  शिवाज्ञा मिश्रा प्रथम पुरस्कार एवं पायल अग्रवाल द्वितीय पुरस्कार एवं सोनम नेताम भी इसी क्लास से द्वितीय पुरस्कार क्लास फोर्थ से आराध्या अग्रवाल  एवं हंसिका प्रथम पुरस्कार संयुक्त रुप से, दृष्टि डोंगरे द्वितीय पुरस्कार एवं क्लास 3 से स्नेहा अग्रवाल एवं लाली सिन्हा  प्रथम पुरस्कार एवं मोहित सोना द्वितीय पुरस्कार क्लास 2 से आरोही अग्रवाल एवं युवराज अग्रवाल संयुक्त रुप से फर्स्ट प्राइज देवांश बूबको द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया एवं

 पुरस्कार पाकर बच्चों के चेहरे खिल गए।

शिक्षा के साथ ज्ञान का भी समावेश रखती हूं... स्कूल की प्राचार्य एवं फाउंडर श्रीमती मांडवी मिश्रा ने विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर को बताया- मेरा सिद्धांत बच्चों को शिक्षा के साथ ज्ञान की प्राप्ति- जोकि  हमारे प्राचीन शिक्षा पद्धति का मूल मंत्र था इसी वजह से भारत विश्व गुरु कहलाता था।

निबंध प्रतियोगिता एवं प्राइज वितरण में स्कूल स्टाफ की सविता बाघ, पूरब माझी ,नलिनी नायक, चंचल भुट्टर ,संतृप्ति पात्र, तेजेश्वरी सोना, और बाघ सर का प्रशंसनीय योगदान रहा।


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