*भारत सरकार ने खजुराहो के अति प्राचीन जैन मंदिरों को अधिग्रहण करने की अधिसूचना वापिस नहीं ली तो जैन समाज खुलकर भाजपा सरकार का विरोध करेगी। - fastnewsharpal.com
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*भारत सरकार ने खजुराहो के अति प्राचीन जैन मंदिरों को अधिग्रहण करने की अधिसूचना वापिस नहीं ली तो जैन समाज खुलकर भाजपा सरकार का विरोध करेगी।

 *भारत सरकार ने खजुराहो के अति प्राचीन जैन मंदिरों को अधिग्रहण करने की अधिसूचना वापिस नहीं ली तो जैन समाज खुलकर भाजपा सरकार का विरोध करेगी।*

 


  शिवपुरी-सुरेन्द्र जैन /धरसींवा 

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिनांक 22/08/2023 को जारी सार्वजनिक नोटिस F-N/15-270/NMA/HBL जारी किया गया है जिसके अनुसार भारत सरकार का पुरातत्व विभाग म प्र के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो के 1350 वर्ष पूर्व चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित ऐतिहासिक एवं प्राचीन 3 जैन मंदिरों का अधिग्रहण करेगा। भारत सरकार के इस निर्णय से संपूर्ण भारत की जैन समाज एवं साधु संत दुखी हैं। क्योंकि खजुराहो के अति प्राचीन इन सभी जैन मंदिरों में जैन समाज एवं जैन साधु संतों द्वारा निरंतर पूजा अर्चना एवं धर्म ध्यान किया जाता है। ऐसी स्थिति में यदि भारत सरकार द्वारा इन प्राचीन जैन मंदिरों का अधिग्रहण किया जाता है तो जैन समाज एवं जैन साधु संतों को धर्म आराधना करने में बहुत ज्यादा परेशानी होगी।



        वैसे भी केंद्र में बैठी भाजपा सरकार द्वारा गत कई वर्षों से जैन धर्म के श्री गिरनार जी,श्री सम्मेद शिखर जी,श्री गोम्मट गिरी जी,पलिताना जी आदि अनेक तीर्थ स्थलों पर कब्जे के प्रयास किये जा रहे हैं। श्री कृष्ण जी के चचेरे भाई श्री नेमिनाथ भगवान की निर्वाण स्थली गिरनार जी गुजरात में तो 2004 में मोदी जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए पूरी तरह से कब्जा कराकर दत्रातेय की मूर्ति बिठा दी है तब से वहाँ पर जैन धर्म के अनुयायियों को पूजा अर्चना करने में बहुत ज्यादा दिक्कत पैदा की जाती है। 

        भारत सरकार द्वारा दिल्ली में अभी G-20 समिट आयोजित की गयी थी उसमें भी जैन धर्म को ईसा से मात्र 650 वर्ष प्राचीन बताया गया है। जो की केंद्र सरकार का अत्यधिक निंदनीय कृत्य है। क्योंकि हिंदू धर्म के ही 18 प्राचीन वेद पुराणों में भी जैन धर्म को प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ जी से प्रारंभ होकर उनके ज्येष्ठ पुत्र श्री भरत जी के नाम पर भारत का नाम भारत होना बताया गया है। जिसे केंद्र में बैठी भाजपा सरकार झुठलाने का प्रयास कर रही है। भारत की जैन समाज सरकार के इस कृत्य की घोर निंदा करती है। 

     केंद्र सरकार के खजुराहो के अति प्राचीन जैन मंदिरों के अधिग्रहण एवं जैन धर्म के साथ किये जा रहे अन्याय के विरुद्ध सकल जैन समाज एवं समस्त जैन संगठनों ने आज श्री छत्री जैन मंदिर शिवपुरी पर एकत्रित होकर रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर भारत के प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री म प्र एवं सदस्य सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के नाम कलेक्टर महोदय को ज्ञापन देते हुए जैन समाज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत सरकार ने ये सार्वजनिक नोटिस वापिस नहीं लिया तो जैन समाज उग्र आंदोलन करेगी तथा आगामी विधान सभा चुनाव एवं लोकसभा चुनाव में भाजपा का खुलकर विरोध करेगी। 

     ज्ञापन का वाचन सकल जैन समाज महापंचायत समिति के कार्याध्यक्ष महेन्द्र जैन भैयन ने किया। इस अवसर श्री छत्री जैन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार जैन जड़ी बूटी वाले, महामंत्री प्रकाश जैन,श्री चंद्रप्रभु जैन मंदिर के अध्यक्ष सूरज जैन,महावीर जिनालय महल कॉलोनी के महामंत्री चंद्र सेन जैन, पुरानी शिवपुरी जैन मंदिर के अध्यक्ष वाय के जैन,श्री नेमिनाथ जिनालय विजयपुरम के सचिव अशोक जैन, सकल जैन समाज महापंचायत समिति शिवपुरी के अध्यक्ष दिनेश जैन,महामंत्री सुरेंद्र जैन,दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष अजित जैन चौधरी,ट्रस्टी जिनेश जैन महासचिव जिला कांग्रेस, नरेंद्र जैन भोला उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस,वैश्य महासम्मेलन के अध्यक्ष सिंघई अजित जैन,जैन मिलन के अध्यक्ष मनोज जैन,पुलक जैन चेतना मंच के अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन, वात्सल्य समूह के संस्थापक सचिव अजय जैन,पूर्व अध्यक्ष दिनेश जैन,मनोज जैन कोषाध्यक्ष जिला कांग्रेस,मुकेश जैन पत्रकार,संजय जैन, स्यादवाद युवा क्लब के संयोजक अभिषेक जैन, प्रदीप जैन,ओम प्रकाश जैन, प्रमोद जैन, अंकित जैन, मनीष जैन,अजय जैन, अमित जैन,वीरेंद्र जैन,अनुराग जैन, पंकज जैन,चितरंजन जैन,शैलेंद्र जैन, आरती जैन पत्रकार,चंद्र प्रकाश जैन,आदर्श जैन,दिनेश जैन महरौली,नवीन जैन, सुमत जैन, सुरेंद्र जैन वंटी सहित जैन समाज के सैकड़ों सदस्य उपिस्थित थे जो कि केंद्र सरकार द्वारा जैन समाज एवं जैन धर्म पर किये जा रहे आघात से बहुत ही आक्रोशित थे और सभी का एक आवाज में यही कहना था कि केंद्र सरकार यदि खजुराहो जैन मंदिरों को अधिग्रहण करने वाली सूचना वापिस नहीं लेती है तो जैन समाज प्रत्येक चुनाव में भाजपा का विरोध करेगी।

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