श्याम नगर में ब्रह्माकुमारी कुंती द्वारा तनावमुक्त जीवन के सिद्धांत पर सप्तदिवसीय श्रीमद भगवद्गीता गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन - fastnewsharpal.com
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श्याम नगर में ब्रह्माकुमारी कुंती द्वारा तनावमुक्त जीवन के सिद्धांत पर सप्तदिवसीय श्रीमद भगवद्गीता गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन

श्याम नगर  में ब्रह्माकुमारी कुंती द्वारा तनावमुक्त जीवन के सिद्धांत पर सप्तदिवसीय श्रीमद भगवद्गीता गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन




तेजस्वी /छुरा

ब्रह्माकुमारी श्यामनगर द्वारा संचालित सेवा केंद्र एवं  ग्रामवासियों के सहयोग से सप्तदिवसीय श्रीमद भगवद्गीता गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्याम नगर स्थित शीतला मंदिर प्रांगण में किया जा रहा है । श्रीमद्भागवत गीता में तनावमुक्त जीवन के सिद्धांत बताए गए हैं। कार्यक्रम में रामायण के साथ-साथ महाभारत में वर्णित प्रसंग सिद्धांतों को साधारण व सहज तरीके से जन-जन तक समझाने के लिए कथा वाचक ब्रह्माकुमारी कुंती दीदी द्वारा    रामायण व श्रीमद भागवत गीता के अर्थ व महत्व को अपनी ओजस्वी वाणी से स्पष्ट किए।

ब्रह्मकुमारी दीदी  रामायण और श्रीमद भागवत गीता के सिद्धांतों को सरल करके समझाते हैं क्योंकि श्रीमद भागवत गीता योग शास्त्र है और रामयण प्रयोग शास्त्र है। श्रीमद भागवत गीता के सिद्धांत सिखाते हैं कि जीवन में कैसे पालन करना है वो वहां प्रायोगिक तौर पर दिखाया गया है।श्रीमद भागवत गीता के सिद्धांतों को सरलीकरण कर जन-जन तक समझाते हैं जिससे उनमें से महान ग्रंथ का अर्थ व महत्व आ सके।



 उन्होंने बताया कि पहले का समय धर्मक्षेत्र था परन्तु वर्तमान समय कुरुक्षेत्र बन गया है। हमारे जीवन में धर्म आचरण में था तो यह धर्मक्षेत्र अपितु हमारे जीवन में विश्वासी, द्वेष, द्वेष व हम एक दूसरे के साथ गलत व्यवहार करते हैं, युद्ध करते हैं यानी इसका कुरुक्षेत्र बनाते हैं यानी वर्तमान समय को कुरुक्षेत्र कहते हैं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि हमारे मन में भी मानसिक युद्ध, परिवार अंजान युद्ध, राष्ट्रीय व वैश्विक युद्ध चल रहा है, यानी पूरी दुनिया युद्ध का मैदान बन चुकी है।

बात की जाए 5000 हजार साल पहले की तो उस समय भी युद्ध की तैयारियां हो चुकी थीं। उस समय भी धर्म व कर्म को भूलने लगे थे तब उस स्थिति को देखकर भगवान  अवतरित हुए और उन्होंने श्रीमद भागवत गीता का ज्ञान दिया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आधुनिक महाभारत में कौरव पाण्डव, जिन्हें महाभारत में वर्णित युद्ध हिंसक था या अहिंसक था। गीता ज्ञानदाता का रूप, कालचक्र का ज्ञान, ज्ञान-विज्ञान योग, श्रेष्ठ कर्म की पहचान, भक्ति योग के साथ-साथ जीवन की संपूर्ण विधि को सरलीकरण द्वारा जन मानस को कथा के माध्यम से बताते हुए,आधुनिक काल में महाभारत एवं श्रीमद भगवद्गीता का तात्पर्य व मानव जीवन में उपयोगिता का रहस्योद्घाटन किया ।

बी.के. शीला दीदी संचालिका ब्रह्मकुमारी श्यामनगर   श्रीमद भागवत गीता ज्ञान यज्ञ

कार्यक्रम की कमिश्नरी के साथ ही कार्यक्रम को सफल बनाने में बी.के. निर्मला, बी  के पारा  माता  लखन, लूकेश सहित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सदस्य गण के विशेष योगदान रहा।इस अवसर पर ग्राम की माताएं, बहनें, व वरिष्ठ जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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