सच्ची गौसेवा--गौ सेवकों ने किया गाय का किया अंतिम संस्कार
सुरेन्द्र जैन /धरसींवा
गाय को माता तो सभी कहते हैं जीवित रहते उसका दूध भी पीते हैं लेकिन जब उसकी मृत्यु हो जाती है तो घर मे हो तो गांव के बाहर किसी को पैसे देकर बेदर्दी से फिकवाते हैं या सड़क हादसे में मृत्यु हो तो सड़क किनारे ही सड़ती रहती हैं और कुत्ते गौमाता के शव को नोचते हैं जबकि धरसीवा के सांकरा सिलतरा धनेली में गांव के बजरंग दल से जुड़े युवा मृत्यु के बाद निःस्वार्थ भाव से गाय का अंतिम संस्कार अपने स्वयं के तन मन धन से करते हैं.....बीते 4 सालों से गांव के युवा यह पुनीत कार्य कर भारतवर्ष के उन लोगो के लिए एक सबक हैं जो मृत्यु उपरांत गाय को कुत्तों को नोचने छोड़ देते हैं.....गांव के इन युवाओं में हर वर्ग के युवा हैं बजरंग दल से जुड़े युवाओं ने सेवा दल बनाकर व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया है जब भी उन्हें कहीं सड़क हादसे में या अकस्मात गाय की मृत्यु की सूचना मिलती है वह तत्काल पहुचकर आपसी सहयोग से अंतिम संस्कार करते हैं .....ओधोगिक इकाइयों से जेसीवी की मदद मांगने पर कभी मिलती है कभी नहीं मिलती लेक़ीन वह अपना धर्म निभाते हैं .....चार सालों में अनगिनत गाय का अंतिम संस्कार कर चुके इन युवाओं का कभी न तो किसी संस्था ने उत्साहवर्धन किया न कभी शासन प्रशासन ने बाबजूद इसके वह निःस्वार्थ भाव से अपना धर्म निभा रहे मंगलवार को भी सांकरा में दो गायों की मृत्यु पर युवाओं की टीम पहुची ओर अंतिम संस्कार किया