गृह मन्त्री अमित शाह ने लोकसभा में 2023 का तीन संशोधन बिल पेश किए प्रशंसनीय - टीकम चन्द साहू पुर्व सरपंच ग्राम जौन्दी
गृह मन्त्री अमित शाह ने लोकसभा में 2023 का तीन संशोधन बिल पेश किए प्रशंसनीय - टीकम चन्द साहू पुर्व सरपंच ग्राम जौन्दी
नवापारा (राजिम)
मानसुन सत्र के आखिरी दिन गृह मन्त्री अमित शाह ने लोकसभा में 2023 का तीन संशोधन बिल पेश किए जो 163वर्ष पुर्व ब्रिटिश शासन की मजबुती और सुरक्षा के मद्देनजर सन 1860,72 और 98में अंग्रेजो के द्वारा कानुन बनाए गए थे | ग्राम जौन्दी के पुर्व सरपंच टीकम चन्द साहू ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि पहला भारतीय न्याय संहिता (इंडियन ज्युडिसियल कोड) 137 पेज का है जो आईपीसी (इंडियन पिनल कोड) है जो 511सेक्शन के जगह 356 सेक्शन, दूसरा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(इंडियन सिविल डिफेंस कोड) 78 पेज का है जो सीआरपीसी (कोड आफ क्रिमीनल प्रोसीजर)है 484 सेक्शन के स्थान पर 533 सेक्शन,तथा तीसरा भारतीय साक्ष्य बिल (इंडियन एविडेंस बिल )197 पेज का जो एविडेंस एक्ट था,167सेक्शन के जगह170 सेक्शन का होगा | टीकम चन्द साहू ने आगे बताया कि प्रधानमन्त्री श्री मोदी जी के सेकेण्ड टर्म की शुरूवाती कालखण्ड में ही गृहमंत्रालय का कुनबा इसकी तैयारी में जूट गया था और निरन्तर चार बरस तक 158 बैठक करके,142 सांसद,200 विधायकों,विधिवेत्ताओ,सुप्रीम कोर्ट,हाईकोर्ट के न्यायधीशों एवं जनता जनार्दन के सुझाव के आधार पर यह संशोधन बिल लाया गया जिसकी जानकारी कल केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह ने लोकसभा के पटल पर यह विधेयक पेश करते करते हुए दी | मॉब लिचिंग और नाबालिकों के रेफ के मामले में मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है और कहा कि इस बिल का उद्देश्य दण्ड नहीं पिढि़तों के लिए न्याय होगा |
टीकम चन्द साहू ने बताया कि देश भर के विधि के विद्यार्थियों में खुशी की लहर हैकि वे अब स्वतंत्रत भारत की सरकार और देशभक्त भारतवासियों के द्वारा बनाए गए कानुन की पढा़ई करेंगे जो भाजपा सरकार के नेतृत्व में ही संभव हो पाया है वह भी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अमृत काल में हालांकि वे सब आईपीसी,सीआरपीसी एवं एवीडेंस एक्ट की हजारों की किताब ले चुके थे |