गरियाबंद मे जलाराम बापा की 223 वीं जयंती मनाया गुजराती समाज के सदस्यों द्वारा बड़ी धूमधाम के साथ
गरियाबंद मे जलाराम बापा की 223 वीं जयंती मनाया गुजराती समाज के सदस्यों द्वारा बड़ी धूमधाम के साथ
गरियाबंद
श्रीजलाराम बापा की 223 वीं जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाई गई। हरीश भाई ठक्कर के निवास जलराम बप्पा जयंती का धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। यहां,स्थापित जलाराम बापा की प्रतिमा की गुजराती समाज के लोगों ने पूजा की। वहीं,अभिषेक, पूजन, दीप दान,महाभोग का अनुष्ठान किए गए। महाआरती के बाद महिलाओं ने भजन कीर्तन कर जलाराम बापा का गुणगान किया। जयंती पर पूजन के बाद लोगोंं के बीच प्रसाद बांटा गया। पूजा में गुजराती समाज के सभी सदस्य शामिल हुए
राम नाम में लीन है देखत सब में राम ताके पद वंदन करू जय जय जलाराम- हरीश ठक्कर
समाज प्रमुख हरीश भाई ठक्कर ने जलाराम बप्पा जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बतलाया
महान संत जलाराम का जन्म संवत 1856 को कार्तिक शुक्ल सप्तमी को राजकोट के पास ग्राम वीरपुर में हुआ था उनके पिता प्रधान ठक्कर तथा माता राजबाई धार्मिक संस्कारों वाली महिला थी जिसका प्रभाव जलाराम पर भी हुआ, उन्होंने प्रभु भक्ति और मानव सेवा अद्भुत मिशाल कायम की
संत जलाराम ने अपने गुरु भोजलराम के आशीर्वाद से उन्होंने सदाव्रत नाम से भोजनशाला आरंभ की जिसमें साधु संतों व राहगीरों के लिए 24 घंटे निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती हैं लोगों ने उनके धैर्य व प्रभु भक्ति की अनेक कठिन परिक्षाएं ली लेकिन जलाराम बापा सभी परिक्षाओं में खरे उतरे, लोगों को उनके आशीर्वाद से अनेक चमत्कार घटित होते देखें जिससे उनकी ख्याति तथा एक सिद्ध संत के रूप में जन आस्था का केंद्र बन गये तथा संत जलाराम बापा के रूप में पूजें जाने लगे। यह मान्यता है कि आज भी जो सच्चे मन से बापा की पूजा करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है आज भी जलाराम बापा के तीर्थ के रूप पूरे विश्व में विख्यात है।
ठक्कर निज निवास में जहाँ हमेशा की तरह पूज्य संत श्री जलाराम बापा की पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरण किया जाता है श्रद्धालुओं के पूजा अर्चना एवं स्वल्पाहार की व्यवस्था की जाती है
जलाराम जयंती पर हरीश ठक्कर निवास स्थित जलाराम बापा के प्रतिमा में दिनभर भजन कीर्तन होता है दोपहर में भोजन प्रसाद वितरित होता है जिसमें गुजराती व जैन समाज के आलवा शहर के सभी वर्ग के शताधिक श्रद्धालु शामिल होकर जलाराम बापा का प्रसाद ग्रहण करते हैं
उल्लेखनीय है कि गुजराती समाज द्वारा ठक्कर परिवार के निज निवास में जो परम्परा आरंभ हुआ है आज वृहद स्वरुप ग्रहण कर चुकीं है। और प्रति वर्ष सैकड़ों लोग श्री जलाराम बापा की जयंती में शामिल होकर पुण्य के भागी बन रहे हैं इस वर्ष जलाराम बापा की जयंती धूमधाम से मनाया जा रहा है
ये रहे शामिल – हरिश ठक्कर घाश्याम सरवैय्या भारत भाई बख़ारिया अरविंद भाई ख़िलोशिया जलराम ठक्कर अमित् ठक्कर दीपक सरवैय्या प्रकाश सरवैय्या आशीष ठककर दिनेश मायानी हरमेश चावड़ा जातींन चावड़ा हिमांशु सांगड़ी अमित बखारिया वैभव किरण निखिल वंश आयुष , भानु मति बेन भावना बेन नैना बेन रेखा बेन रीटा बेन कल्पना बेन रीना बेन कोकिल बेन ममता बेन नूतन बेन अनीता बेन रोमा बेन माधुरी बेन पूर्णिमा बेन जेसल बेन सपना बेन भक्ति बेन मानसी यामिनी दीप्ति बेन दिशा जिया अवनी दृष्टि निराली तृषा रिशा ख़ुशी माही