पहले भोजन किया फिर कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर रस्सी खींच कर दिखाई ताकत
पहले भोजन किया फिर कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर रस्सी खींच कर दिखाई ताकत
रायपुर
जिले की समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल दिवस सप्ताह मनाया जा रहा है । इस सप्ताह का उद्देश बच्चों को उनके अधिकारों से परिचित कराना साथ ही सुरक्षा और सेहत को दुरुस्त रखने के लिए खेलकूद की गतिविधियां भी आयोजित की जा रही है। बाल दिवस सप्ताह का आयोजन जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर श्रीमती निशा मिश्रा के नेतृत्व और श्रीमती सरोजिनी चौधरी रायपुर शहरी-2 परियोजना अधिकारी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है ।
इस बारे में गुढ़ियारी क्षेत्र की सुपरवाइजर रीता चौधरी ने बताया: ‘’राज्य से निर्देश प्राप्त हुआ था, कि 14 से 20 नवंबर तक बाल दिवस सप्ताह मनाया जाएगा । विशेष रूप से 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाया जाएगा । विश्व बाल दिवस पर पूरे विश्व में बाल अधिकारों के विषय में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से समावेशी खेलों के माध्यम से बच्चों की सुरक्षा को बढ़ावा देना है । लोगों को बाल अधिकारों के विषय में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ बच्चों एवं युवाओं के लिए खेल के अवसर पैदा करने का भी एक अवसर है । बच्चों और युवाओं में जीवन कौशल क्षमता को बढ़ाने और प्रेरणादायक रोल मॉडल और बालिका सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का एक सहायक अवसर है। इसी कड़ी में 14 नवंबर से 20 नवंबर तक जिले में गुढ़ियारी क्षेत्र की 28 आंगनबाड़ी केंद्रों में विश्व बाल दिवस सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है । विशेष रूप 18 नवंबर को खेल गतिविधियां आयोजित करने के लिए निर्देशित किया गया था । आज बच्चों के बीच पिट्टूल, रस्सी खींच, लंगडी, खो-खो, लट्टू और अन्य खेल जिसमें बच्चों के शारीरिक विकास जैसे छोटी और बड़ी मांसपेशियों का विकास हो ऐसी गतिविधियां आयोजित की गई ।"
गुढ़ियारी सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्र कुदरापारा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तारा शर्मा एवं सहायिका ईश्वरी राय बताती है: ‘’विश्व बाल दिवस सप्ताह के अंतर्गत शारीरिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है साथ ही नियमित रूप से भोजन भी परोसा जा रहा है । बच्चों ने पहले भोजन किया और फिर कार्यकर्ता एवं सहायिका के साथ रस्सी खींच गतिविधियों का आयोजन किया। जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।"
आंगनबाड़ी केंद्र पर आया लाभार्थी बच्चा गोपाल ने बताया: “आज मैंने ऐसी ताकत से रस्सी खीची कि दीदी को भी खीच लिया ।"
इसके अलावा बच्चों ने दौड़, खो-खो भी खेली । बालगीत सुनाए और गरम गरम भोजन में दाल रोटी सब्जी भी ग्रहण की ।